जलवायु

क्लाइमेट चेंज मिशन शुरू करने वाला देश का पहला क्लाइमेट स्मार्ट राज्य बना तमिलनाडु

राज्य स्तरीय, "क्लाइमेट चेंज मिशन" प्रारंभ करने वाला तमिलनाडु देश का पहला क्लाइमेट स्मार्ट राज्य बन गया है।

Ashish Kumar Chauhan

राज्य स्तरीय, "क्लाइमेट चेंज मिशन" प्रारंभ करने वाला तमिलनाडु देश का पहला क्लाइमेट स्मार्ट राज्य बन गया है। राज्य सरकार ने स्टेट क्लाइमेट एक्शन प्लान को लागू करने के लिए तमिलनाडु ग्रीन क्लाइमेट कंपनी जो कि एक स्पेशल परपज व्हीकल (एस.पी.वी.) है, का गठन किया है।

राज्य सरकार ने इसी वर्ष सितंबर माह में "हरित तमिलनाडु" और अगस्त माह में "तमिलनाडु वेटलैंड मिशन" की भी शुरुआत की है।

राज्य मुख्यमंत्री एम.के. स्टेलियन ने कहा है कि हमारी सरकार जलवायु परिवर्तन को एक बहुत बड़े मानवीय संकट के रूप में देखती है। अत्याधिक कार्बन एमिशन के कारण ग्लोबल वार्मिंग हो रही है और वैज्ञानिकों का कहना है कि 2050 तक वैश्विक देशों को कार्बन न्यूट्रल स्टेटस प्राप्त करना आवश्यक है।

पिछले कॉप-26 में भारत सरकार ने देश को 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की घोषणा की है जबकि तमिलनाडु सरकार देश द्वारा निर्धारित लक्ष्य से पहले ही राज्य को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए प्रयासरत है।

राज्य क्लाइमेट चेंज मिशन के लक्ष्य:

  1. पूर्णतया ग्रीनहाउस गैसेस के इमिशन को राज्य स्तर पर कम किए जाने के लिए प्लान बनाना।
  2. सार्वजनिक यातायात को बेहतर बनाने के लिए रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी का उपयोग करना।
  3. आगामी 10 वर्ष में राज्य स्तरीय वन हरित क्षेत्र को7% से बढ़ाकर 33% किया जाना।
  4. नगरों तथा ग्रामों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर करना।
  5. अभूतपूर्व समुद्र तल उन्नयन और जलवायु संकट से निपटने के लिए  स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर / अवसंरचना तैयार करना।
  6. सभी शैक्षणिक संस्थानों में जलवायु परिवर्तन विषय संबंधित जागरूकता कार्यक्रम चलाना। जलवायु परिवर्तन के कारण मनुष्य सहित सभी प्रकार के जीव जंतु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए "एक स्वास्थ्य" पर बल देना।

डाउन टू अर्थ ने पाया कि मानवीय, पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टि से जलवायु परिवर्तन और इसका नकारात्मक प्रभाव अविवादित रुप से बहुत क्षति पहुंचाने वाला है। इस कारण देश का पहला "क्लाइमेट स्मार्ट राज्य" बनाने वाला तमिलनाडु सरकार का यह प्रयास सराहनीय है।

तमिलनाडु सरकार ने 13 लक्ष्यो इस मिशन के तहत साधने का प्रयास किया है जिनमें से 11 लक्ष्य तमिलनाडु एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज 2.0 पर बल देंगे। तमिलनाडु सरकार ने पहला क्लाइमेट चेंज एक्शन प्लान वर्ष 2015 में नेशनल एक्शन प्लान फॉर क्लाइमेट चेंज 2015-2020 को आधारित करते हुए बनाया था।

डाउन टू अर्थ ने पाया कि राष्ट्रीय स्तरीय 2953 मेट्रिक टन कार्बन इमिशन के सापेक्ष तमिलनाडु सरकार को 172.83  मेट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाना लक्षित किया गया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में क्लाइमेट चेंज गवर्निंग काउंसिल का गठन किया गया है। यह काउंसिल तमिलनाडु सरकार को जलवायु परिवर्तन मिशन, जलवायु संकट के रोकथाम, राज्य स्तरीय क्लाइमेट एक्शन प्लान आदि को बनाने एवं लागू किए जाने संबंधित दिशा निर्देश प्रदान करेगी।

डाउन टू अर्थ के अनुसार महत्वपूर्ण कदम:

  1. सार्वजनिक परिवहन साधन और ग्रीन टेक्नोलॉजी की मदद से ग्रीनहाउस गैसेस के प्रभाव को कम करते हुए ग्रीन जॉब /हरित रोजगार को बढ़ावा देना।
  2. सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर प्राकृतिक वैकल्पिक समाधान को प्रोत्साहन देना।
  3. समुद्र प्रदूषण /मरीन पॉल्यूशन को कम करना और जैव विविधता में सुधार लाना।
  4. समुद्र तटों को मृदा अपरदन से बचाना, समुद्र आधारित तटीय वनस्पतियों को सुरक्षित करना।
  5. राज्य में ई-वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट सहित नगरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाने पर जोर देना।

क्लाइमेट एक्शन की दिशा में कार्य करने के लिए एक बहुत बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है जिसके लिए नेशनल एडेप्टेशन फंड फॉर क्लाइमेट चेंज और ग्रीन क्लाइमेट फंड के अतिरिक्त अन्य आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली संस्थाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।

हालांकि राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2021-2022 में, तमिलनाडु क्लाइमेट चेंज मिशन के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं जिसका उपयोग जलवायु परिवर्तन प्रबंधन और सुधार कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने मरीन लिटर को कम करने, कचरे /अपशिष्ट से विद्युत उत्पादन, समुद्र वनस्पति, समुद्र आधारित पर्यावास संबंधित शोध किए जाने के लिए 77.35 करोड रुपए आवंटित किए हुए हैं।