जलवायु

जी-20: कोयला सेक्टर को दोगुना सब्सिडी दे रहे हैं बड़े देश

पिछले तीन सालों के दौरान जी-20 देशों ने कोयले पर दी जाने वाली सब्सिडी दोगुनी कर दी है। जबकि इन देशों ने वचन दिया था कि वे इस क्षेत्र को दी जाने वाली मदद समाप्त कर देंगे।

Raju Sajwan

पिछले तीन सालों के दौरान जी-20 देशों ने कोयले पर दी जाने वाली सब्सिडी दोगुनी कर दी है। जबकि इन देशों ने वचन दिया था कि वे इस क्षेत्र को दी जाने वाली मदद समाप्त कर देंगे। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

ओसाका में होने वाली जी-20 देशों की बैठक से पहले यह रिपोर्ट आई है। पर्यावरण कार्यकर्ता पहले ही जलवायु परिवर्तन को लेकर जी-20 देशों के रवैये से खुश नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि ट्रम्प प्रशासन पहले ही यह कह चुका है कि वह पैरिस जलवायु समझौता से बाहर हो सकता है।

कार्बन उत्सर्जन और वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण माने जाने वाले कोयले के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की वजह से जापान सरकार की जमकर आलोचना की जा रही है। टोक्यो ने हाल ही में 2050 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की है, और कई प्रमुख वित्तीय संस्थानों ने कहा है कि वे कोयले का इस्तेमाल कम करने अपने वैश्विक समकक्षों का सहयोग करेंगे।

ओवरसीज डेवलपमेंट इंसिएटिव (ओडीआई), ऑयल चेंज इंटरनेशनल, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबल डेवलवपमेंट और नेचुरल रिसोर्स डिफेंस कौंसिल द्वारा दुनिया के 20 बड़े देशों में कोयले के उत्पादन और खपत के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर नजर रखी जाती है। इन संस्थानों के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोयला सेक्टर को ये देश लगभग 65 बिलियन डॉलर मदद हर साल दे रहे हैं।

इस अध्ययन में बताया गया है कि लगभग 28 बिलियन डॉलर सरकारी वित्तीय संस्थानों द्वारा खर्च किए गए हैं, इनमें डेवलपमेंट बैंक, क्रेडिट एजेंसी शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 15 बिलियन डॉलर की छूट कोल सेक्टर को दी जा रही है। जबकि लगभग 21 बिलियन डॉलर सरकारी कंपनियों द्वारा किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के लेखक ने चेताया कि वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं, क्योंकि कई देश अपने सब्सिडी कार्यक्रमों के बारे में सार्वजनिक जानकारी नहीं दे रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला क्षेत्र को सबसे अधिक सहयोग करने वाले देशों में जापान का नंबर अव्वल है। जापान सालाना कम से कम 5 बिलियन डॉलर खर्च करता है।

ओडीआई के रिसर्च फेलो एवं रिपोर्ट के लेखक इपेक जिंसु ने कहा कि जी-20 देशों ने अगले 10 साल के भीतर जीवाश्म ईंधन के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म करने को कहा है, लेकिन इससे उलट कई देश कोयले से चलने वाले बिजली घरों को सब्सिडी बढ़ा रहे हैं। कोयला क्षेत्र को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करके पर्यावरण के साथ-साथ समाज और आर्थिक फायदा होगा, क्योंकि इससे स्वच्छ ऊर्जा को समान प्रतिस्पर्धात्मक माहौल मिलेगा।