एक जनवरी 2024 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो बड़े फैसले लिए। एक जनवरी से जहां सभी सरकारी कार्यालयों में पेट्रोल और डीजल वाहनों की खरीद पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। वहीं, एक अन्य योजना के तहत सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लोगों को 3 बीघा जमीन देने पर प्रतिमाह 20 हजार रुपए देने की घोषणा की गई है।
ऐसा राज्य को 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए किया गया है।
हिमाचल सरकार अब केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल की ही खरीद करेगी। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय भी लिया गया है और इस दिशा में भी काम किया जा रहा है। हिमाचल में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद पर 50 फीसदी का अनुदान भी दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विद्युतचलित वाहन, ई-वाहन पर सरकार का विजन बिल्कुल स्पष्ट है।
ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों के चलते हिमाचल में ई-वाहनों की संख्या 3 हजार से अधिक पहुंच गई है। सरकार का दावा है कि हिमाचल सरकारी विभागों में पेट्रोल और डीजल वाहनों की खरीद पर रोक लगाने वाला पहला राज्य बन गया है। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
सरकारी विभागों में वाहनों की मांग को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लगाने को लेकर भी योजना तैयार की है। इसके लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को 50 फीसदी सब्सिडी पर ई-टैक्सी खरीदने के लिए दी जाएगी। इसके बाद इन वाहनों को सरकारी विभागों में लगाया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और सरकारी विभागों में वाहनों की जरूरत को भी पूरा किया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की सभी डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जाएगा। हिमाचल में लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। हिमाचल पथ परिवहन निगम बेड़े में टाइप 1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है।
हाल ही में ई-बसें बनाने वाली कंपनियों के साथ सरकार के अधिकारियों ने बैठक की है और जिसमें हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप गाड़ियां तैयार करने का अनुरोध किया गया है। इतना ही नहीं प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई वाहन चार्जिंग स्टेशनों को तैयार करने के लिए काम शुरू किया गया है।
पर्याणरणविद् कुलभुषण उपमन्यू ने डाउट टू अर्थ से कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में समय में हमें समय रहते तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। यह खुशी की बात है कि हिमाचल सरकार ने जलवायु परिवर्तन के खतरों को भांपते हुए पेट्रोल और डीजल वाहनों के स्थान पर ई व्हीकल को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इससे पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के धुंए से पर्यावरण को होने वाले नुकसान में कमी आएगी।