एफोनोपेल्मा जैकोबी, शोध के मुताबिक,यह अमेरिका में टारेंटुला की 30वीं प्रजाति के रूप में पहचानी गई है। फोटो साभार : जूकीज पत्रिका
जलवायु

नई खोजी गई टारेंटयुला की प्रजाति जलवायु परिवर्तन के कारण खतरे की कगार पर पहुंची

बढ़ते तापमान और बारिश की अनिश्चितता के चलते इन ठंडे और अधिक नमी वाले पर्वत शिखरों में रहने वाली ये मकड़ियां विलुप्त हो जाएंगी क्योंकि इनके रहने के अनुकूल आवास गायब हो जाएंगे।

Dayanidhi

दक्षिण-पूर्वी एरिजोना के चिरिकाहुआ पर्वतों से टारेंटुला मकड़ी की एक नई प्रजाति, एफोनोपेल्मा जैकोबी की खोज की गई है। इस छोटी, काले और भूरे रंग की टारेंटुला प्रजाति के पेट पर लाल बाल होते हैं और इसे चिरिकाहुआ पर्वतों के ऊंचे-ऊंचे इलाकों में देखा जा सकता है, जहां यह कड़ाके की ठंड में भी जीवित रहती है।

अक्सर हम पृथ्वी के कोनों-कोनों से नई प्रजातियों की खोज के बारे में सुनते हैं, लेकिन इन मकड़ियों के रहने वाले इलाकों तक पहुंच पाना कठिन होता है।

धरती पर मानवजनित कारणों से विलुप्ति संकट के बीच, हम अपनी धरती की जैव विविधता के बारे में कितना कम जानते हैं, यहां तक कि टारेंटयुला जैसे अनोखे और करिश्माई जीवों के बारे में भी बहुत कम जानकारी है।

चिरिकाहुआ, जो अपनी असाधारण जैव विविधता और ऊंचाई के लिए प्रसिद्ध हैं, मैड्रियन द्वीपसमूह का हिस्सा हैं, जहां घने जंगलों वाले पर्वत श्रृंखलाएं है जो दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में कोलोराडो पठार और रॉकी पर्वत और उत्तर-पश्चिमी मैक्सिको में सिएरा मैड्रे ऑक्सिडेंटल के बीच कॉर्डिलेरन तक फैला हुआ है।

ये पर्वतीय जंगल जो कम ऊंचाई वाले रेगिस्तानों और शुष्क घास के मैदानों दोनों को एक दूसरे से अलग करते हैं, जिसके कारण यहां कई छोटी-सीमा वाली स्थानीय प्रजातियों की उत्पत्ति हुई है। यहां अमेरिका के किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में जैव विविधता अधिक पाई जाती है।

जिन जंगलों में ये टारेंटुला रहते हैं, वे कई कारणों से खतरे में हैं, जिनमें सबसे बड़ा कारण जलवायु में बदलाव है। स्काई आइलैंड क्षेत्र में हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि अगले कई दशकों में ये जंगल पहाड़ों से गायब हो सकते हैं क्योंकि बढ़ता तापमान और बारिश की अनिश्चितता लगातार बढ़ रही है। इन ठंडे और अधिक नमी वाले पर्वत शिखरों में रहने वाले जीव - जैसे कि ये मकड़ियां विलुप्त हो जाएंगी क्योंकि इनके रहने के अनुकूल आवास गायब हो जाएंगे।

शोधकर्ता ने शोध के हवाले से कहा कि इन नाजुक आवासों को सैन साइमन वैली और पोर्टल क्षेत्रों में बढ़ते बाहरी विकास, विनाशकारी मनोरंजक गतिविधियों और जंगल की आग से भी खतरा है। इसके अलावा कुछ और चिंताएं भी हैं जिनमें टारेंटयुलाओं का उनकी दुर्लभता, आकर्षक रंग और सरल स्वभाव के कारण विदेशी पालतू व्यापार के लिए इनका शोषण किया जा सकता है। इस प्रजाति के लिए खतरों और इसके संरक्षण के उपाय करते समय इन्हें अनैतिक रूप से जमा करने वालों के कारण इन मकड़ियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार किया जाना चाहिए।

जूकीज नामक पत्रिका में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, एफोनोपेल्मा जैकोबी का नाम माइकल ए. जैकोबी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने पहले कई प्रजातियों को खोजने में मदद की, जिसके कारण इस नई प्रजाति का वर्णन किया गया।

शोधकर्ता ने शोध में कहा, यह खोज अमेरिका से प्रमाणित टारेंटुला की 30वीं प्रजाति के रूप में पहचानी गई है। एफोनोपेल्मा धरती पर सबसे अधिक विविधता वाला टारेंटुला वंश है। यह शोध इस संख्या को बढ़ाता है और इस अविश्वसनीय रूप से दिलचस्प और महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट में वास्तविक प्रजाति विविधता को लेकर जानकारी में बढ़ोतरी करता है।