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विश्व धरोहर दिवस 2024: क्या है इतिहास, महत्व और थीम, सब यहां जानें

अपने स्थानीय सांस्कृतिक प्रतीकों और स्मारकों का दौरा करें और उनके संरक्षण के लिए आगे आएं

Dayanidhi

हर साल विश्व धरोहर दिवस 18 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व धरोहर दिवस को स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस साल यह विशेष दिन गुरुवार को पड़ रहा है।

धरोहर हमारी सांस्कृतिक विरासत एक राष्ट्र और संस्कृति के रूप में हमारी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बहुत ऐतिहासिक महत्व भी रखती है और हमें अपनी समृद्ध परंपराओं और इतिहास से जुड़ने में मदद करती है।

हालांकि, विरासत भवनों और स्मारकों को संरक्षण और सुरक्षा की आवश्यकता है। उनके महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और लोगों से दुनिया की विरासत संपत्तियों की सुरक्षा में एक साथ आने का आग्रह करना महत्वपूर्ण है। हम अपनी विरासत के माध्यम से अपने इतिहास से जुड़ते हैं।

विश्व धरोहर दिवस का इतिहास:

साल 1982 में, अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (आईसीओएमओएस) ने हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाने के विचार को प्रस्तावित किया था। उसके अगले ही वर्ष, यूनेस्को के आम सम्मेलन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। तब से, हर साल 18 अप्रैल को यह विशेष दिवस मनाया जाता है।

विरासत स्मारक और स्थल अक्सर मानवीय गतिविधियों, प्राकृतिक आपदाओं और शहरीकरण के शिकार हो रहे हैं। आज, उनकी सुरक्षा और संरक्षण के महत्व को फिर से स्थापित करने का दिन है।

विश्व विरासत सम्मेलन (1972) में कहा गया है: “सांस्कृतिक या प्राकृतिक विरासत की किसी भी वस्तु का ह्रास या लुप्त होना दुनिया के सभी देशों की विरासत के लिए हानिकारक है”। हालांकि, विभिन्न सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की मान्यता, व्याख्या और अंततः संरक्षण में असंतुलन अभी भी मौजूद है।

यूनेस्को के मुताबिक, आईसीओएमओएस के साथ मिलकर, यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र विरासत की पहचान, संरक्षण और भावी पीढ़ियों तक इनके पहुंचने में समावेशी और विविध दृष्टिकोण का समर्थन करता है।

विश्व धरोहर दिवस की थीम या विषय:

इस साल के विश्व धरोहर दिवस का विषय है - विविधता की खोज करें और उसका अनुभव करें है।

विश्व धरोहर दिवस का महत्व:

प्राकृतिक परिदृश्य, ऐतिहासिक स्मारक, सांस्कृतिक प्रथाएं, परंपराएं, रीति-रिवाज और प्राचीन खंडहर विश्व की विरासत का हिस्सा हैं। इन्हें सुरक्षित रखना जरूरी है। वे अपने सांस्कृतिक मूल्य के लिए जाने जाते हैं और यूनेस्को द्वारा उनके सार्वभौमिक महत्व के लिए भी मान्यता प्राप्त हैं।

ये विरासत स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी हैं जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। वे हमें अपने समृद्ध इतिहास और अतीत पर नजर डालने में मदद करते हैं जिसके बारे में हम पहले नहीं जानते थे। उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित और सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।

भारत में स्मारक :

भारत में कुल 3691 स्मारक और स्थल हैं। इनमें से 40 को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया है। जैसा कि हम विश्व धरोहर दिवस 2024 मना रहे हैं, आइए कुछ ऐतिहासिक स्मारकों पर नजर डालें जिन्हें आप इस अवसर पर भारत में देख सकते हैं

ताज महल

लाल किला

कुतुब मीनार

हुमायूं का मकबरा

हम्पी के मंदिर

सांची स्तूप

हवा महल

चार मीनार

अजंता और एलोरा की गुफाएं

खजुराहो के मंदिर