वायनाड जिले में एक जून से 10 जुलाई के बीच महज 574.8 एमएम वर्षा हुई, जो कि इस अवधि के सामान्य से 42 फीसदी कम यानी डिफिशिएंट थी। X@DefencePROkochi
जलवायु

वायनाड भूस्खलन : 29 जुलाई को 73 फीसदी वर्षा की कमी और एक दिन बाद 500 फीसदी ज्यादा वर्षा

पूरे साल की करीब 30 फीसदी वर्षा महज 20 दिनों में हुई

Vivek Mishra

जबरदस्त भूस्खलन का झटका सहने वाला वायनाड कम समय में तीव्र वर्षा का भी सामना कर रहा है। एक दिन पहले 29 जुलाई को सामान्य से कम वर्षा से जूझ रहे वायनाड में 30 जुलाई, 2024 को बहुत भारी वर्षा (वेरी हैवी रेनफॉल) हुई और कुछ स्थान पर भीषण भारी वर्षा (एक्सट्रीमली हैवी रेनफॉल) हुई, जिससे वर्षा का आंकड़ा सामान्य हो गया।

वहीं, जिले के भीतर ढाई घंटों के भीतर लगातार आए दो लैंडस्लाइड में करीब 125 से अधिक लोगों की जान चली गई। वर्षा की प्रवृत्ति अनिश्चित और जानलेवा होती जा रही है।  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक सालाना करीब औसत 2800 मिलीमीटर वर्षा हासिल करने वाले वायनाड ने करीब 20 दिनों में सालाना वर्षा का करीब 30 फीसदी हासिल कर लिया। वहीं, एक दिन में ही 30 जुलाई, 2024  को साल की छह फीसदी वर्षा कुछ घंटों में हो गई।

आईएमडी एक दिन के भीतर 124.5 से 244.4 एमएम की वर्षा को वेरी हैवी रेनफॉल श्रेणी में और 244.4 एमएम से ऊपर की वर्षा को एक्सट्रीमली हैवी रेनफॉल में  रखता है। दरअसल यह एक चरम मौसमी घटना है। 

केरल के वायनाड में सालाना कुल वर्षा का करीब 80 फीसदी दक्षिणी पश्चिमी मानसून में ही बरसता है। आईएमडी के मुताबिक एक जून से शुरू होने वाले मानसून का जब चार महीने बाद सितंबर में अंत होता है तब तक वायनाड के लिए कुल औसत सामान्य वर्षा  2464.7 एमएम है। हालांकि, बीते वर्ष 2023 में दक्षिणी पश्चिमी मानसून के दौरान वायनाड ने सामान्य से 55 फीसदी कम वर्षा हासिल की थी। वहीं, समूचे केरल में 123 वर्षों का (1918 और 1976 के बाद) सबसे खराब मानसून दर्ज किया गया था।

आईएमडी के मुताबिक वायनाड जिले में एक जून से 10 जुलाई के बीच महज 574.8 एमएम वर्षा हुई, जो कि इस अवधि के सामान्य से 42 फीसदी कम यानी डिफिशिएंट थी। अगर इस दक्षिणी पश्चिमी मानसून की कुल चार महीने के अवधि में होने वाली वर्षा 2464.7 एमएम से तुलना करें तो मानसून के शुरुआती एक महीने दस दिन में वायनाड में करीब 24 फीसदी वर्षा ही दर्ज की गई। 

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक वायनाड में 10 जुलाई से 30 जुलाई, 2024 के बीच महज 20 दिनों में कुल 775.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। यह साल की वायनाड में होने वाली सामान्य औसत वर्षा (2800 एमएम) आंकड़ों का करीब 28 फीसदी और दक्षिणी पश्चिमी मानसून (2464.7 एमएम) की 32 फीसदी वर्षा है। 

29 जुलाई, 2024 को वायनाड में महज 9 एमएम वर्षा हुई जो कि उस दिन सामान्य (32.9 एमएम) से करीब 73 फीसदी कम थी। वहीं, 30 जुलाई, 2024 को एक ही दिन में 141.8 एमएम वर्षा हुई जो कि सामान्य (23.9 एमएम) से 493 फीसदी ज्यादा थी। 

भारतीय मौसम विज्ञान के मुताबिक 30 जुलाई को वायनाड के वियत्री में 28 सेंटीमीटर यानी 280 एमएम वर्षा, मानाटोड्डी में 20 सेंटीमीटर यानी 200 एमएम वर्षा, अंबालाव्याल में 14 सेंटीमीटर यानी 140 एमएम वर्षा, कुप्पडी में 12 सेंटीमीटर यानी 122 एमएम वर्षा, कुपड्डी एडब्ल्यूएस में 10 सेंटीमीटर यानी 100 एमएम वर्षा दर्ज की गई।

24 सेंटीमीटर से अधिक की वर्षा भीषण भारी वर्षा की श्रेणी में रखा जाता है जो कि जानलेवा भी है। 

केरल के वायनाड में 30 जुलाई तक आईएमडी के मुताबिक मानसूनी वर्षा 15 फीसदी कमी के साथ सामान्य श्रेणी में पहुंच चुकी है। दरअसल आईएमडी 19 फीसदी कम वर्षा को भी सामान्य मानसूनी वर्षा मानता है।