जलवायु

पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 122 वर्षों में दर्ज की गई दूसरी सबसे गर्म जुलाई: आईएमडी

आईएमडी के मुताबिक पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 1901 के बाद से चौथी सबसे कम बारिश इस जुलाई में दर्ज की गई, जो सामान्य से 32 फीसदी कम रही

Kiran Pandey, Lalit Maurya

वैश्विक स्तर पर एक तरफ जहां हजारों वर्षों में सबसे गर्म जुलाई अनुभव किया गया। वहीं भारत में भी कई जलवायु रिकॉर्ड बने-बिगड़े। इस दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत ने भी नए रिकॉर्ड बनाए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक एक तरफ जहां इन क्षेत्रों में मानसून के दौरान बहुत कम बारिश दर्ज की गई। वहीं पिछले 122 वर्षों में दूसरी बार जुलाई में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

इन क्षेत्रों में पूरे जुलाई में, दिन और रात दोनों समय तापमान असामान्य रूप से अधिक था। महीने का औसतन तापमान 29.38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो जुलाई के सामान्य तापमान से 1.45 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

मौसम विभाग के मुताबिक यदि औसत अधिकतम तापमान को देखें तो इस दौरान 11 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में तापमान दूसरी बार इतना ज्यादा दर्ज किया गया। जब इस महीने पारा 33.23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 1.78 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

वहीं यदि औसत न्यूनतम तापमान को देखें तो वो भी 25.53 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जोकि जुलाई के सामान्य तापमान से भी अधिक है। इसने 2022 में बनाए 25.31 डिग्री सेल्सियस के पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है।

हालांकि इन क्षेत्रों में इस साल फरवरी और जून में पहले भी रिकॉर्ड टूटे हैं, लेकिन जुलाई में होने वाली वृद्धि अधिक ध्यान देने योग्य थी। बता दें कि जुलाई 2023 के दौरान इन क्षेत्रों में तापमान पहले की तुलना में अधिक असामान्य था।

उदाहरण के लिए, औसत तापमान जुलाई के सामान्य तापमान से 1.45 डिग्री सेल्सियस अधिक था। वहीं जून में यह सामान्य से केवल 1.37 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया था। गौरतलब है कि यह जानकारी आईएमडी की मासिक जलवायु समीक्षा में सामने आई है।

बनते बिगड़ते जलवायु रिकॉर्ड

यदि पूरे भारत से जुड़े आंकड़ों को देखें तो यह सातवां मौका है जब 1901 के बाद से जुलाई में इतना अधिक तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल जुलाई का औसत तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से 0.43 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। यहां सामान्य औसत तापमान की गणना 1981 से 2010 के औसत तापमान के आधार पर की गई है।

इसी तरह जुलाई में देश का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 0.57 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल जुलाई में औसत न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड 24.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था, जो 1901 के बाद से दूसरा सबसे अधिक तापमान है।

यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो बढ़ते तापमान और अल नीनो के चलते जुलाई में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। जुलाई में तापमान ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। यदि 1971 से 2020 के बारिश से जुड़े आंकड़ों से तुलना करें तो इस साल देश में 13 फीसदी अधिक बारिश हुई है।

भारत में इस दौरान होने वाली औसत बारिश आमतौर पर 280.5 मिलीमीटर रहती है। इसी तरह जहां देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बारिश सामान्य से 22 फीसदी अधिक रहीं। वहीं मध्य भारत में भी सामान्य से 25 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। कुछ ऐसा ही प्रायद्वीपीय भारत में देखने को मिला, जहां सामान्य से 45 फीसदी अधिक बारिश हुई।

इसके लिए खासतौर पर जुलाई के शुरूआती हिस्से में हुई भारी बारिश को जिम्मेवार माना जा सकता है। हालांकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। इन क्षेत्रों में महीने के दौरान पर्याप्त बारिश भी नहीं हुई। इन क्षेत्रों में औसतन 286.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जोकि सामान्य (424.1 मिमी) से 32 फीसदी कम है।

जनवरी से जुलाई 2023 के बीच इस क्षेत्र में सात में से छह महीनों जनवरी, फरवरी, अप्रैल, मई, जून और जुलाई में पर्याप्त बारिश नहीं हुई।  इस क्षेत्र में जनवरी, अप्रैल, मई और अब जुलाई में इतनी कम बारिश हुई, की उसने 1901 के बाद से कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

आईएमडी के अनुसार, जुलाई 2023 में पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 1901 के बाद से चौथी सबसे कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि जलवायु में आते बदलावों के चलते बारिश में इतना अधिक उतार-चढ़ाव हो रहा है, जिससे इस क्षेत्र में भविष्यवाणी करना कठिन हो गया है।