जलवायु

कैसे हो रहा है ग्रीनहाउस गैसों से जलवायु परिवर्तन, वैज्ञानिकों ने बनाया पूर्वानुमान लगाने का उपकरण

Dayanidhi

ग्रीनहाउस गैसों और अन्य कारकों के प्रभाव से जलवायु परिवर्तन कैसे बढ़ता है, इसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने एक उपकरण बनाया है, जिसे प्रोबबिलिस्टिक जलवायु परिवर्तन मॉडल कहते हैं।

नासा ग्लोबल क्लाइमेट चेंज वेबसाइट के अनुसार, 1880 से पृथ्वी के तापमान में 1.9 डिग्री फारेनहाइट की वृद्धि हुई है और इसके लगातार बढ़ते रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है। वैज्ञानिक इस परिवर्तन और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र और निवासियों पर इसके प्रभाव को समझने का प्रयास कर रहे हैं।

वैज्ञानिक यायुन झेंग, फांग यांग, जिंकियाओ डुआन, जू सन, लिंग फू और जुरगेन कुरथ्स ने वैश्विक मौसम में अचानक बदलाव के पीछे के तंत्र का वर्णन करते हुए जलवायु परिवर्तन बदलाव पर विस्तृत शोध प्रस्तुत किया है। यह शोध कैआस : इंटरडिसिप्लिनरी जर्नल ऑफ़ नॉनलीनियर साइंस में प्रकाशित हुआ है। जलवायु परिवर्तन के बारे में पूर्वानुमान लगाना बेहद मुश्किल है, लेकिन शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई पूर्वानुमान लगाने वाले मॉडल जो पर्यावरण में होने वाले बदलावों की पहचान करने में पहला कदम है।

शोधकर्ताओं ने ग्रीनहाउस और इसके उतार-चढ़ाव के प्रभाव से होने वाले जलवायु परिवर्तन का पता लगाने के लिए एक प्रोबबिलिस्टिक जलवायु परिवर्तन मॉडल विकसित किया है। ये उतार-चढ़ाव, ज्वालामुखी विस्फोट या विशाल सौर प्रकोप के रूप में हो सकते हैं। इन कारणों से अचानक जलवायु परिवर्तन बढ़ सकता है।

उतार-चढ़ाव के कारण तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है, जो पिछले ग्लेशियल अवधि के दौरान इस तरह के उतार-चढ़ाव 25 बार हुए थे।  जुआन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का आसानी से सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। परिवर्तन के लिए हम सतह के तापमान में होने वाले बदलावों को सबसे अधिक संभावित कारण मानते हैं। इस शोध में हमने यह खुलासा किया है कि ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि होने से जलवायु परिवर्तन के अधिकतम आसार हैं। तापमान की वर्तमान स्थिति तेजी से बदल रही है, यह उच्च तापमान में परिवर्तित हो रहा है, जो जलवायु परिवर्तन को गति दे रहा है।

ग्रीनहाउस गैस के प्रभाव के बढ़ने की प्रक्रिया को समझने से, शोधकर्ता उस रास्ते का पता लगा सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ा रहे हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्रीनहाउस गैस के उतार-चढ़ाव के बड़े प्रभाव के परिणामस्वरूप ठंडी जलवायु बदलकर गर्म हो जाती है।

डुआन ने कहा कि, यदि वातावरण के तापमान में उतार-चढ़ाव नहीं होता है, तो हम ग्रीनहाउस गैस के प्रभाव से होने वाले जलवायु परिवर्तन को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रोबबिलिस्टिक जलवायु परिवर्तन मॉडल एक बहुत अच्छा शोध उपकरण है।