इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट घर-घर की जरुरत बन चुका है। आज ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो, या मामला बच्चों की पढाई का ज्यादातर चीजें इंटरनेट पर ही निर्भर है। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में इसका उपयोग काफी बढ़ चुका है। हालांकि इसके बावजूद महिलाओं और पुरुषों के बीच इंटरनेट उपयोग की दूरी अभी भी बरकरार है।
विश्व में जहां 62 फीसदी पुरुष इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं वहीं महिलाओं के मामले में यह आंकड़ा 57 फीसदी ही है। वहीं यदि पिछड़े देशों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो डिजिटल डिवाइड की यह जो खाई है वो अभी भी काफी गहरी है। यह जानकारी हाल ही में इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन द्वारा 2021 के लिए जारी वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में सामने आई है।
हालांकि यह भी सच है कि महिला-पुरुष के बीच डिजिटल डिवाइड का यह जो गैप है वो धीरे-धीरे कम हो रहा है। विकसित देशों में तो यह लगभग पूरी तरह दूर हो चुका है। विकसित देशों में जहां 89 फीसदी पुरुष इंटरनेट से जुड़ चुके हैं वहीं महिलाओं में यह जुड़ाव करीब 88 फीसदी है।
वहीं दूसरी तरफ पिछड़े देशों की बात करें तो एक तरफ जहां 31 फीसदी पुरुष इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं महिलाओं में यह आंकड़ा केवल 19 फीसदी ही है। इसी तरफ अफ्रीका में यह अंतर विशेष रूप से स्पष्ट हैं जहां 35 फीसदी पुरुषों की तुलना में केवल 24 फीसदी महिलाएं ही इंटरनेट का उपयोग कर रही हैं। वहीं यदि अरब देशों की बात करें तो वहां यह 56 फीसदी महिलाओं की तुलना में 68 फीसदी पुरुष इंटरनेट से जुड़ चुके हैं।
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन ने इंटरनेट के उपयोग में इजाफा किया है। यही वजह है कि महामारी के पहले वर्ष में इंटरनेट उपयोग करने वालों के आंकड़े में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि पिछले एक दशक में हुई सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है।
2019 के दौरान इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में आई इस रिकॉर्ड वृद्धि के लिए कहीं हद तक विकासशील देशों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में हुआ इजाफा वजह थी। इस दौरान विकासशील देशों में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या में 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी जबकि पिछड़े देशों में यह वृद्धि 20 फीसदी से अधिक थी।
अभी भी 290 करोड़ लोगों की पहुंच से दूर है इंटरनेट
भले ही दुनिया भर में इंटरनेट ने लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन इसके बावजूद अभी भी इंटरनेट 290 करोड़ लोगों की पहुंच से दूर है, जोकि वैश्विक आबादी का करीब 37 फीसदी है। वहीं इनमें से करीब 96 फीसदी लोग विकासशील देशों के हैं।
वहीं दूसरी तरफ दुनिया में करीब 490 करोड़ लोग आज इंटरनेट से जुड़ चुके हैं, जोकि वैश्विक आबादी का करीब 63 फीसदी हिस्सा है। आंकड़ों की मानें तो 2019 के बाद से इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसका मतलब है कि तब से लेकर अब तक और 78.2 करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़ चुके हैं।
यदि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच की खाई की बात करें तो जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली 39 फीसदी आबादी इंटरनेट का उपयोग कर रही है वहीं शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा करीब दोगुना है, जोकि 76 फीसदी है। यदि विकसित देशों की बात करें तो यह अंतर न के बराबर है वहां शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 89 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों के 85 फीसदी इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं।
वहीं विकासशील देशों में यह अंतर लगभग दोगुना है। एक तरफ विकासशील देशों की जहां 72 फीसदी शहरी आबादी इंटरनेट से जुड़ी है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले केवल 34 फीसदी लोग इन इंटरनेट सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं यदि पिछड़े देशों की बात करें तो यह अंतर चार गुना है। वहां एक तरफ जहां ग्रामीण क्षेत्रों की 13 फीसदी आबादी इंटरनेट से जुड़ी है जबकि दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों के लिए यह आंकड़ा करीब 47 फीसदी है।
देखा जाए तो 15 से 24 वर्ष का जो युवा वर्ग है, उसमें अन्य की तुलना में इंटरनेट का चाव कहीं ज्यादा है यही वजह है कि इस आयु वर्ग की करीब 71 फीसदी आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही है, जबकि अन्य आयु वर्ग की केवल 57 फीसदी आबादी इंटरनेट उपयोग कर रही है।
यह अंतर पिछड़े देशों में कहीं ज्यादा स्पष्ट है जहां इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली शेष 22 फीसदी आबादी की तुलना में 34 फीसदी युवा इंटरनेट से जुड़ चुके हैं। युवाओं की बढ़ती भागीदारी कनेक्टिविटी और विकास के लिए बहुत अच्छा संकेत है।
हालांकि अभी भी साधनों और डिजिटल कौशल की कमी एक बड़ी समस्या है। साथ ही अभी भी एक बड़ी आबादी इसके फायदों से अनभिज्ञ हैं। यही नहीं स्थानीय भाषाओं में सामग्री की कमी के साथ-साथ साक्षरता और जानकारी की कमी भी इंटरनेट के विकास की एक बड़ी अड़चन है।