भारत के 28 राज्यों के 723 जिलों में जलवायु विश्लेषण और भविष्य का अनुमान जलवायु परिवर्तन की भयावहता का संकेत दे रहा है। सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी और पॉलिसी (सीएसटीईपी) द्वारा हाल में जारी “क्लाइमेट एटलस ऑफ इंडिया” रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 30 वर्षों (1990-2019) के दौरान देश के करीब 70 प्रतिशत जिलों में गर्मियों के अधिकतम तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हुई है। तापमान में सबसे अधिक 0.5 से 0.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़त पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात और उत्तर पूर्वी राज्यों में हुई है।
इसी तरह देश के 54 प्रतिशत जिलों में सर्दियों का न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है। दक्षिण भारत के मुकाबले उत्तर भारत के राज्यों में ठंड के मौसम में गर्मी अधिक बढ़ी है। ऐसे राज्यों में भी पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात के अलावा उत्तर पूर्व के राज्य शामिल हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि गर्मियों में अधिक गर्मी और सर्दियों में कम ठंड पड़ रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, खरीफ अथवा मॉनसून के मौसम में बारिश बढ़ी है, खासकर अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड जिलों में और पश्चिमी घाट के जिलों में इसमें करीब 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 5-10 प्रतिशत बारिश देश के 20 प्रतिशत जिलों में बढ़ी है। इनमें बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और मध्य प्रदेश के अधिकांश जिले शामिल हैं। इसी तरह 45 प्रतिशत जिलों में 1 से 5 प्रतिशत बारिश बढ़ी है। ये जिले कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में हैं।
भविष्य में तापमान
रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2050 के बीच भारत के अधिकांश जिलों में पिछले 30 वर्षों के मुकाबले तापमान में 1 से 2.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। इस अवधि में सर्दियों का न्यूनतम तापमान भी 1 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ जाएगा। रिपोर्ट में आरसीपी 4.5 (मध्यम उत्सर्जन) और आरसीपी 8.5 (उच्च उत्सर्जन) की स्थिति में तापमान में बढ़त का अनुमान लगाया गया है। आरसीपी 4.5 की स्थिति में देश के 72 प्रतिशत जिलों के तापमान में 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़त अनुमानित है। 15 प्रतिशत जिलों में यह बढ़त 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस, 2 प्रतिशत जिलों में 2 से 2.5 डिग्री सेल्सियस और 11 प्रतिशत जिलों में 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ेगा। सबसे अधिक 2 से 2.5 डिग्री सेल्सियस तापमान मणिपुर के विष्णुपुर, चुराचांदपुर, चांडेल और नोने जिलों में बढ़ेगा। 1.5 से 2 डिग्री तापमान की बढ़त उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना के जिलों में होगी।
अगर आरसीपी 8.5 की स्थिति रहती है तो महाराष्ट्र के अमरावती व जालना और मणिपुर के चांडेल व फेरजोल जिलों में सबसे अधिक 2 से 3.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ जाएगा। वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार के कुल जिलों में तापमान 2 से 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार, आरसीपी 8.5 के हालात में देश के 15 प्रतिशत जिलों में 2 डिग्री से अधिक, 63 प्रतिशत जिलों में 1.5 से 2 डिग्री और 2 प्रतिशत जिलों में 2 से 2.5 डिग्री सेल्सियस तापमान में वृद्धि अनुमानित है।
ठंड का तापमान
अगले 30 वर्षों में आरसीपी 4.5 की स्थिति में देश के 1 प्रतिशत जिलों में सर्दियों का न्यूनतम तापमान 2.5 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। 67 प्रतिशत जिलों में यह बढ़त 1 से 1.5 डिग्री और 19 प्रतिशत जिलों में 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक हो सकती है। महाराष्ट्र के नासिक और जालना जिले में सर्दियों में न्यूनतम तापमान सबसे अधिक (2.5 से 3 डिग्री सेल्सियस) बढ़ेगा। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और तेलंगाना के जिलों में सर्दियों के न्यूनतम तापमान में 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।
अगर अगले 30 वर्षों में आरसीपी 8.5 की स्थिति रहती है तो देश के 53 प्रतिशत जिलों में सर्दियों का न्यूनतम तापमान 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। 30 प्रतिशत जिलों में 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़त अनुमानित है। 11 प्रतिशत जिलों में यह वृद्धि 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक संभावित है।
बारिश में वृद्धि
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आरसीपी 4.5 के हालात में खरीफ के मौसम में देश के 2 प्रतिशत जिलों में 25 से 35 प्रतिशत अधिक बारिश हो सकती है। वहीं 18 प्रतिशत जिलों में 15 से 25 प्रतिशत और 35 प्रतिशत जिलों में 10 से 15 प्रतिशत अधिक बारिश होगी। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार के कुछ जिलों में सर्वाधिक 25 से 35 प्रतिशत अधिक बारिश होने की उम्मीद है।
आरसीपी 8.5 की स्थिति में देश के 9 प्रतिशत जिलों में 25 से 35 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जिलों में 15 से 25 प्रतिशत और 25 प्रतिशत जिलों में 10 से 15 प्रतिशत अधिक बारिश देखी जा सकती है। इस स्थिति में तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, मेघालय, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में खरीफ के मौसम में सर्वाधिक (25 से 35 प्रतिशत) बारिश होगी। रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में तापमान में वृद्धि होने के साथ ही हीटवेव वाले दिनों की संख्या भी बढ़ सकती है।