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मानसून सत्र: जानिए पर्यावरण से जुड़े कौन-कौन से विधेयक संसद के इस सत्र में हो सकते हैं पेश

संसद के इस सत्र में पेश होने वाला भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, अंटार्कटिक में पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में गतिविधियों को नियमित करने की बात करता है

Kiran Pandey

लोकसभा सचिवालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, संसद के इस मौजूदा मानसून सत्र में 29 विधेयकों को पेश किया जाना है। उनमें से यदि कुछ विधेयक अधिनियमित हो जाते हैं, तो कई प्रमुख क्षेत्रों पर उनका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

इनमें से 24 विधेयक नए हैं, जबकि केंद्र सरकार वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 और अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019 और भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 सहित कुछ अन्य लंबित विधेयकों को भी इस सत्र में मंजूरी देने का प्रयास करेगी।

गौरतलब है कि 18 जुलाई 2022 से शुरू होने वाले इस मानसून सत्र के 13 अगस्त 2022 तक चलने की उम्मीद है।

इनमें से भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2022, 01 अप्रैल, 2022 को लोकसभा में पेश किया गया था। यह विधेयक अंटार्कटिक संधि, अंटार्कटिक में मौजूद समुद्री संसाधनों के संरक्षण पर कन्वेंशन और अंटार्कटिक संधि के लिए पर्यावरण संरक्षण पर बने प्रोटोकॉल को प्रभावी बनाने का प्रयास करता है। अंटार्कटिका में भारत के वैज्ञानिक अभियान की शुरुआत 1981 में हुई थी। वर्त्तमान में इस क्षेत्र में देश के दो स्टेशन मैत्री और भारती मौजूद हैं।

यह बिल अंटार्कटिक में पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ वहां मौजूद स्टेशनों के शासन सहित क्षेत्र में गतिविधियों को नियमित करने का प्रयास करता है। साथ ही यह अंटार्कटिका में कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है, जिसमें परमाणु विस्फोट और रेडियोधर्मी कचरे का निपटान शामिल है। इसके अलावा यह उस क्षेत्र में बंजर मिट्टी को रोकने के साथ समुद्र  में प्लास्टिक, कचरा या अन्य पदार्थों के फेंकने पर भी रोक लगाता है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा 17 दिसंबर, 2021 को लोकसभा में पेश किए गए वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 की विशेषज्ञों ने आलोचना की थी। उन्होंने इस विधेयक को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के 'विपरीत' करार दिया था। ऐसे में यदि वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, इस सत्र में यदि पारित हो जाता है, तो जीवित हाथियों के वाणिज्यिक व्यापार की अनुमति मिल जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले 21 अप्रैल 2022 को, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन पर बनी संसदीय स्थायी समिति ने लोकसभा में विधेयक पर एक रिपोर्ट सौंपी थी।

कांग्रेस से जुड़े जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली इस स्थायी समिति ने मानव-पशु संघर्ष के मुद्दे पर समिति के सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं को इस बिल में शामिल नहीं करने पर इसकी आलोचना की थी। साथ ही इस समिति ने एक अन्य वैधानिक समिति के गठन पर भी स्पष्टीकरण मांगा था।

इसके साथ ही कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2021, व्यक्तियों की तस्करी (संरक्षण, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2022, भंडारण (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2022, ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022 और खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2022 इस सत्र में पेश किए जाने वाले 24 नए विधेयकों में से कुछ विधेयक हैं।

देखा जाए तो इस सत्र में पेश होने वाले भंडारण (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2022 के पारित होने से देश में भंडारण के वैज्ञानिक इकोसिस्टम को मजबूत करने की संभावना है। डाउन टू अर्थ की एक पूर्व रिपोर्ट के अनुसार खराब भंडारण और परिवहन सुविधाओं के कारण भारतीय किसानों को हर साल 92,651 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

इस सत्र में व्यक्तियों की तस्करी (संरक्षण, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2022 को भी पेश किया जाना है। हाल ही में जारी स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट रिपोर्ट 2022 से पता चला है कि सतत विकास लक्ष्य 16 के तहत मानव तस्करी को संबोधित करने के मामले में भारत की प्रगति संतोषजनक नहीं है। ऐसे में यह नया विधेयक व्यक्तियों (विशेषकर महिलाओं और बच्चों) की तस्करी को रोकने और उसका मुकाबला करने में मददगार हो सकता है।