जलवायु

मक्के की फसलों को नुकसान पहुंचाता है ओजोन प्रदूषण: अध्ययन

एक अध्ययन के मुताबिक, ओजोन प्रदूषण मक्के की फसलों की उपज में 25 फीसदी की कमी कर सकता हैं

Dayanidhi

स्ट्रैटोस्फेरिक ओजोन, सूर्य की पराबैंगनी किरणों को छानकर हमारी रक्षा करती है, लेकिन ट्रोपोस्फेरिक ओजोन एक हानिकारक प्रदूषक है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि वायुमंडल की निचली परतों में जमा ओजोन मक्के की फसल की पैदावार को घटाती है और इनके पत्तियों के अंदर पाए जाने वाले अलग-अलग रसायनों को बदल देती है।

जेसिका वेडोव ने कहा कि उत्तरी गोलार्ध में ओजोन प्रदूषण अधिक होता है और गर्मी के मौसम में प्रदूषण बढ़ जाता है। ओजोन प्रदूषण की उच्च सांद्रता फसल की वृद्धि के साथ अस्थायी रूप और स्थानिक रूप से जुड़ा है, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि गंभीर रुप से प्रदूषित ओजोन फसल की पैदावार को कैसे प्रभावित करता है।

ट्रोपोस्फेरिक या जमीनी स्तर की ओजोन का निर्माण तब होता है जब कार, बिजली संयंत्र, औद्योगिक बॉयलर, रिफाइनरी, रासायनिक संयंत्र और अन्य स्रोतों से उत्सर्जित प्रदूषक रासायनिक रूप से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रतिक्रिया करते हैं। ट्रोपोस्फेरिक या जमीनी स्तर की ओजोन सीधे हवा में उत्सर्जित नहीं होती है, लेकिन यह नाइट्रोजन (एनओएक्स) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) के ऑक्साइड के बीच रासायनिक प्रतिक्रियाओं के द्वारा बनती है।

इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता अर्बाना शैंपेन 20 वर्षों से फसलों पर ओजोन प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं, जहां फसलों को वास्तविक दुनिया के खेत की परिस्थितियों में उगाया जा सकता है, लेकिन ओजोन प्रदूषण की बढ़ी हुई सांद्रता के साथ।

शोधकर्ताओं ने तीन प्रकार के मक्के पर शोध किया, जिनमें दो को स्वाभाविक पंक्तियों (इनब्रेड लाइन) में बी73 और एमओ17, और तीसरा संकर (हाइब्रिड क्रॉस) बी73 × एमओ17। उन्होंने पाया कि पुराने ओजोन तनाव के कारण संकर (हाइब्रिड) फसलों के उपज में 25 फीसदी की कमी आई, जबकि इनब्रेड पौधे अप्रभावित रहे। संकर पौधे इनब्रेड फसलों की तुलना में जल्दी से बढ़ते हैं। यह अध्ययन प्लांट डायरेक्ट पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

यह समझने के लिए कि  बी73 × एमओ17 क्यों प्रभावित हुआ, शोधकर्ताओं ने पत्तियों वाले पौधों की रासायनिक संरचना को मापा। शोधकर्ता वेदो ने कहा इनब्रेड पौधों ने ओजोन पर प्रतिक्रिया नहीं दी। दूसरी ओर, संकर पौधों ने अधिक टोकोफ़ेरॉल और फीटोस्टेरॉल्स का उत्पादन किया, जो प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन अणुओं को हटाने और क्लोरोप्लास्ट झिल्ली को स्थिर करने में मदद करते हैं।  ये परिणाम बताते हैं कि चूंकि हाइब्रिड मक्का ओजोन के संपर्क में आने पर अधिक संवेदनशील हो जाती है, इसलिए वे अधिक रसायनों का उत्पादन कर सकते हैं जो पुराने ओजोन तनाव के परिणामों से निपटते हैं।

यूएसए के यूएसएसएआरएस ग्लोबल चेंज एंड फोटोसिंथेसिस रिसर्च यूनिट के प्रमुख शधकर्ता लीसा एन्सवर्थ ने कहा यह अध्ययन ओजोन प्रदूषण को मक्के के सहन करने की क्षमता में सुधार करने के लिए जानकारी प्रदान करता है।