जलवायु

एशिया ने इतिहास के सबसे गर्म अप्रैल को किया अनुभव, सामान्य से 2.62 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा तापमान

वैश्विक स्तर पर देखें तो 143 वर्षों के इतिहास में अप्रैल 2022 का महीना पांचवा सबसे गर्म अप्रैल था, जब तापमान सामान्य से 0.85 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था

Lalit Maurya

भारत-पाकिस्तान में जिस तरह से गर्मी का कहर जारी है उसका सीधा असर अप्रैल के औसत तापमान पर भी पड़ा है। इसी की बदौलत एशिया ने अब तक के सबसे गर्म अप्रैल के महीने का अनुभव किया है। जब औसत तापमान सामान्य से 2.62 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है।

देखा जाए तो अप्रैल 2022 में एशिया का तापमान, अप्रैल 2016 से करीब 0.05 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। इस बार भारत और पाकिस्तान में गर्मी कितनी ज्यादा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अप्रैल 2022 के दौरान कई स्थानों पर तापमान ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। 

मानव इतिहास में यह पांचवा ऐसा मौका है जब अप्रैल के महीने में महीने में तापमान इतना ज्यादा दर्ज किया गया है। जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि वैश्विक तापमान में होती वृद्धि किस कदर दुनिया पर हावी है। अमेरिका नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि इस बार अप्रैल के महीने में तापमान सामान्य से करीब 0.85 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।

गौरतलब है कि इससे पहले 2010 में भी अप्रैल का तापमान सामान्य से इतना ही ज्यादा था। इस तरह अप्रैल के यह दोनों महीने 143 वर्षों के इतिहास के सम्मिलित रूप से पांचवे सबसे गर्म अप्रैल के रूप में दर्ज हो गए हैं। गौरतलब है कि अप्रैल महीने के लिए 20वीं सदी का औसत तापमान 13.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2016 में अप्रैल का तापमान सबसे ज्यादा था, जब तापमान में आने वाली विसंगति 1.12 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई थी। इसके बाद 2020 में तापमान सामान्य से 1.05 डिग्री सेल्सियस, 2019 में 0.97 डिग्री सेल्सियस और 2017 में 0.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

वैश्विक स्तर पर 1880 से देखें तो पृथ्वी का औसत तापमान 0.08 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ रहा है। वहीं 1981 के बाद से यह दर बढ़कर दोगुनी हो चुकी है, जिसे 0.18 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक दर्ज किया गया है। जो कहीं न कहीं इस बात को स्पष्ट तौर पर दर्शाती है कि हमारी धरती का तापमान बड़ी तेजी से बढ़ रहा है।

उत्तरी अमेरिका में सामान्य से ठंडा रहा अप्रैल का महीना

यदि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अप्रैल के दौरान तापमान की स्थिति को देखें तो जहां ओशिनिया के लिए यह अब तक का पांचवा सबसे गर्म अप्रैल था वहीं अफ्रीका के लिए भी नौवां और दक्षिण अमेरिका के लिए रिकॉर्ड का 12 वां सबसे गर्म अप्रैल रहा। दुनिया में केवल उत्तरी अमेरिका इकलौता ऐसा महाद्वीप था जहां अप्रैल का महीना औसत से ज्यादा ठंडा था। देखा जाए तो उत्तरी अमेरिका ने 2018 के बाद से अपने सबसे ठन्डे अप्रैल को अनुभव किया था।

वैश्विक स्तर पर तापमान किस तरह बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2010 के बाद से दुनिया ने अपने 10 सबसे गर्म अप्रैल के महीनों का सामना किया है जिनमें अप्रैल 2022 भी एक है। वहीं यदि जनवरी से अप्रैल 2022 की बात करें तो इस अवधि के दौरान सामान्य से करीब 0.87 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था जो उसे रिकॉर्ड में पांचवी सबसे गर्म अवधि बनाता है।

वहीं एशिया के लिए यह चौथी सबसे गर्म अवधि, ओशिनिया में सातवीं और यूरोप की 11वीं सबसे गर्म अवधि थी। वहीं दक्षिण अमेरिका में जनवरी से अप्रैल का तापमान उसे नौवीं सबसे गर्म अवधि बनाता है। एनसीईआई द्वारा वैश्विक वार्षिक तापमान को लेकर जारी आउटलुक की मानें तो इस बात की 99 फीसदी से ज्यादा संभावनाएं हैं कि 2022 इतिहास के 10 सबसे गर्म वर्षों में शामिल होगा। 

यदि अप्रैल 2022 के दौरान आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की सीमा को देखें तो वो करीब 54.3 लाख वर्ग मील दर्ज की गई थी, जोकि 1981 से 2010 के औसत की तुलना में 2.43 लाख वर्ग मील कम थी, जोकि इतिहास में 11 वीं बार सबसे कम है। इसके बावजूद अप्रैल 2014 के बाद यह पहला मौका है जब आर्कटिक में इतनी ज्यादा बर्फ जमा है।

यदि अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ को देखें तो इस साल अप्रैल में 22.5 लाख वर्ग मिली क्षेत्र में बर्फ जमा है, जोकि औसत से 3.9 लाख वर्ग मील कम है। गौरतलब है कि इससे पहले 1980, 2017 और 2019 में अप्रैल के दौरान इतनी कम बर्फ जमा थी। 

अप्रैल के दौरान वैश्विक स्तर पर पांच उष्णकटिबंधीय चक्रवात दर्ज किए गए थे जोकि सामान्य से ज्यादा हैं। इनमें से सबसे शक्तिशाली तूफान पश्चिम प्रशांत महासागर में टाइफून मलकास था। इनमें से दो तूफान दक्षिण हिंद महासागर में आए थे। वहीं जनवरी से अप्रैल 2022 के बीच चार महीनों में कुल 23 उष्णकटिबंधीय चक्रवात आए थे, जोकि सामान्य के करीब ही हैं।