जलवायु

जलवायु के खिलाफ जंग में सामने आया ग्रीस, पास किया पहला क्लाइमेट लॉ

ग्रीस का यह पहला क्लाइमेट लॉ, 2028 तक सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करने की बात करता है

Susan Chacko, Lalit Maurya

ग्रीस सरकार ने 26 मई, 2022 को देश का पहला राष्ट्रीय जलवायु कानून पास कर दिया है। यह कानून 2028 तक देश में बिजली उत्पादन को पूरी तरह कोयला मुक्त करने की बात करता है। गौरतलब है कि इस कानून के तहत देश में सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की समीक्षा के लिए 2023 तक की समयसीमा तय की गई है।

इतना ही नहीं जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इस कानून के तहत देश 2030 तक अपने कुल उत्सर्जन में 55 फीसदी की कटौती करेगा, जबकि 2040 तक इसको बढाकर 80 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं 2050 तक ग्रीस में शुद्ध शून्य उत्सर्जन की बात कही है।

साथ ही इस कानून के तहत अर्थव्यवस्था के सात क्षेत्रों के लिए क्षेत्रीय कार्बन बजट विकसित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ यह एक ऐसा घटक है जो यूरोप में कुछ सबसे उन्नतिशील जलवायु कानूनों में ही मौजूद है, जोकि अपने आप में खास है।

यह कानून जलवायु परिवर्तन के मामले में देश की अनुकूलन सम्बन्धी उपायों और नीतियों की बात करता है साथ ही इस कानून में 2050 तक ग्रीस को कार्बन मुक्त करने के पथ को सुनिश्चित करने की बात कहता है। 

इस कानून में जिन प्रमुख उपायों और नीतियों को स्थापित करने पर जोर दिया है उनमें जितना कम से कम हो सके उतनी कम कीमत पर जलवायु अनुकूलन को सुदृढ़ बनाना, 2030 और 2040 के लिए उत्सर्जन लक्ष्यों को निर्धारित करना शामिल है। साथ ही इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के लिए कार्बन बजट तंत्र स्थापित करने और इससे जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने में कितनी प्रगति देश में हुई है उसके लिए संकेतक निर्धारित करना शामिल है। 

साथ ही इस कानून में इससे जुड़ी प्रशासन प्रणाली और जलवायु कार्रवाई में भागीदारी की भी परिकल्पना की गई है। साथ ही कैसे बिजली उत्पादन से होने वाले उत्सर्जन को कम किया जाए उससे जुड़े उपाय भी पेश किए गए हैं।

सुधार के लिए है काफी गुंजाईश 

इस बारे में ग्रीन टैंक, जोकि पर्यावरण के लिए काम करने वाला संगठन है, जिसने राष्ट्रीय जलवायु कानून पर हुई जन सुनवाई में भाग भी लिया था, उसने इसपर एक एक ज्ञापन के रूप में सुधार के लिए अपनी सिफारिशें भी प्रस्तुत की हैं।

इस ज्ञापन के अनुसार नवंबर 2021 में सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रस्तुत किए गए बिल की तुलना में कई क्षेत्रों से जो महत्वाकांक्षा की गई है उसका स्तर काफी कम है। देखा जाए तो यह यूरोप में जलवायु को लेकर हो रहे सुधारों की भावना के भी विपरीत है।

गौरतलब है कि यूरोपियन कमीशन आरईपावरईयू नामक ऊर्जा योजना बना रहा है जिसका मकसद ऊर्जा की बचत करना है। साथ ही यूरोप में साफ-सुथरी ऊर्जा उत्पादन और उसकी आपूर्ति में विविधता लाने की है, जिससे जीवाश्म ईंधन के मामले में रूस पर उसकी निर्भरता कम हो सके और 2030 तक यूरोप, रुसी जीवाश्म ईंधन से मुक्त हो सके।

यूरोपियन ग्रीन डील के फिट फॉर 55 पैकेज के तहत 2050 तक जलवायु तटस्थता हासिल का बाध्यकारी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही जलवायु तटस्थता की दिशा में अपनी महत्वकांक्षा में इजाफा करते हुए यूरोप ने 2030 तक अपने उत्सर्जन में कम से कम 50 फीसदी की कटौती करने पर प्रतिबद्धता जताई है।

वहीं इस कानून के बारे में ग्रीनपीस का कहना है कि यह कानून जलवायु तटस्थता की दिशा में उठाया गया एक छोटा सा कदम है, जिसमें ग्रीस को तेजी से जीवाश्म ईंधन मुक्त बनाने के लिए रणनीति का अभाव है।