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यूपी पंचायत चुनाव : किसी भी गांव में सार्वजनिक सभा के लिए पांच से ज्यादा लोगों के न जुटने का आदेश

महामारी कानून की अवधि 30 जून तक विस्तारित किए जाने के बाद अब पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी राज्यों को यह आदेश दिया गया है।

Vivek Mishra

एक तरफ देश के चुनिंदा राज्यों में जोर-शोर से विधानसभा चुनाव संपन्न हो रहे हैं तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को कोरोना संक्रमण प्रसार का अंदेशा दिखाकर नियंत्रित करने के लिए आदेश जारी किए जा रहे हैं।  अब उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रचार प्रसार पर रोक लगाने के लिए किसी भी गांव में प्रचार या सार्वजनिक सभा आयोजित करने के लिए पांच लोगों से ज्यादा एकत्र न होने का आदेश लागू करने को कहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में महामारी नियंत्रण कानून -2020 को 30 जून तक विस्तारित कर दिया है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में बंद कमरों में 100 लोग (हॉल का 50 फीसदी) और खुले स्थानों पर 200 लोगों को इजाजत देने के लिए आदेश जारी किया है। 

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 4 अप्रैल, 2021 को जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों और  पुलिस अधीक्षकों को आदेश में कहा गया है कि एक जगह पर किसी भी गांव में पांच से ज्यादा लोग न एकत्र हों और सभी जिले  धारा 144 का इस्तेमाल करते हुए इसका कड़ाई से पालन करें। 

वहीं, पंचायत स्तर पर स्थानीय कार्यक्रमों के जरिए डोर-टू-डोर अभियान करने वाले प्रत्याशियों का कहना है कि देश भर में चुनाव हो रहे हैं लेकिन सिर्फ उनके चुनाव को ही बांधने की कोशिश की जा रही है।

सरकार की ओर से कहा गया है यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए। वहीं कोविड-19 को देखते हुए सार्वजनिक भोज की व्यवस्था भी न की जाए। 

उत्तर प्रदेश में चार चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं। पहले चरण का मतदान 15 अप्रैल, 2021 को होगा। इसमें कुल 18 जिले शामिल होंगे। वहीं, दूसरे चरण का चुनाव 19 अप्रैल, तीसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल और चौथे चरण का चुनाव 29 अप्रैल को होगा। 

पहले चरण में श्रावस्ती जिला भी शामिल है। जिले के खरगौरा पटना के निवासी राहुल तिवारी का कहना है कि यदि कोरोना संक्रमण का इतना भय है तो नियमों में एकरूपता होनी चाहिए। देशभर के अलग-अलग राज्यों में चुनाव जारी है। जबकि गांवों के लिए पंचायत चुनाव एक बड़े पर्व जैसा है। पंचायत स्तर पर चुनावों के दौरान प्रत्याशी अक्सर ग्रामीणों को अपने स्थानीय एजेंडे समझाते हैं जिसमें पंचायत की बेहतरी शामिल होती है। ऐसे बंधनों से लोगों का अपने नेताओं से संपर्क टूटेगा। वे एजेंडे के आधार पर बेहतर तरीके से प्रत्याशियों का चुनाव तक नहीं कर पाएंगे। 

वहीं, कल पहले चरण मतदान को लेकर उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में चुनाव की ड्यूटी में शामिल होने वालों का प्रशिक्षण होगा। यह इसलिए भी खास होगा कि किसी महामारी के दौरान यह पहला पंचायत चुनाव संपन्न होने जा रहा है।