आंकड़ों की मानें तो इस साल कोई भी महीना ऐसा नहीं रहा जिसने बढ़ते तापमान के रिकॉर्ड न बनाए हों; फोटो: आईस्टॉक 
जलवायु

अगस्त ने तोड़े गर्मी के पिछले रिकॉर्ड, सामान्य से 1.27 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा तापमान

Lalit Maurya

दुनिया में बढ़ता तापमान नित नए रिकॉर्ड बना रहा है, ऐसा ही कुछ अगस्त में भी देखने को मिला जब पिछले 175 वर्षों का अब तक का सबसे गर्म अगस्त का महीना दर्ज किया गया। गौरतलब है कि पिछला महीने तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 1.27 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। दर्ज आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2024 में वैश्विक औसत तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बता दें कि इससे पहले अगस्त 2023 अब तक का सबसे गर्म अगस्त का महीना था, जब तापमान औद्योगिक काल से पहले की तुलना में 1.26 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इसकी पुष्टि नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) ने अपनी रिपोर्ट में की है।

इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि यह लगातार 15वां महीना है, जब बढ़ते तापमान ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले कभी भी ऐसा नहीं देखा गया जब लगातार 15 महीनों ने बढ़ते तापमान का रिकॉर्ड बनाया हो।  

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि पिछले महीने जहां यूरोप और ओशिनिया ने अपने अब तक के सबसे गर्म अगस्त का सामना किया, वहीं एशिया के लिए यह अब तक का दूसरा सबसे गर्म अगस्त का महीना था। ऐसी ही अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका ने अपने तीसरे सबसे गर्म अगस्त का सामना किया। ऑस्ट्रेलिया ने भी 1910 के बाद से अपने सबसे गर्म अगस्त का अनुभव किया है।

97 फीसदी आशंका अब तक का सबसे गर्म वर्ष होगा 2024

यदि जून से अगस्त के बीच तीन महीनों के तापमान को देखें तो उत्तरी गोलार्ध के लिए अब तक की सबसे गर्म गर्मियां थी। जब औसत तापमान इन तीन महीनों के लिए सामान्य से 1.52 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया।

वहीं दक्षिणी गोलार्ध के लिए यह अब तक के सबसे गर्म जून से अगस्त रहे, जब तापमान औसत से 0.96 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

वहीं 2024 के पहले आठ महीनों की बात करें तो वो इसे अब तक का सबसे गर्म वर्ष बनाते हैं, जब तापमान 20 वीं सदी के औसत तापमान से 1.28 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात की 97 फीसदी आशंका जताई है कि साल 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष होगा।

यदि ध्रुवों पर जमा बर्फ को देखें तो पिछले 46 वर्षों में यह दूसरा मौका है जब समुद्री बर्फ का विस्तार इतना कम दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में समुद्री बर्फ का विस्तार 83.2 लाख वर्ग मील दर्ज किया गया, जो 1991 से 2020 के औसत से 10.5 लाख वर्ग मील कम है।

इस दौरान आर्कटिक समुद्री बर्फ का विस्तार अब तक चौथा सबसे कम रहा। वहीं अंटार्कटिक में भी समुद्री बर्फ का विस्तार औसत से कम रहा। जो रिकॉर्ड में दूसरा सबसे कम दर्ज किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में अगस्त के दौरान 15 नामित तूफान आए थे, जो 1991 से 2020 के औसत के करीब है। इस दौरान जहां अटलांटिक में दो तूफान आए। इनमें हरिकेन डेबी शामिल था, जो श्रेणी एक का तूफान था।

वहीं हरिकेन अर्नेस्टो, एक श्रेणी दो तूफान था, जो बरमूडा से टकराया था। इस दौरान पूर्वी प्रशांत में सात तूफान आए, जो सामान्य से बहुत अधिक है, जबकि पश्चिमी प्रशांत में पांच और उत्तरी हिंद महासागर में एक तूफान दर्ज किया गया।