वर्तमान में हाइड्रोजन को उच्च कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के साथ प्राकृतिक गैस ("भूरे हाइड्रोजन") में मीथेन की भाप में सुधार करके उत्पादित किया जाता है। उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन कैप्चर और स्टोरेज का उपयोग किया जाता है और तथाकथित ब्लू हाइड्रोजन अथवा नीले हाइड्रोजन का उत्पादन होता है। नीले हाइड्रोजन को अक्सर कम उत्सर्जन करने वाले के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया जाता है।
अभी तक स्वच्छ हाइड्रोजन का उपयोग पर्यावरणीय रूप से बहुत अच्छा ऊर्जा विकल्प के रूप में देखा गया है। लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि इससे कोयले की तुलना में अधिक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन हो सकता है। अध्ययन में नीले हाइड्रोजन को उत्पन्न करने में कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन दोनों के उत्सर्जन की जांच की गई है। इसमें पाया गया कि कम कार्बन होने की बात तो दूर, नीले हाइड्रोजन के उत्पादन से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन काफी अधिक है, खासकर मीथेन के निकलने के कारण।
नीले हाइड्रोजन से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैस प्राकृतिक गैस या कोयले के जलने से निकलने की तुलना में 20 फीसदी अधिक है।
अध्ययनकर्ताओं ने नीले हाइड्रोजन को बहुत खराब माना है, उन्होंने कहा कि जलवायु के आधार पर इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है। जर्नल एनर्जी साइंस एंड इंजीनियरिंग में छपे एक अध्ययन में कहा गया है कि नीला हाइड्रोजन उत्सर्जन मुक्त नहीं है।
दुनिया भर में हाइड्रोजन ऊर्जा का प्रचार जोर-शोर से हो रहा है। अमेरिका को ही ले, लें तो बाइडेन का 1.2 ट्रिलियन डॉलर का बुनियादी ढांचा बिल जिसे सीनेट ने हाल ही में पारित किया, उसमें नीले हाइड्रोजन का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इसमें कम से कम चार क्षेत्रीय स्वच्छ हाइड्रोजन हब के लिए 8 बिलियन डॉलर का फंड शामिल किया गया है।
लेकिन शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि स्वच्छ ऊर्जा रणनीति के हिस्से के रूप में ईंधन का उपयोग करना, जिसमें कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (सीसीएस) शामिल है। यह केवल उस सीमा तक काम करता है जहां तक कार्बन डाइऑक्साइड को भविष्य में अनिश्चित काल तक वातावरण में बिना रिसाव के लंबे समय तक संग्रहीत करना संभव हो।
अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने इस साल जून में "अगली पीढ़ी के स्वच्छ हाइड्रोजन" का समर्थन करने के लिए 31 परियोजनाओं के लिए 52.5 मिलियन डॉलर की घोषणा की। 2019 की अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की रिपोर्ट ने भी हाइड्रोजन की क्षमता को अधिक टिकाऊ और भविष्य के लिए सुरक्षित ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया गया था।
कॉर्नेल के रॉबर्ट हॉवर्थ और स्टैनफोर्ड के मार्क जैकबसन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन के लिए इसे गर्म करने तथा दबाव प्रक्रिया की आवश्यकता होती है इस सब के दौरान ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के उपयोग से उत्सर्जन होता है। यहां बताते चलें कि जिस प्राकृतिक गैस का उपयोग हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है उसके उत्पादन में भी ईंधन लगता है, इस तरह यह प्रक्रिया उत्सर्जन को बढ़ावा देने वाली है।
अध्ययन में कहा गया है कि नीले हाइड्रोजन से भी उत्सर्जन होता है, कार्बन-कैप्चर प्रक्रिया में भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। नतीजतन, यह कोई फायदा नहीं पहुंचाता है, क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के एक साथ उत्सर्जन से यह एक और ग्रीनहाउस गैस को वातावरण में उत्सर्जित करता है। प्राकृतिक गैस, डीजल तेल या कोयले की तुलना में नीले और भूरे हाइड्रोजन से कहीं अधिक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है।
अध्ययनकर्ता सुझाव देते हैं कि नीले हाइड्रोजन को एक ऊर्जा के रूप में सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन यह दुनिया भर में ऊर्जा अर्थव्यवस्था को वास्तव में कार्बन उत्सर्जन को कम (डीकार्बोनाइज) करने की आवश्यक कार्रवाई को पीछे धकेल सकता है।