जलवायु

बनता-बिगड़ता जलवायु इतिहास, 174 वर्षों में सातवां सबसे गर्म जनवरी का महीना किया गया दर्ज

तापमान बढ़ने के साथ-साथ इस साल जनवरी में वैश्विक स्तर पर समुद्रों में जमा बर्फ की सीमा भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है

Lalit Maurya

वैश्विक स्तर पर जिस तरह से जलवायु में बदलाव आ रहे हैं उसके साथ ही धरती का जलवायु इतिहास भी बन-बिगड़ रहा है। इसी कड़ी में पिछले 174 वर्षों के इतिहास की सातवीं सबसे गर्म जनवरी इस वर्ष 2023 में दर्ज की गई है। यह जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई है।

रिपोर्ट से पता चला है कि जनवरी 2023 में तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.87 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। 2022 में जनवरी का महीना इतिहास का छठा सबसे गर्म जनवरी का महीना था। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में अब तक की सबसे गर्म जनवरी रिकॉर्ड की गई थी जब तापमान औसत से 1.22 डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया गया था।

यदि आंकड़ों पर गौर करें तो यह लगातार 47वां जनवरी का महीना है जब तापमान 20वीं सदी के तापमान से ऊपर दर्ज किया गया है। इसी तरह यदि साल के 12 महीनों को देखें तो यह लगातार 527 वां महीना है जब तापमान औसत से ज्यादा था।

रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि कुछ ऐसी ही स्थिति स्थानीय तौर पर भी दर्ज की गई हैं। इस साल जनवरी में जहां यूरोप, आर्कटिक और अफ्रीका के साथ उत्तर और उत्तर-पूर्वी अमेरिका  के अधिकांश हिस्सों में तापमान औसत से ऊपर था। वहीं दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण-पूर्वी एशिया में भी तापमान औसत से ऊपर दर्ज किया गया।

दर्ज की गई यूरोप के इतिहास की सबसे गर्म जनवरी

पता चला है कि जहां इस साल यूरोप ने अपनी सबसे गर्म जनवरी का सामना किया।  वहीं उत्तरी अमेरिका के लिए यह पांचवा सबसे गर्म जनवरी का महीना था। इसी तरह अफ्रीका ने भी अपनी छठी सबसे गर्म जनवरी को अनुभव किया था।

पता चला है कि जहां इस साल यूरोप ने अपनी सबसे गर्म जनवरी का सामना किया।  वहीं उत्तरी अमेरिका के लिए यह पांचवा सबसे गर्म जनवरी का महीना था। इसी तरह अफ्रीका ने भी अपनी छठी सबसे गर्म जनवरी को अनुभव किया था। वहीं दक्षिण अमेरिका में यह 20 सबसे गर्म जनवरी के महीनों में से एक था। एशिया में भी तापमान औसत से ज्यादा था। हालांकि यदि ओशिनिया की बात करें तो जनवरी में तापमान औसत से ऊपर दर्ज किया गया था, लेकिन इसके बावजूद 2007 के बाद इस साल ओशिनिया ने अब तक के सबसे ठन्डे जनवरी का अनुभव किया।

अमेरिका की बात करें तो वहां जनवरी 2023 का महीना छठा सबसे गर्म जनवरी था। वहीं हवाई में तापमान 1941 जितना ही दर्ज किया गया जोकि उसके लिए अब तक की सबसे गर्म जनवरी थी। इसी तरह कैलिफोर्निया में इस साल हुई भारी बारिश और हिमपात ने भी सुर्खियां बटोरी थी।

यदि न्यूजीलैंड की बात करें तो इस साल जनवरी के महीने में कुछ ज्यादा ही बारिश हुई नतीजन 1853 के बाद न्यूजीलैंड में यह पहला मौका है जब जनवरी में इतनी ज्यादा बारिश हुई है।

रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया समुद्री बर्फ का विस्तार

जलवायु में आते बदलावों के चलते सिर्फ तापमान ही नहीं बढ़ रहा इस साल जनवरी में वैश्विक स्तर पर समुद्रों में जमा बर्फ की सीमा भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। गौरतलब है कि इस साल उसने 2017 में 1.5 लाख वर्ग मील के पिछले रिकॉर्ड को पार कर लिया है।

इसी तरह अंटार्कटिक में समुद्री बर्फ का विस्तार जनवरी के अपने अब तक के सबसे निचले स्तर यानी 12.5 लाख वर्ग मील पर पहुंच गया। जो 1991 से 2020 के औसत से करीब 7 लाख वर्ग मील कम है। देखा जाए तो इस साल जनवरी में वहां समुद्री बर्फ का विस्तार जनवरी 2017 के पिछले रिकॉर्ड से कम से कम करीब 210,000 वर्ग मील छोटा दर्ज किया गया है।

कमोबेश जनवरी में आर्कटिक की भी यही स्थिति थी, जहां इस साल जनवरी में समुद्री बर्फ का विस्तार औसतन 51.5 लाख वर्ग मील दर्ज किया गया। जो 1991 से 2020 के औसत से करीब 243,000 वर्ग मील कम है। यह 45 साल के इतिहास में जनवरी के दौरान तीसरी सबसे छोटी सीमा को चिह्नित करता है।

यदि वैश्विक स्तर पर आए उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बात करें तो वो औसत से कम थे। गौरतलब है कि जनवरी 2023 में दुनिया भर में चार नामित तूफान आए थे।  इनमें से एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात की शक्ति 74 मील प्रति घंटा या उससे ज्यादा दर्ज की गई थी। गौरतलब है कि दक्षिण हिंद महासागर में बने चक्रवात 'चेनेसो' की वजह से मेडागास्कर में भारी बारिश और बाढ़ ने कहर ढाया था।