Photo : Twitter Account of Greta Thunberg 
जलवायु

अक्षरश: पढ़िए ग्रेटा थनबर्ग का भाषण

पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग यूएन में क्यों हो गई भावुक और उन्होंने दुनिया के नेताओं को क्या कहा? यहां पढिए पूरा भाषण।

Vivek Mishra

मेरा संदेश यह है कि हम आपको देखते रहेंगे …

(तालियां…)

यह सब गलत है। मुझे यहां नहीं होना चाहिए बल्कि महासागर के उस पार वापस स्कूल में होना चाहिए। फिर भी आप सभी लोग हम युवा के पास आशा के लिए आए हैं !

आप की हिम्मत कैसे हुई!

(भावुकता से…)

आपने अपने खोखले शब्दों से मेरे सपने और मेरा बचपना चुरा लिया है। फिर भी मैं भाग्यशाली लोगों में से एक हूं। लोग भुगत रहे हैं। लोग मर रहे हैं। समूची पारिस्थितिकी व्यवस्था ढह रही है। हम सामूहिक विलुप्ति की चौखट पर हैं।

(रुंधे गले से..)

और आप सभी लोग धन और शाश्वत आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बात कर रहे। आप लोगों की यह हिम्मत हुई कैसे?  

(तालियां…)

30 वर्षों से अधिक हो गए, विज्ञान पारदर्शी शीशे की तरह स्पष्ट कर चुका है। जब राजनीति और समाधान की जरूरत है, तब भी वह सुदूर कहीं नजर नहीं आती। किस साहस के साथ आप यहां कह रहे हैं कि हमने पर्याप्त काम कर दिया है और आगे भी देखना जारी रखेंगे।    

आप कहते हैं कि आप हमें (युवाओं को) सुनते हैं और आपको तात्कालिकता समझ में आती है। लेकिन यह कोई मायने नहीं रखता कि मैं कितनी दुखी और गुस्से में हूं। मैं इस पर (आपके कदमों पर) यकीन नहीं करना चाहती। क्योंकि यदि आप वाकई स्थितियों को समझते हैं और लगातार कार्रवाई करने में विफल हो रहे हैं, तो आप बुरा ही करेंगे। और इसलिए मैं यकीन करने को खारिज करती हूं।

(तालियां…)

10 वर्षों में हमारे उत्सर्जन में आधी कटौती का लोकप्रिय विचार हमें सिर्फ तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे बनाए रखने का 50 फीसदी मौका और मानव नियंत्रण से परे कभी न बदले जा सकने वाले बदलावों की श्रृंखला का जोखिम भर देता है।  

हो सकता है 50 फीसदी आपको स्वीकार हो। लेकिन उन संख्याओं में छोटे-छोटे बदलावों के बिंदु, अधिकांश प्रतिक्रियाओं, जहरीले वायु प्रदूषण में छिपी अतिरिक्त गर्मी अथवा समानता और जलवायु न्याय के पहलू शामिल नहीं है।

बड़ी मुश्किल से मौजूद तकनीकी के साथ हवा के बाहर आपके अरबों टन कार्बन डाई ऑक्साइड को सोखेने वाली मेरी पीढ़ी पर वो भी भरोसा करते हैं। इसलिए 50 फीसदी का जोखिम स्वीकार योग्य नहीं है – हम (मेरी पीढ़ी) वह है जो दुष्परिणामों के साथ जी रही है।

वैश्विक तापमान की बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रखने का मौका 67 फीसदी है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने इस बारे में बेहतरीन सांख्यिकी पेश की है। 1 जनवरी, 2018 को दुनिया के पास कॉर्बन डाई ऑक्सीजन उत्सर्जित करने की सिर्फ 420 गीगाटन है जो कि पहले से ही गिरकर यह संख्या अब 350 गीगाटन पर पहुंच चुकी है।  

आपकी हिम्मत कैसे हुई ? कछ तकनीकी समाधानों और बेहद लचीले रवैये से ही निदान के बारे में सोचने की। आज के उत्सर्जन स्तर को देखते हुए कहा जा सकता है कि शेष बचा हुआ समूचा "सीओटू बजट" साढ़े आठ वर्षों से भी कम समय में खत्म हो जाएगा।

इन आंकड़ों के साथ आज कोई भी समाधान और योजना पेश नहीं की गई। क्योंकि यह संख्याएं बेहद असहज करने वाली हैं। और आप अभी तक यह बताने के लिए पर्याप्त तरीके से परिपक्व नहीं हो पाएं हैं।

आप हमें विफल कर रहे हैं। लेकिन युवा पीढ़ी आपके विश्वासघात को समझना शुरु कर चुकी है। भविष्य की पीढ़ी अपनी आंखे आप पर टिकाए हुए है। अगर आप हमें विफल करने की कोशिश करेंगे तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे।

(शाबासी और तालियां…)

हम आपको इससे दूर भागने नहीं देंगे। यहीं और अभी हम क्या रेखा खींच रहे हैं? यह दुनिया जग रही है। बदलाव आ रहा है। आप उसे चाहें या न चाहें।

धन्यवाद