दुनिया में पहली बार लगभग 70 साल की एक महिला की बीमारी का कारण जलवायु परिवर्तन बताया गया है। यह महिला ब्रिटिश कोलंबिया के कनाडाई प्रांत में एक ट्रेलर पर रहती है।
महिला का इलाज कर रहे डॉक्टर ने चिकित्सीय जांच में उसकी बीमारी की वजह 'जलवायु परिवर्तन' बताया है। कनाडा के एक समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार महिला जून के अंत में जलवायु परिवर्तन का शिकार हुई थी।
जून में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के प्रशांत तट पर भीषण गर्मी का प्रकोप था। आग लगने के कारण अगले दो महीनों में इस क्षेत्र में 500 लोगों की मौत हो गई और हवा की गुणवत्ता खराब हो गई थी।
यह महिला ब्रिटिश कोलंबिया के नेल्सन स्थित कूटने लेक अस्पताल में डॉ काइल मेरिट के पास इलाज के लिए गई थी। उसने शिकायत की थी कि उसे मधुमेह है और दिल में कुछ दिक्कतें महसूस कर रही है। वह एक ट्रेलर में रहती है, जहां कोई एयर कंडीशनिंग नहीं है।
डॉ. मेरिट ने यह बात ब्रिटिश कोलंबिया के विक्टोरिया से निकलने वाले अखबार टाइम्स कॉलोनिस्ट को बताई। मेरिट के मुताबिक महिला की हालत सही नहीं है और उसे काफी दिक्कत महसूस हो रही थी।
महिला को दमा हो गया था और लू की वजह से उसके लिए सांस लेना और भी मुश्किल हो गया था। इसे देखते हुए डॉ. मेरिट ने महिला के चार्ट में जलवायु परिवर्तन लिख दिया।
अमेरिकी राज्यों वाशिंगटन और ओरेगॉन की तरह ब्रिटिश कोलंबिया में जून में बड़ी तेज गर्मी पड़ी थी। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। इसके अलावा लिटन शहर भीषण गर्मी के कारण आग से तबाह हो गया।
दरअसल यहां लू का कहर बढ़ गया था। लू वायुमंडल पर ढक्कन या ओवन की तरह काम करती है। गर्म हवा ऊपर तो उठती है, लेकिन उच्च दबाव इसे वापस सतह पर धकेल देता है, जिसके चलते यह और भी अधिक गर्म हो जाती है।
डॉ मेरिट की इस पहल का असर यह हुआ कि वहां के स्थानीय डॉक्टर और नर्सों ने मिल एक अभियान की शुरुआत की।
डॉक्टर-नर्सों की इस टीम ने अपनी वेबसाइट शुरू की, जिसमें कहा गया कि हम ग्रह की रक्षा करके मानव स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे हैं।