प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
विकास

पेड़ों के आसपास इंटरलॉकिंग टाइल का मामला, एनजीटी ने नगर निगम के जवाब को बताया विरोधाभासी

इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लुधियाना नगर निगम के जवाब पर नाखुशी जाहिर की है और उसे विरोधाभासी बताया है

Susan Chacko, Lalit Maurya

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तीन अक्टूबर, 2024 को कहा है कि कंक्रीट इंटरलॉकिंग टाइल्स को हटाने के मामले में कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया है। ऐसे में लुधियाना नगर निगम और लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दोनों ही आदेशों का उल्लंघन करने के दोषी हैं।

इस मामले में एनजीटी ने लुधियाना नगर आयुक्त और लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन को 23 अक्टूबर 2024 को होने वाली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।

वहीं लुधियाना नगर निगम ने अपने जवाब में कहा है कि किसी भी पेड़ के एक मीटर के दायरे में कोई इंटरलॉकिंग टाइल नहीं लगाई गई है, जोकि प्रतिबंधित क्षेत्र है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि शहर में सभी इंटरलॉकिंग टाइलों को छिद्रित टाइलों से बदलने में भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा।

क्यों एनजीटी ने जवाब को बताया विरोधाभासी

हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने लुधियाना नगर निगम के जवाब पर नाखुशी जाहिर की है और इसे विरोधाभासी बताया है। ट्रिब्यूनल का कहना है कि निगम के मुताबिक प्रतिबंधित क्षेत्रों में कोई इंटरलॉकिंग टाइल नहीं लगाई गई, लेकिन दूसरी तरफ यह भी कहा है कि इंटरलॉकिंग टाइलों को छिद्रित टाइलों में बदलने के लिए कदम उठाए गए हैं।

साथ ही नगर निगम ने इस बात का भी दावा किया है कि शहर में सभी टाइलों को बदलने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है।

अदालत का कहना है कि तथ्य यह है कि शहर में सड़कों के किनारे और पेड़ों के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्रों में कंक्रीट की इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई गई हैं। इन टाइलों को पूरी तरह से हटाया नहीं गया है या उनकी जगह छिद्रित टाइलें नहीं लगाई गई हैं। इसका मतलब है कि ट्रिब्यूनल के पिछले आदेश का पालन नहीं किया गया।

इस मामले में लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने दावा किया है कि उन्होंने प्रतिबंधित टाइलें हटा दी हैं। हालांकि, आवेदक योगेश मैनी और अन्य ने तस्वीरों के साथ अपना जवाबी हलफनामा पेश किया, जिसमें दिखाया गया कि ट्रस्ट के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में इंटरलॉकिंग टाइलें अभी भी मौजूद हैं और उन्हें बदला नहीं गया है।

इस मामले में आवेदक द्वारा 20 सितंबर, 2024 को दायर अतिरिक्त प्रस्तुतिकरण से पता चला है कि लुधियाना नगर निगम अभी भी गिल रोड पर अपने जोन-सी कार्यालय के पीछे की ओर और सड़क किनारे कंक्रीट की टाइलें बिछा रहा है। इस तरह अवैध कार्य अभी भी जारी हैं।