जलवायु

जलवायु संकट: बढ़ते तापमान ने ब्रोकली को भी बनाया फूलगोभी जैसा, गुणवत्ता पर भी पड़ा असर

Dayanidhi

बदलती जलवायु के दौर में एक अनुभवी किसान यह समझने लगा हैं कि, बढ़ते तापमान के कारण ब्रोकली ठीक से विकसित नहीं हो पर रही है। ब्रोकली को बहुत अधिक तापमान में उगाए जाने पर वह फूलगोभी के समान हो सकती हैं।

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि ब्रोकली पर बढ़ते तापमान का असर पड़ रहा है, जिससे यह असामान्य हो जाती हैं। सभी फसलों पर जलवायु में बदलाव से बढ़ते तापमान का असर पड़ता हैं जो गर्मी प्रतिरोधी नई किस्मों की ओर इशारा करते हैं।

ब्रोकली के फायदे : ब्रोकली एक सब्जी है, इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, जिंक, सेलेनियम, विटामिन ए से लेकर सी, पॉलीफेनोल, क्वेरसेटिन और ग्लूकोसाइड सहित कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। कोरोना महामारी के चलते इसकी महत्वता और बढ़ गई है क्योंकि यह हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती है।

ब्रोकोली तब सबसे अच्छी तरह से बढ़ती है जब यह शुरुआती ठंड के समय, वसंत के मौसम में या पतझड़ के समय लगाई गई हो। शोधकर्ताओं ने पाया कि  ब्रोकली सामान्य रूप से 16 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान पर बढ़ती है, इसका फूल और ऊपरी हिस्सा 22 डिग्री सेल्सियस पर खराब होने लगता है और यह 28 डिग्री सेल्सियस पर इसका शीर्ष भाग फूलगोभी जैसा या दही के समान दिखता है।

शोधकर्ताओं ने तब पांच -एजेसीटिडाइन का उपयोग किया, यह एक तरह का केमिकल है जिसे डीएनए मेथिलिकरण नामक प्रक्रिया को रोकने के लिए जाना जाता है। जहां एक मिथाइल समूह, एक छोटा अणु डीएनए में जोड़ा जाता है। जीन को चालू और बंद करने के लिए मेथिलिकरण एक प्रक्रिया है, इस मामले में यह सामान्य ब्रोकोली उत्पादन के लिए आवश्यक जीनों के एक समूह को रोक या दबा देता है।

जब पांच-एजेसीटिडाइन का उपयोग किया गया था, तो सामान्य ब्रोकली के ऊपरी भाग 28 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर भी बढ़े, यह सुझाव देते हुए कि गर्मी की उपस्थिति में असामान्य वृद्धि के पीछे मेथिलिकरण था।

सह-शोधकर्ता प्रोफेसर सुशेंग गन ने बताया कि एक बार जब हम इस प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझ लेते हैं, तो हम एक नई जैव प्रौद्योगिकी विकसित करने के तरीकों को विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं। डीएनए मेथिलिकरण को दबाने या रोकने के लिए एक आणविक आनुवंशिकी दृष्टिकोण, फसलों को अधिक गर्म तापमान और व्यापक क्षेत्रों में विकसित करने के लिए अहम है। गन, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड लाइफ में स्कूल ऑफ इंटीग्रेटिव प्लांट साइंस प्लांट बायोलॉजी के प्रोफेसर हैं।

साथ ही चीन के हांग्जो में झेजियांग विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर लिपिंग चेन ने भी इस शोध में अहम भूमिका निभाई है।

गर्म तापमान पौधों में वृद्धि और विकास के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है। फूलों का विकास विशेष रूप से जटिल और तापमान के प्रति संवेदनशील होता है, गर्मी के साथ ब्रोकोली जैसी सब्जियों की गुणवत्ता और उपज कम हो जाती है, जहां पूरे फूल का ऊपरी हिस्सा जिसमें उपजी, डंठल, पत्तियां और फूल शामिल हैं जो खाए जाते हैं।

हालांकि उन्होंने इस पर और अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता जताई है, गन का मानना है कि उच्च तापमान पर, फूल के विकास में शामिल जीनों के डीएनए मेथिलिकरण को सभी फसलों में संरक्षित किया जा सकता है।

अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पूरे-जीनोम अनुक्रमण तकनीकों का उपयोग करते हुए ब्रोकोली पौधों (ब्रैसिका ओलेरासिया) की रूपरेखा तैयार की, जिसने पौधे के मिथाइलोम की पहचान की, जहां जीनोम मेथिलिकरण हुआ और इसकी पहचान यह है कि कौन से जीन काम कर रहे हैं।

उन्होंने पाया कि ब्रोकली में फूलों के असामान्य विकास को फ्लोरल डेवलपमेंट सेसेशन-एसोसिएटेड जीन (एफसीजी) के द्वारा नियंत्रित किया गया था। 16 डिग्री सेल्सियस पर, ब्रोकोली की पुष्प कली सामान्य रूप से विकसित हुई। 28 डिग्री सेल्सियस पर और कुछ हद तक 22 डिग्री सेल्सियस पर, एफसीजी चालू करने वाले आनुवंशिक तत्वों के मिथाइलेशन को दबा दिया गया था।

जब ब्रोकली गर्म तापमान में उगाई जाती है, तो फूल का विकास के पहले चरणों तक ही सीमित हो जाता है। तो, 22 डिग्री सेल्सियस पर, ब्रोकोली की कलियां एक चरण तक सीमित होती हैं जहां वे ब्रोकोली का ऊपरी हिस्सा और फूलगोभी या दही के समान दिखता हैं। 28 डिग्री सेल्सियस पर, ब्रोकोली और भी अविकसित होते हैं और फूलगोभी जैसे दही के समान दिखने लगती है। यह शोध मॉलिक्यूलर हॉर्टिकल्चर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।