जलवायु

ग्लोबल वार्मिंग में भारत का योगदान बहुत कम: पीएम

संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई

DTE Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया से कहा है कि प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन की दृष्टि से देखें तो ग्लोबल वार्मिंग में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है, लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है।

संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने यहां आते वक्त संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर पढ़ा- नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक। मुझे सभा को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, तब इस वक्त भी हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं”।

उन्होंने कहा कि हम जल संरक्षण को लेकर एक बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं और अगले पांच साल में भारत के 15 करोड़ घरों में पानी की आपूर्ति नलों के माध्यम से पहुंचा दी जाएगी।

अक्षय ऊर्जा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कहा कि भारत रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर गंभीर है। भारत ने अभी 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसे बढ़ा कर दोगुने से भी अधिक 450 गीगावॉट का लक्ष्य रखा गया है। इतना ही नहीं, सौर ऊर्जा को लेकर दुनिया के दूसरे देशों को इकट्ठा करने के लिए इंटरनेशनल सोलर अलायंस भी बनाया गया है।  

उन्होंने कहा कि हम 2020 तक भारत में सवा लाख किमी से ज्यादा सड़कें बनाएंगे। 2022 में जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मना रहा होगा, तब तक हम अपने देशवासियों के लिए 2 करोड़ घर बना चुके होंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक दुनिया को टीबी रोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा है,उ लेकिन भारत 2025 तक टीबी मुक्त हो जाएगा।