जलवायु

इतिहास के सबसे गर्म सितम्बर के महीनों में से एक 2021 में किया गया दर्ज

इस साल सितंबर का महीना, 2020 के बाद इतिहास का दूसरा सबसे गर्म सितंबर हो सकता है, जब तापमान 1991 से 2020 के औसत तापमान से करीब 0.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था

Lalit Maurya

इस साल सितंबर का महीना, 2020 के बाद इतिहास का दूसरा सबसे गर्म सितंबर हो सकता है। यह जानकारी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में सामने आई है। जिसके अनुसार इस वर्ष सितम्बर का औसत तापमान 1991 से 2020 के औसत तापमान से करीब 0.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। गौरतलब है कि इसके बाद 2019 और 2016 में सितम्बर का औसत तापमान सबसे ज्यादा था। यह गणना सतह के पास हवा के औसत तापमान पर आधारित है। 

हालांकि तापमान में अंतर के दृष्टिकोण से देखें तो यह रैंकिंग बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती है क्योंकि अब तक इन चार सबसे गर्म सितम्बर महीनों के वैश्विक औसत तापमान में 0.08 डिग्री सेल्सियस से भी कम का अंतर है। 

यदि क्षेत्रीय स्तर पर देखें तो मध्य दक्षिण अमेरिका, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका के साथ दक्षिणी और पूर्वी चीन के हिस्सों में तापमान औसत से बहुत ज्यादा था। वहीं यूरोप की बात करें तो वहां कुछ हिस्सों में रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया था, जबकि पूर्वी हिस्सों में तापमान सामान्य से कम था। कुल मिलकर यह कह सकते हैं कि वहां सितम्बर का तापमान औसत के करीब ही था।    

2013 के बाद यूरोप में दर्ज किया गया सबसे ठंडा सितंबर

यूरोप के अधिकांश पश्चिमी क्षेत्रों में तापमान 1991 से 2020 के औसत तापमान से बहुत ज्यादा गर्म था। जहां यूनाइटेड किंगडम में अब तक का दूसरा सबसे गर्म सितंबर दर्ज किया गया, वहीं फ्रांस में सितंबर के महीने में अब तक का उच्चतम दैनिक तापमान दर्ज किया गया था। यूरोप में 2013 के बाद से सितंबर 2021 अब तक का सबसे ठंडा सितंबर था। जब तापमान 1991 से 2020 के औसत तापमान से 0.2 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया था। 

यदि पूर्वी यूरोप को देखें तो वहां सितम्बर में तापमान 1991से 2020 के औसत तापमान की तुलना में ठंडा था, लेकिन यह बात लम्बी अवधि के तापमान पर लागु नहीं होती है। उदाहरण के लिए हेलसिंकी में सितम्बर 2021 का औसत तापमान 1997 से 2020 के बीच किसी भी वर्ष में सितम्बर के तापमान से ज्यादा ठंडा था। हालांकि 1961 से 96 के बीच पिछले 11 सितम्बर कहीं ज्यादा ठन्डे थे।

ग्रीनलैंड में अगस्त के उच्च तापमान के बाद सितंबर में भी वैसी ही स्थिति थी, सिर्फ उत्तर-पूर्वी हिस्से में तापमान औसत से काफी कम दर्ज किया गया था। इसी तरह रूस के भी पूर्वी हिस्से में तापमान औसत से काफी कम था।

वहीं अन्य स्थानों की बात करें तो सितम्बर का तापमान औसत से ज्यादा था। तापमान में यह वृद्धि विशेष रूप से अमेरिका और कनाडा के मध्यवर्ती क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, मध्य एशियाई देशों में ईरान से लेकर दक्षिणी चीन, साइबेरिया के कुछ हिस्सों, सूखा प्रभावित मध्य दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिक के अधिकांश हिस्सों में दर्ज की गई थी। 

वहीं अधिकांश उष्ण और उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी प्रशांत महासागर में हवा का तापमान औसत से नीचे दर्ज किया गया था। वहीं उत्तरी प्रशांत के मध्य और पूर्वी भागों में तापमान औसत से ज्यादा था। इसी तरह अटलांटिक और हिंद महासागर का भी तापमान औसत से ज्यादा गर्म था।

यदि आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की सीमा को देखें तो वो 2021 में औसत से करीब 8 फीसदी कम थी।  इस तरह वो वर्ष के अपने  न्यूनतम स्तर 56 लाख वर्ग किलोमीटर पर पहुंच गई थी, जोकि सितंबर के लिए 1991 से 2020 के औसत से करीब 5 लाख वर्ग किलोमीटर कम है। 43 वर्षों के इतिहास में यह बारहवां मौका है जब आर्कटिक में इतनी कम बर्फ दर्ज की गई है। 

वहीं अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ का स्तर औसत से थोड़ा नीचे था, जिसका विस्तार सितम्बर 2021 में 1.89 करोड़ वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया था। वो अगस्त के औसत विस्तार से केवल 3 लाख वर्ग किलोमीटर ज्यादा था।