जलवायु

कार्बन डाइऑक्साइड सोखने में अहम भूमिका निभा सकती हैं चट्टानें: अध्ययन

अध्ययन में पाया गया कि चट्टानों का पाउडर हर साल 2.5 गीगाटन तक सीओ2 हटा सकता है।

Dayanidhi

वातावरण में बढ़ती ग्रीनहाउस गैसों को हटाने के लिए दुनिया भर में अलग-अलग तरह के विकल्पों की खोज की जा रही है। वहीं अब इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड सिस्टम एनालिसिस (आईआईएसए) के शोधकर्ताओं और उनके अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों ने चट्टान के कार्बन सोखने की क्षमता का पता लगाया है। पेरिस समझौते के तापमान के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) को सक्रिय रूप से हटाना और इसे स्थायी रूप से संग्रहित करना अनिवार्य है।

वैज्ञानिकों द्वारा अलग-अलग तरह के उत्सर्जन पर रोक लगाने वाली तकनीकों को प्रस्तावित किया गया है। जिनमें से कार्बन अनुक्रम करने के लिए सबसे अच्छी तकनीक को अपनाने के लिए कहा जा रहा है। उदाहरण के लिए, पौधों और मिट्टी वातावरण से अधिक कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता को बनाए रखने का लक्ष्य रखना न कि इसे वातावरण में छोड़ने का।

नए अध्ययन में, जलवायु और पर्यावरण विज्ञान प्रयोगशाला (एलएससीई) की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल और आईआईएएसए के शोधकर्ताओं ने जमीन की बारीक सिलिकेट चट्टान (रॉक) के पाउडर के उपयोग के बारे में पता लगाया। 

चट्टान के पाउडर का उपयोग मिट्टी के प्राकृतिक गुणों में सुधार के लिए लंबे समय से किया जाता रहा है, जैसे कि पानी को नियंत्रित करने, जल निकासी, हवा को मिश्रित करने आदि के लिए किया जाता है, लेकिन इसे पहले कभी भी सीओ2 हटाने के लिए उपयोग नहीं किया गया है। शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि चट्टान के पाउडर को बड़े पैमाने पर तेजी से कार्बन हटाने के रूप में उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि इसे मौजूदा भूमि प्रणालियों में आसानी से लागू किया जा सकता है।

इस उत्सर्जन को रोकने वाली तकनीक के पीछे का सिद्धांत पृथ्वी की सतह पर चट्टानों और खनिजों के साथ सीओ2 की प्राकृतिक प्रतिक्रिया को बढ़ाना है क्योंकि वे आबोहवा के कारण नष्ट हो जाते हैं या प्राकृतिक प्रक्रिया के माध्यम से टूट कर घुल जाते हैं। इस प्रक्रिया में सिलिकेट खनिजों को पाउडर के रूप में पीसना और इसे भूमि की सतह पर फैलाना शामिल है, जहां यह सीओ2 के साथ प्रतिक्रिया करता है और इसे वायुमंडल से हटा देता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया जिसे अजैविक कार्बन डाइऑक्साइड हटाने के विकल्प के रूप में जाना जाता है।

संभावित चीजों में, बेसाल्ट भी है, क्योंकि यह न केवल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है जिसमें हर तरह के मौसम के प्रभावों को सहने की क्षमता भी है, इसमें पौधों के लिए पोषक तत्व भी शामिल हैं जो दूसरे जैविक सीओ2 हटाने के लिए एक बहुत अच्छा रास्ता है। इसे अब पहली बार प्रमाणित किया गया है।

पारिस्थितिक तंत्र में पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण के दौरान सीओ2 का निर्धारण और बायोमास और मिट्टी में इसका भंडारण किया जाता है, मिट्टी की कम उर्वरता के कारण यह प्रक्रिया रुक जाती है। आईआईएएसए शोधकर्ता, सिबेल एकर बताते हैं कि बेसाल्ट पाउडर को पोषक तत्वों की कमी वाले पारिस्थितिक तंत्र में छिड़काव करके धीरे-धीरे इसके नष्ट होने के दौरान यह पोषक तत्वों को छोड़ता है। पोषक तत्वों की कमी को सैद्धांतिक रूप से पूरा किया जा सकता है और पारिस्थितिकी तंत्र कार्बन भंडारण को बढ़ाया जा सकता है।

अध्ययन में विशेष रूप से इस पहले अनदेखे जैविक सीओ2 हटाने के मार्ग का पता लगाया। जबकि पिछले आकलन में मुख्य रूप से उपजाऊ कृषि भूमि पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहां मौजूदा बुनियादी ढांचे को चट्टान की धूल के प्रसार के लिए अपनाया जा सकता है, शोध दल ने खराब मिट्टी के साथ प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र पर ध्यान केंद्रित किया।

ऐसा करने के लिए, शोधकर्ताओं ने चट्टान (रॉक) पाउडर की सीओ2 हटाने की क्षमता का अनुकरण करने के लिए जीवमंडल के एक व्यापक संख्यात्मक मॉडल का उपयोग किया। यह अजैविक और जैविक दोनों मार्गों के लिए उपयोग किया जा सकता है। उन्हें प्रति वर्ष 2.5 गीगाटन तक सीओ2 हटाने का पता चला है, जिसमें से लगभग 50 फीसदी चट्टान के पाउडर के लिए बायोस्फीयर प्रतिक्रिया के कारण था। सबसे बड़ी सीओ2 हटाने की दर उन क्षेत्रों में पाई गई, जिन्हें पहले चट्टान के पाउडर के लिए अनुपयुक्त माना जाता था। यह अध्ययन नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित हुआ है।

आईआईएएसए शोधकर्ता माइकल ओबेरस्टीनर ने कहा कि हमारे निष्कर्ष बताते है कि बेसाल्ट की वैश्विक प्राकृतिक और आर्थिक सीओ2 हटाने की क्षमता पहले जितना सुझाया गया था उससे ज्यादा है। शोधकर्ताओं ने आगे चट्टान के पाउडर का उत्पादन, उसे ढोने आदि की लागत के बारे में पता लगाया। चट्टान के पाउडर का उपयोग हवाई जहाजों को स्प्रे करने तथा सुसज्जित करने के लिए उपयोग किया जाता है। सीओ2 हटाने की लागत कम पाई गई, प्रति टन सीओ2 को हटाने के लिए जो लगभग 150 अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी। जो कि जैविक मार्ग के माध्यम से अतिरिक्त अनुक्रम के कारण पहले के अनुमानों से बहुत कम है।

शोधकर्ता बताते हैं कि पर्याप्त रूप से कुल सीओ2 हटाने को प्राप्त करने के लिए बेसाल्ट खनन को बढ़ाने, कम कार्बन पदचिह्न जैसे ड्रोन या एयरशिप का उपयोग करके दूर वाले इलाकों में इस प्रणाली को लगाया जा सकता है। इससे कम कार्बन स्रोतों से ऊर्जा का उपयोग होगा। निष्कर्षों के आधार पर, शोधकर्ताओं का तर्क है कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए भूमि प्रबंधन के विकल्पों का आकलन करते समय बेसाल्ट मिट्टी संशोधन को एक प्रमुख विकल्प माना जाना चाहिए।

प्रमुख अध्ययनकर्ता डैनियल गॉल ने कहा कि अध्ययनों से संभावित नकारात्मक दुष्प्रभावों के परीक्षण के लिए अवक्रमित प्रणालियों और वनीकरण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि चट्टान का पाउडर मौजूदा प्रबंधित प्रणालियों में अधिक सीओ2 को हटाता है, तो यह प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र पर दबाव को कम करने में मदद करेगा।