जलवायु

तापमान में हुई 10 डिग्री की वृद्धि तो 25 फीसदी से ज्यादा घट जाएगा मिट्टी में मौजूद कार्बन भंडार

Lalit Maurya

हाल ही में किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि जिस तेजी से तापमान में वृद्धि हो रही है उसके चलते मिट्टी र्बन अवशोषित करने की जगह छोड़ने लगेगी। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ मिट्टी में मौजूद 25 फीसदी से ज्यादा कार्बन भंडार खत्म हो जाएगा।

गौरतलब है कि बढ़ते तापमान के प्रभाव को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने दुनिया भर से लिए गए मिट्टी के 9,000 से ज्यादा नमूनों का विश्लेषण किया है, जिसके निष्कर्ष से पता चला है कि औसत तापमान में होती वृद्धि के साथ मिट्टी की कार्बन भंडारण क्षमता घटती जाएगी, जिसका असर पृथ्वी की जलवायु पर भी पड़ेगा। यह पूरा अध्ययन भूमि के ऊपरी 50 सेंटीमीटर पर मौजूद मिट्टी पर केंद्रित है। 

देखा जाए तो यह "सकारात्मक प्रतिक्रिया" का एक उदाहरण है, जहां बढ़ते तापमान के कारण वातावरण में अधिक कार्बन उत्सर्जित हो रहा है जो फिर से तापमान में वृद्धि का कारण बन रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार किस तरह की मिट्टी कितना कार्बन मुक्त करेगी यह मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करेगा। अनुमान है कि महीन कणों की तुलना में बड़े कणों वाली मिट्टी करीब तीन गुना ज्यादा कार्बन मुक्त करेगी। 

उच्च अक्षांश वाले क्षेत्रों में कहीं ज्यादा है खतरा

इस बारे में शोध और एक्सेटर विश्वविद्यालय से सम्बन्ध रखने वाले प्रोफेसर इयान हार्टले ने जानकारी दी है कि सम्मिलित रूप से वातावरण और पेड़ों की तुलना में मिट्टी में कहीं ज्यादा कार्बन जमा है, ऐसे में यदि उससे थोड़ा प्रतिशत भी कार्बन मुक्त होता है तो वो हमारी जलवायु पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। उनके अनुसार भूमध्य रेखा से दूर उच्च अक्षांशों पर जो बड़े कणों वाली मृदा है उसपर जलवायु परिवर्तन का खतरा सबसे ज्यादा है। 

ऐसे में उनका मानना है कि इस तरह के कार्बन भंडारों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि ठन्डे क्षेत्रों में तापमान कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। वहीं इसके विपरीत उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाने वाली महीन कणों वाली मिट्टी में मौजूद कार्बन भंडार पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा तुलनात्मक रूप से कम है। 

प्रोफेसर हार्टले के अनुसार तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस वृद्धि होने की सम्भावना अभी लगभग न के बराबर है। लेकिन इसके बावजूद हमने इस पैमाने का उपयोग इसलिए किया है ताकि हम यह विश्वास दिला सकें की हमने जो प्रभाव देखें हैं उनके लिए तापमान में हो रही वृद्धि ही जिम्मेवार है। उन्होंने आगे बताया कि परिणाम यह स्पष्ट करते है कि जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि होगी मिट्टी कहीं ज्यादा मात्रा में कार्बन मुक्त करने लगेगी। 

एक्सेटर और स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया यह शोध जर्नल नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है।