विकास

खुशहाली के मामले में 149 देशों की सूची में 139वें स्थान पर रहा भारत

Lalit Maurya

खुशहाली के मामले में 149 देशों की सूची में भारत को 139वें पायदान पर रखा गया है, जो स्पष्ट तौर पर यह दिखाता है कि भारत में लोग उतना खुश नहीं हैं जितने कि अन्य देशों के लोग हैं। गौरतलब है कि 2019 में भारत को 140 वां स्थान मिला था। यह जानकारी 'वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट 2021' में सामने आई है।

इस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के बावजूद फिनलैंड लगातार चौथे वर्ष दुनिया का सबसे खुशहाल देश है जबकि डेनमार्क इस सूची में दूसरे नंबर पर है। वहीं स्विटजरलैंड तीसरे स्थान तो आइसलैंड चौथे और नीदरलैंड पांचवें स्थान पर है। वहीं न्यूजीलैंड, यूरोप के बाहर का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने शीर्ष-10 की लिस्ट में अपनी जगह बनाई है।

यदि दक्षिण एशिया की बात करें तो 2.5 अंकों के साथ अफगानिस्तान दुनिया का सबसे दुखी देश है जिसे इस सूची में सबसे अंतिम यानि 149वें  स्थान पर रखा गया है। इस रिपोर्ट में नेपाल को 87वें, मालदीव को 89, बांग्लादेश को 101, पाकिस्तान को 105, श्रीलंका को 129 वें स्थान पर रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार इन सभी देशों की स्थिति भारत से बेहतर है। 

अफगानिस्तान में लोग हैं सबसे ज्यादा दुखी

इस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को 19वें पायदान पर रखा है जो पिछले साल 18वें स्थान पर था। इसी तरह ब्रिटेन 13वें पायदान से फिसलकर 17वें नंबर पर आ गया है जबकि जापान 56 और चीन 94वें पायदन से अपनी स्थिति सुधारते हुए 84वें पायदान पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में लोग सबसे ज्यादा दुखी हैं। इसके बाद जिम्बाब्वे 148वें, रवांडा 147वें, बोत्सवाना 146 और लेसोथो 145वें स्थान पर है।

इस रिपोर्ट में जीडीपी, सामाजिक समर्थन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और देश में भ्रष्टाचार के स्तर जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए खुशी के स्तर का मूल्यांकन किया जाता है। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट गैलप की तरफ से तैयार किए गए सर्वे और उससे प्राप्त आंकड़ों के औसत पर आधारित है। इस वर्ष शोधकर्ताओं के सामने कोविड-19 महामारी और उसके कारण उपजे संकट और प्रभावों को मापना भी एक बड़ी चुनौती थी। 

दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश हो जिसपर कोरोना का असर न पड़ा हो पर इन सब समस्याओं के बावजूद फिनलैंड, डेनमार्क, स्विटजरलैंड, आइसलैंड, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, लक्सम्बर्ग, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने यह साबित कर दिया है यदि पूरा देश साथ हो तो किसी भी समस्या का सामना किया जा सकता है और चुनौतियों के बीच भी खुश रहा जा सकता है।