जलवायु

पर्यावरण बचाने में सहायक हो सकते हैं लकड़ी से बने भवन

Dayanidhi

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि शहर में निर्माण कार्य में सीमेंट और स्टील की जगह लकड़ी का उपयोग किया जाए तो दो तरह से जलवायु परिवर्तन को बढ़ने से रोका जा सकता है। पहला, सीमेंट और इस्पात उत्पादन में होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर अंकुश लगेगा। दूसरा, लकड़ियां इमारतों को कार्बन सिंक में बदल सकती हैं। पेड़ वातावरण की हवा से कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) अवशोषित कर भंडारण करते हैं। हालांकि, अध्ययनकर्ताओं ने जोर देकर कहा है कि यह तभी संभव है जब  जंगल होंगे, इसलिए इस बारे में तब ही सोचा जा सकता है, जब सभी देशों में टिकाऊ वन प्रबंधन की व्यवस्था होगी। 

इस अध्ययन के प्रमुख अध्ययनकर्ता गैलिना चुर्की ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि की वजह से बड़ी तादात में घर व व्यावसायिक भवन बनाने होंगे। इससे सीमेंट और स्टील उत्पादन बढ़ाना होगा, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बड़े स्त्रोत हैं। गैलिना चुर्की, अमेरिका में येल स्कूल ऑफ फॉरेस्ट्री एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज और जर्मनी में पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (पीआईके) दोनों से संबद्ध है। यह अध्ययन नेचर सस्टेनेबिलिटी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

दुनिया भर में निर्माण के लिए लकड़ी के उपयोग में वृद्धि करके जलवायु परिवर्तन को कम करने का शक्तिशाली साधन बन सकता है। विश्लेषण के अनुसार, इस काम को दो तरह से पूरा किया जा सकता है। पहला, जंगलों का निरंतर प्रबंधन किया जाए। दूसरा, ध्वस्त इमारतों की लकड़ी को विभिन्न रूपों में भूमि पर संरक्षित किया जाए।

वैज्ञानिकों ने अगले तीस वर्षों के लिए चार परिदृश्यों की गणना की है। यह मानते हुए कि 2050 तक सिर्फ 0.5 प्रतिशत नए भवनों का निर्माण लकड़ी से किया जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि, वर्तमान में निम्न औद्योगिकीकरण स्तर वाले देश भी यदि इसे अपनाते हैं, तो भी 90 प्रतिशत इमारती लकड़ी का उपयोग होगा। इसका परिणाम यह हो सकता है कि सबसे कम परिदृश्य (सिनेरियो) में प्रति वर्ष 1 करोड़ टन कार्बन और उच्चतम परिदृश्य में 70  करोड़ टन के करीब भंडारण हो सकता है। इसके अलावा, लकड़ी से इमारतों को बनाने से स्टील और सीमेंट का उपयोग नहीं होगा, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन आधा हो जाएगा।

अगर लकड़ी से इमारतें बनाई जाएंगी तो वे कार्बन सिंक कर सकती हैं। परतदार लकड़ी से बना एक पांच मंजिला आवासीय भवन प्रति वर्ग मीटर 180 किलो तक कार्बन स्टोर कर सकता है। जो उच्च कार्बन घनत्व वाले प्राकृतिक जंगलों की तुलना में तीन गुना अधिक है। अध्ययन में कहा गया है कि हम जंगलों का उपयोग तभी कर सकते है जबकि हम उन्हें संरक्षित करें। इनका स्थायी वन प्रबंधन दुनिया भर में वनों की स्थिति में सुधार कर सकती है क्योंकि वन अधिक मूल्यवान हैं।

लकड़ी के निर्माण सामग्री में कई दिलचस्प विशेषताएं होती है। उदाहरण के लिए, बड़े आकार की इमारती लकड़ी अपेक्षाकृत आग प्रतिरोधी होती है। जलने पर उनके आंतरिक कोर चार्जिंग परत द्वारा संरक्षित किया जाता है, इसलिए आग से उन्हें नष्ट करना मुश्किल है। कई नेशनल बिल्डिंग कोड पहले से ही इन गुणों को पहचानते हैं। 

एमेरिटस पीआईके के निदेशक और सह-अध्ययनकर्ता हंस जोआचिम शेलहेनुबेर कहते हैं, पेड़ हमें जीवन प्रदान करते हैं। वे हमारे वायुमंडल से सीओ2 अवशोषित करते हैं और सुचारू रूप से सांस लेने के लिए ऑक्सीजन में उसे परिवर्तित करते हैं। वनों के अलावा कार्बन के भंडारण का कोई सुरक्षित तरीका नहीं है। लोगों ने कई शताब्दियों से इमारतों को बनाने के लिए लकड़ी का अच्छा उपयोग किया है, फिर भी आज जलवायु परिवर्तन को रोकना चुनौती है। भवन निर्माण के क्षेत्र में यदि हम सही तरीके से लकड़ी का उपयोग करें तो, जलवायु परिवर्तन से कुछ हद तक पार पाया जा सकता है।