प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
विकास

नवी मुंबई में नियमों के अनुसार है सिडको की प्रस्तावित तटीय सड़क परियोजना: पर्यावरण मंत्रालय

अदालत को सौंपी रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि परियोजना शुरू करने से पहले मैंग्रोव की कटाई और इसके संरक्षण के संबंध में जारी निर्देशों के मद्देनजर मुंबई उच्च न्यायालय से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी

Susan Chacko, Lalit Maurya

नवी मुंबई में उल्वे कोस्टल रोड (यूसीआर) परियोजना को सीआरजेड अधिसूचना, 2011 के तहत अनुमति दी गई है, और महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) ने 23 अगस्त, 2023 को अपने पत्र में इसकी सिफारिश की है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने 28 जनवरी, 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह बातें कहीं हैं।

अदालत को बताया गया है कि सिडको की प्रस्तावित परियोजना सीआरजेड Iए, सीआरजेड Iबी, सीआरजेड II और सीआरजेड IV (बी) क्षेत्रों में स्थित है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने मैंग्रोव, अंतर-ज्वारीय क्षेत्रों और मडफ्लैट्स के साथ-साथ अन्य पर्यावरणीय चिंताओं पर परियोजना के संभावित प्रभाव की समीक्षा की है। इन प्रभावों को कम करने के लिए, विशिष्ट शर्तें निर्धारित की गई हैं।

ईएसी ने सिफारिश की है कि परियोजना को बिना किसी रुकावट के मैंग्रोव में प्राकृतिक ज्वारीय जल प्रवाह को सुनिश्चित करना चाहिए। इस प्रवाह को बनाए रखने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, परियोजना के लिए मैंग्रोव को किसी भी तरह से हटाने से पहले वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत मंजूरी लेनी चाहिए।

इसके अलावा, परियोजना शुरू करने से पहले मैंग्रोव की कटाई और इसके संरक्षण के संबंध में जारी निर्देशों के मद्देनजर मुंबई उच्च न्यायालय की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।

सीआरजेड-आईए और सीआरजेड-आईबी क्षेत्रों में सड़क को सीआरजेड अधिसूचना, 2011 के अनुसार सड़क को पुल की तरह खंभों पर बनाया जाना चाहिए।  इसके अतिरिक्त, निर्माण और भूमि में आए बदलावों के प्रभाव को ट्रैक करने के लिए खाड़ी के पानी की गुणवत्ता की नियमित रूप से जांच की जानी चाहिए, जिसकी रिपोर्ट मंत्रालय के साथ साझा की जानी चाहिए।

शहर और औद्योगिक विकास निगम (सिडको) ने नवी मुंबई में तटीय सड़क बनाने की पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मांगी है, जो अमरा मार्ग को एमटीएचएल जंक्शन से जोड़ेगी। इसके साथ ही हवाई अड्डे को जोड़ने के लिए भी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।

एमओईएफसीसी की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 26 सितंबर, 2023 को हुई अपनी बैठक में इस परियोजना पर विचार किया है। इस विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति में समुद्री पारिस्थितिकी, वन, समुद्र विज्ञान, मैंग्रोव, सड़क अनुसंधान और सिविल इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं, जिनके पास 2011/2019 के सीआरजेड नियमों के आधार पर परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता है।

अवैध रेत खनन से खतरे में रोंगई नदी, एनजीटी ने कार्रवाई पर मांगी रिपोर्ट

30 जनवरी, 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पूर्वी बेंच ने वेस्ट गारो हिल्स के डिप्टी कमिश्नर और वेस्ट और साउथ वेस्ट गारो हिल्स, तुरा के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर को एक नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। हलफनामे में बताना होगा कि मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स में रोंगई नदी को नुकसान पहुंचाने वाले अवैध रेत खनन को रोकने के लिए क्या कुछ कदम उठाए गए हैं।

इस मामले में अगली सुनवाई 7 मार्च, 2025 को होगी।

गौरतलब है कि 29 जून, 2024 को शिलॉन्ग टाइम्स में छपी एक खबर के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है। इस खबर के मुताबिक रोंगई नदी के बीच में लगाई लोहे की बाड़ और पश्चिमी गारो हिल्स के चिबिनंग में अनियंत्रित अवैध रेत खनन से कटाव और नुकसान हो रहा है।

ये गतिविधियां नदी प्रदूषण की भी वजह बन रही हैं। इनकी वजह से पानी उपयोग के लिए असुरक्षित हो रहा है। इतना ही नहीं यह जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।