संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने 7 जुलाई 2025 को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक कड़ी चेतावनी दी और धरती के लिए इसे "गंभीर खतरे और संभावनाओं के समय" के रूप में बताया।
पर्यावरण, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (कॉप 30) और वैश्विक स्वास्थ्य पर सत्र को संबोधित करते हुए गुटेरेस ने प्रदूषण, जैव विविधता की हानि और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों जैसे कई पर्यावरणीय संकटों की गंभीर तस्वीर पेश की और इनके मानव स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, "हमारा पर्यावरण हर तरफ से हमले में है। प्रदूषण भूमि और जल को जहरीला बना रहा, तेजी से नष्ट होती जैव विविधता और जलवायु संकट जो जाहिर है। इसका मानव स्वास्थ्य पर भयावह असर है।"
गुटेरेस ने अत्यधिक गर्मी, जल प्रदूषण और भूमि के खराब होने के घातक परिणामों को उजागर किया, जो भूख और बीमारियों के प्रकोप को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी, "अत्यधिक गर्मी मारती है। जल प्रदूषण भी जानलेवा है। बर्बाद भूमि और फसलें कीमतें बढ़ाती हैं और भूख को बढ़ाती हैं। हमारा बदलता जलवायु मलेरिया से लेकर डेंगू तक बीमारियों के फैलाव को बढ़ा रहा है।"
उन्होंने जलवायु और स्वास्थ्य के बीच के इस जुड़ाव को सुलझाने में ब्रिक्स देशों से अगुवाई करने की अपील की और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं को दिशा देने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) की अहम भूमिका को भी बताया।
ग्लोबल तापमान के 2015 के पेरिस समझौते की सीमाओं को छूने के साथ, गुटेरेस ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में तत्काल और भारी कटौती की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, "1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा खतरे में है। हमें उत्सर्जन में भारी कटौती की जरूरत है और वह भी अभी से।"
साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों के सिद्धांत को मानते हुए भी, उन्होंने सभी देशों से अपने प्रयास बढ़ाने और एक न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "नवीकरणीय ऊर्जा अब वैश्विक स्थापित बिजली क्षमता में जीवाश्म ईंधनों की बराबरी कर रही है। और स्वच्छ ऊर्जा निवेश जीवाश्म ईंधनों से आगे निकल रहे हैं।"
गुटेरेस ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा दरअसल ऊर्जा सुरक्षा और संप्रभुता को मजबूत करती है और देशों को अस्थिर जीवाश्म ईंधन बाजारों से मुक्त करती है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी दुनिया भर में 70 करोड़ लोगों को बिजली की सुविधा नहीं है। सबसे अहम बात यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा वह जहरीला वायु प्रदूषण नहीं पैदा करती, जिससे हर साल अनुमानित 70 लाख लोगों की मौत होती है।
गुटेरेस ने सरकारों से 2022 की जैव विविधता कॉप के परिणामों पर आगे काम करने और इस वर्ष के भीतर प्लास्टिक प्रदूषण पर एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि को अंतिम रूप देने की अपील की। उन्होंने देशों से कहा कि वे ब्राज़ील के बेलेम में होने वाले यूएनएफसीसीसी कॉप30 में ऐसी नई राष्ट्रीय जलवायु योजनाएं लेकर आएं जो सभी उत्सर्जनों को कवर करें और 1.5°C लक्ष्य के अनुरूप हों।
जलवायु वित्त की बात करते हुए गुटेरेस ने विकसित देशों से उनके वादों को निभाने की मांग की, जिसमें 2025 से अनुकूलन के लिए हर साल 40 अरब डॉलर और 2035 तक सालाना 300 अरब डॉलर शामिल हैं। उन्होंने इसे बढ़ाकर हर साल 1.3 ट्रिलियन डॉलर करने की अपील की, जो नई और नवोन्मेषी स्रोतों तथा एक विश्वसनीय कार्बन मूल्य निर्धारण प्रणाली से वित्तपोषित हो।
लॉस एंड डैमेज फंड के लिए किए गए वादों की प्रतीकात्मक अपर्याप्तता पर बात करते हुए गुटेरेस ने रेखांकित किया, "प्रतिबद्धता सम्मेलन… ऐसी राशि लेकर आया जो अमेरिका के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले बास्केटबॉल खिलाड़ी की अनुबंधित तनख्वाह के बराबर थी। यह दिखाता है कि जब हम लॉस एंड डैमेज फंड की बात करते हैं तो हमें गंभीर होना चाहिए।"
महासचिव ने वैश्विक वित्तीय संस्थानों में गहरे सुधारों, दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने और ‘जस्ट एनर्जी ट्रांज़िशन पार्टनरशिप’ जैसे मॉडलों के विस्तार की अपील के साथ अपना संबोधन समाप्त किया। उन्होंने कहा, "मैं ब्रिक्स देशों से आग्रह करता हूं कि वे दुनिया की एकजुट प्रतिक्रिया में एक स्तंभ बनें खासतौर से लोगों, पृथ्वी और समृद्धि के लिए।"