जलवायु

कार्बन को जमीन में बनाए रखने में मदद करते हैं मिट्टी के सूक्ष्मजीव

शोध में पाया गया कि विभिन्न तरह के सूक्ष्मजीव मिट्टी के कार्बनिक पदार्थों का गठन ही नहीं करते हैं, बल्कि मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ की संरचना में अलग-अलग तरीकों से बदलाव भी करते हैं

Dayanidhi

पृथ्वी पर सबसे अधिक स्थलीय कार्बन अवशोषित करने में मिट्टी की अहम भूमिका है। कई वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि गर्म होती मिट्टी कार्बन के महत्वपूर्ण हिस्से को मुक्त कर देगी। इसे कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) गैस में बदल देगा जिससे धरती के गर्म होने की गति और तेज हो जाएगी। इस कहानी के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक अदृश्य सूक्ष्म जीव भी इसमें शामिल हैं।

मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर और अध्ययनकर्ता क्रिस्टन डीएंजेलिस कहते हैं सूक्ष्म जीव हर जगह और हर चीज में होते हैं। एक चम्मच मिट्टी में ब्रह्मांड में जाने पहचाने सितारों की तुलना में अरबों गुना अधिक सूक्ष्म जीव होते हैं। फिर भी, हम उनके बारे में इतना नहीं जानते हैं।

ऐसा लगता है कि सूक्ष्म जीवों की गतिविधि का वातावरण पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से कैसे सूक्ष्म जीव कार्बनिक कार्बन को परिवर्तित करने में मदद करते हैं। सभी गिरते हुए पत्तों, सड़ते पेड़ के तनों, घास और अन्य कार्बनिक पदार्थ जो उस कार्बन को वातावरण में जाने से रोक देते हैं।

यह मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ, या एसओएम है, जो न केवल कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है बल्कि मिट्टी द्वारा पानी को अवशोषित करने और बाढ़ को रोकने के साथ-साथ पौधों के जीवन के लिए ऊर्जा का पौष्टिक स्रोत होने की क्षमता भी प्रदान करता है।

प्रमुख अध्ययनकर्ता लुइज़ ए. डोमिग्नोज़-होर्टा कहते हैं यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि सूक्ष्मजीव मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ, या एसओएम कैसे बनाते हैं। उन्होंने ने कहा हमारा अध्ययन मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ, या एसओएम की संरचना को आकार देने के लिए सूक्ष्मजीवों की संरचना और गतिविधि की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालता है। डोमिग्नोज़-होर्टा ने कहा हमारे अध्ययन से पहले, कोई नहीं जानता था कि एसओएम के गठन के लिए सूक्ष्मजीवों के समुदायों की विशेष संरचना महत्वपूर्ण है।

टीम ने एक प्रयोग किया जिसमें उन्होंने विभिन्न सूक्ष्मजीव समुदायों के साथ "मॉडल मिट्टी" या रेत और मिट्टी के मिश्रणों को शामिल किया। फिर सूक्ष्मजीवों को शर्करा और विटामिन दिया ताकि वे चार महीने में विकसित हो सकें, ताकि वे पुरे समय एसओएम का निर्माण कर सके। टीम तब इन विभिन्न समुदायों द्वारा उत्पन्न एसओएम को मापने में सफल रही। साथ ही यह परीक्षण इस बात का पता लगाने में सक्षम था कि एसओएम इसे बनाने वाले सूक्ष्मजीवों पर निर्भर करता है।

ऐसा करने के लिए, टीम ने ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में मिट्टी को 650 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया। जैसे ही मिट्टी को गर्म किया गया, तब मिट्टी ने कार्बन गैस छोड़ना शुरू कर दिया था। एसओएम के अधिक गर्मी के स्थिर नमूने 400 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान तक पहुंच गए, जबकि गर्मी के कम स्थिर नमूने 200 से 300 डिग्री सेल्सियस की सीमा में अधिक कार्बन उत्सर्जित करते हुए पाए गए।

डोमिग्नोज़-होर्टा ने बताया की यह परख स्विट्जरलैंड में हमारे मिट्टी जैव रसायनविदों के सहयोगियों द्वारा किया गया था और यह विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए एक बहुआयामी शोध टीम के महत्व का एक बड़ा उदाहरण है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि वह न केवल सूक्ष्म जीवों को एसओएम गठन से जोड़ने के सबूत हैं, बल्कि विभिन्न सूक्ष्म जीवों ने एसओएम की संरचना को अलग-अलग तरीकों से आकार दिया। जिसमें एसओएम की सीओ2 में बदलने की क्षमता शामिल है।

हालांकि ऐसा लगता है कि इस मॉडल प्रणाली में एसओएम के निर्माण को चलाने के लिए बैक्टीरिया मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, यह कवक समुदायों की उपस्थिति है जो मिट्टी को गर्म तापमान का सामना करने लायक बनाते हैं। यह अध्ययन आईएसएमई कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुआ है।

डीएंजेलिस कहते हैं कि मैं बैक्टीरिया, कवक और सूक्ष्म जीवों की इस अदृश्य दुनिया को हर जगह देखता हूं। अधिकांश सूक्ष्म जीव हमारी मदद करते हैं। हमें अपनी दुनिया के स्वास्थ्य, सुरक्षा और भलाई को सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म जीवों के बारे में अधिक जानने की आवश्यकता है।