जलवायु

बदलती जलवायु के कारण समुद्री पक्षियों के लिए मछली पकड़ना हो रहा है कठिन: शोध

Dayanidhi

आयरलैंड की यूनिवर्सिटी कॉलेज कॉर्क (यूसीसी) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पानी धुंधला होता जा रहा है, जो समुद्री पक्षियों के लिए मछली पकड़ना कठिन बना रहा है।

आयरलैंड के तट से दूर एक छोटे से द्वीप लिटिल साल्टी पर, शोधकर्ताओं ने एक छोटी सी पक्षी मैंक्स शीयरवाटर के दस्ते के शिकार करने के बारे में पता लगाया।

इस नए अध्ययन का उद्देश्य यह समझना था कि पानी के नीचे की दृश्यता मछली तथा अन्य शिकार के लिए समुद्री पक्षी की क्षमता को कैसे प्रभावित करती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि समुद्री पक्षियों की गोताखोरी क्षमताओं पर समुद्र के पानी की स्पष्टता के प्रभाव की जांच करने वाला यह पहला अध्ययन है।

जलवायु परिवर्तन के कारण महासागर हो रहे हैं धुंधले

स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल एनवायरनमेंट एंड अर्थ साइंसेज में एक समुद्री पारिस्थितिकी विद और प्रमुख अध्ययनकर्ता जेमी डार्बी ने कहा महासागरों के रासायनिक और भौतिक गुण एक अप्राकृतिक दर से बदल रहे हैं, जिससे समुद्री जीवों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन का एक परिणाम यह है कि हमारे महासागरों के बड़े क्षेत्र धुंधले होते जा रहे हैं।

डार्बी और शोध टीम ने स्थानीय पर्यावरणीय परिस्थितियों जैसे पानी का धुंधलापन और स्पष्टता के संबंध में मैंक्स शीयरवाटर के गोताखोरी के काले और सफेद पैटर्न की जांच की। इसके लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटाबेस का उपयोग करते हुए 5000 से अधिक विभिन्न गोताखोरी को रिकॉर्ड किया गया था और मौसम के पैटर्न और समुद्र की स्थिति के बारे में प्रासंगिक जानकारी की एक श्रृंखला एकत्र की गई थी।

भोजन खोजने के लिए संघर्ष

अध्ययन में पाया गया कि जब सूरज की रोशनी पानी के भीतर और अधिक गहराई तक प्रवेश करती है तो पक्षी गहरे पानी में शिकार करते हैं। दृश्यता भोजन के लिए गोता लगाने की उनकी क्षमता को बढ़ाती है। जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है और समुद्र धुंधला होता जा रहा है, यह खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका मतलब है कि समुद्री पक्षियों को इस चुनौती से पार पाना होगा।

अध्ययनकर्ताओं ने कहा हमारे निष्कर्ष इस विचार का समर्थन करते हैं कि पक्षियों को गहराई में शिकार करने में सफल होने के लिए पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है। जबकि इस अध्ययन ने एक विशेष समुद्री पक्षी की जांच की गई। इसके परिणाम अन्य जीवों पर भी लागू किए जा सकते हैं।

कई देखने पर निर्भर शिकारी खुद के भोजन खोजने के लिए संघर्ष कर सकते हैं। जेमी डार्बी ने कहा, मानवीय गतिविधियां महासागरों को और अधिक अस्पष्ट बना रही हैं। यह शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी में प्रकाशित हुआ है।