जलवायु

कॉप-26: संयुक्त राष्ट्र ने कहा, कार्बन कटौती का दावा खोखला है

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जब जीवाश्म ईंधन उद्योग अभी भी खरबों की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं, अभी भी कोयला संयंत्रों का निर्माण हो रहा है, तो कार्बन में कटौती का वादा खोखला है

Dayanidhi

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समाज के सभी वर्गों  को आगे आना होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जलवायु वार्ता में एक प्रमुख मुद्दा तापमान का लक्ष्य जीवन शय्या या लाइफ सपोर्ट पर है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई है कि दुनिया भर की सरकारें ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के अपने वादों को निभाएंगे और संबंधित काम को आगे बढ़ाएंगें।

गुटेरेस ने ग्लासगो में चल रहे कॉप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में कहा कि तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का अर्थ है कि 2030 तक वैश्विक स्तर पर उत्सर्जन को 45 प्रतिशत तक कम करना होगा। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्य को निर्धारित करने का काम भले ही पूरी तरह से चल रहा हो, फिर भी 2030 तक उत्सर्जन में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा, जब आप पहले से ही जलवायु के खतरे में हैं, तो बहुत दूर की सोचना महत्वपूर्ण नहीं है। इस परिस्थिति से निपटने के लिए किस चीज पर चर्चा करनी है वह महत्वपूर्ण है। आपका पहला कदम क्या होगा? क्योंकि अगर आपका पहला कदम ही गलत है, तो आपको दूसरा या तीसरा कदम उठाने का मौका नहीं मिलेगा।

अब तक कॉप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र की तीन घोषित प्राथमिकताओं में से किसी को हासिल करने के करीब नहीं आए हैं। इनमें से एक 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में लगभग 50 फीसदी की कटौती का लक्ष्य हासिल करना है। 

अन्य दो प्राथमिकताओं में अमीर देशों द्वारा गरीब देशों को जलवायु को लेकर वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसमें प्रति वर्ष 100 बिलियन डॉलर प्रदान करने के 12 साल पुराने संकल्प को पूरा करना हैं। इसमें यह सुनिश्चित करना कि उस राशि का आधा हिस्सा उन्हें जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने में मदद करने के लिए हो।

गुटेरेस ने कहा सदी के अंत तक पूर्व-औद्योगिक काल से तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का व्यापक लक्ष्य हासिल करना है। जो की अभी भी पहुंच में है लेकिन जीवन शय्या या लाइफ सपोर्ट पर है। जबकि दुनिया पहले ही 1.1 डिग्री सेल्सियस गर्म कर चुकी है। 

कॉप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन का समापन लगभग होने ही वाला है। गुटेरेस ने कहा कि यदि वार्ताकार महत्वाकांक्षी कार्बन में कटौती के लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाते हैं, तो राष्ट्रीय नेताओं को 2023 में नए संकल्प के साथ आना होगा।

गुटेरेस ने जलवायु वार्ताकारों से कहा कि जब जीवाश्म ईंधन उद्योग अभी भी खरबों की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं, जब देश अभी भी कोयला संयंत्रों का निर्माण कर रहे हैं, तो कार्बन में कटौती या कार्बन-कटिंग लक्ष्यों का वादा खोखला हो जाता है।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ग्लासगो में लिए संकल्प से मुद्दों को हल किया जा सकता है। कार्बन क्रेडिट और पारदर्शिता के व्यापार के लिए व्यावहारिक बाजार बनाना जो दर्शाता है कि प्रदूषण कम करने वाली कार्रवाई सही दिशा में चल रही है।

कार्बन मार्केट सहित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को लागू करने पर दस्तावेजों के नए ड्राफ्ट रातों रात जारी किए गए। क्योंकि विकासशील देशों के लिए वित्तीय सहायता का आकलन और उसको ट्रैक करने के लिए विभिन्न विकल्पों वाले नए प्रस्ताव इसमें शामिल थे।

गुटेरेस ने घोषणा की कि वह नेट जीरो के वादों को मापने और उनका विश्लेषण करने तथा स्पष्ट मानकों के लिए एक उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समूह की स्थापना करेंगे, जो अगले साल सिफारिशों को प्रस्तुत करेगा।