जलवायु

जलवायु परिवर्तन से अमेरिकी समाज भयभीत

अमेरिकी समाज के भय से निपटने के लिए वाइडन प्रशासन ने जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए 23 संघीय एजेंसियों को हरी झंडी दिखाई

Anil Ashwani Sharma

कहने के लिए तो पूरी दुनिया ही जलवायु परितर्वन के खतरे से डरी सहमी हुई है, लेकिन इसका सबसे अधिक डर अमेरिकी जनमानस पर पड़ा है। यही कारण है कि अमेरिकी प्रशासन ने जलवायु परिर्वन से जुड़ी 23 एजंसियों को इस काम में लगाने के लिए अपनी ओर हरी झंडी दे दी है।

ये एजेंसियां जलवायु परिवर्तन से खतरे में पड़े अमेरिकी जीवन के प्रमुख रूप से छह पहलुओं पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी। दो दर्जन से अधिक संघीय एजेंसियों इन खतरों से बचाव के लिए अपनाए जाने वाली प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगी। और अमेरिकी समाज में जलवायु परिर्वन को लेकर फैली भयावहता को कम करने की कोशिश करेंगी। 

कम खाना, बड़ी संख्या में यातायात दुर्घटनाएं, चरम मौसमी घटनाओं का बढ़ना, परमाणु अपशिष्ट स्थलों की असुरक्षा और इन तमाम घटनाओं के कारण दुनियाभर से विस्थापित होने वाले प्रवासियों के अमेरिका की ओर भागने से एक विषम परिस्थितियां पैदा हो रही हैं। इससे अमेरिकियों में भविष्य में और भी बदतर स्थिति में पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है।

अब तक अमेरिका में इस प्रकार के परिदृश्य तो यहां की मनहूस कल्पनाओं में ही निहित था और अब हालत ये हो गए हैं कि यह सभी चीजें अमेरिकी नीति निर्धारण में दिख पड़ रही हैं।

ध्यान रहे कि राष्ट्रपति बाइडन के आदेशों के बाद अमेरिका की हर सरकारी एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने अपनी एजेंसियों के सहयोगियों के साथ जलवायु खतरों और उनसे निपटने के तरीके पर विचार करते हुए महीनों विचार-विर्मश में समय लगाया है। 

गुरुवार यानी 8 अक्टूबर को व्हाइट हाउस ने ऊर्जा, रक्षा, कृषि, सुरक्षा, परिवहन और वाणिज्य विभागों सहित 23 एजेंसियों की जलवायु-अनुकूलन योजनाओं को जारी करते हुए इनके संभावित परिणामों पर पहली नजर डाली। 

वास्तव में ये योजनाएं अमेरिकी जीवन के हर पहलू के लिए जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरों और उन खतरों से निपटने की कठिनाई को प्रकट करती हैं।

संघीय सरकार ने ओबामा प्रशासन के दौरान पहले भी इस प्रकार के अभ्यास का प्रयास किया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय यह काम प्रभावी रूप से बंद हो गया था। और ट्रंप प्रशासन की जलवायु विज्ञान के प्रति तिरस्कार की भावना के कारण अधिकांश एजेंसियों ने या तो जलवायु परिवर्तन के लिए अपनी योजना को स्थगित कर दिया या इसके बारे में बात करना पूरी तरह से बंद कर दिया था।

लेकिन अपने पद ग्रहण करने के कुछ हफ्तों के भीतर ही राष्ट्रपति बाइडन ने इस संबंध में हासिए पर चले गए अधिकारियों को जलवायु परिवर्तन संबंधी काम जल्द शुरू करने का निर्देश जारी किए। 

जलवायु परिवर्तन के खतरे की तात्कालिकता पर बल देते हुए राष्ट्रपति ने एजेंसियों को उन योजनाओं के साथ आने के लिए चार महीने का समय दिया, जो जलवायु परिवर्तन के लिए उनकी मुख्य रणनीतियों को सूचीबद्ध किया गया है।

तुलेन विवि के प्रोफेसर जेसी कीनन कहते हैं कि लगभग हर सेवा जो सरकार प्रदान करती है, वह जल्द या बाद में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होगी। गुरुवार को जारी की गई योजना में मुख्य विषय शामिल हैं, जैसे- यह सुनिश्चित करना कि नई सुविधाएं कठिन निर्माण मानकों को पूरा करती हैं, मौजूदा इमारतों में कम ऊर्जा और पानी का उपयोग करते हुए अत्यधिक गर्मी के खिलाफ श्रमिकों की बेहतर सुरक्षा, जलवायु विज्ञान के बारे में कर्मचारियों को शिक्षित करना और आपूर्ति श्रृंखला बनाना जो तूफान के जोखिम को कम करेगा।

योजना के तहत अल्पसंख्यक और निम्न-आय वाले समुदायों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करना शामिल है। इससे नस्लीय समानता कम होगी। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने कहा कि वह उन समुदायों पर स्वास्थ्य प्रभावों पर अनुसंधान अनुदान पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा।

कृषि विभाग उन तरीकों को सूचीबद्ध करेगा, जिनमें जलवायु परिवर्तन से अमेरिका की खाद्य आपूर्ति को खतरा है, तापमान और वर्षा के पैटर्न में परिवर्तन, अधिक कीट और रोग, मिट्टी की गुणवत्ता में कमी, कम परागण करने वाले कीड़े और अधिक तूफान और जंगल की आग को कम करने के लिए योजना तैयार करेंगे। 

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभाग जलवायु खतरों पर अधिक शोध किया जाएगा और किसानों को उनके परिणाम बताकर उनकी स्थिति को और बेहतर किया जा सकेगा। 

उदाहरण के लिए सूखे की स्थिति में किसान नई सिंचाई प्रणाली बना सकते हैं और सरकारें भी इस संकट को कम करने क लिए नए बांध बना सकती हैं। जलवायु परिवर्तन से न केवल गतिशीलता बल्कि अर्थव्यवस्था को चलाने वाले सामानों के परिवहन को प्रतिबंधित करते हुए, शहरों के भीतर और शहरों के बीच स्थानांतरित करने की अमेरिकियों की क्षमता को भी खतरा है।

जलवायु परिवर्तन से संभावित प्रभावों की एक सूची में परिवहन विभाग ने नोट किया है कि बढ़ते तापमान से सड़कों और पुलों का निर्माण और रखरखाव करना अधिक महंगा हो जाएगा। क्योंकि जैसे-जैसे गर्म दिन बढ़ेंगे डामर की बनी सड़क पर ट्रैफिक धीमा होने से भीड़भाड़ बढ़ती जाएगी। गंभीर मौसमी घटनाओं के चलते उड़ान रद्द करने की आवश्यकता होगी।

यहीं नहीं अधिक गर्मी विमानों को कम दूरी की उड़ान भरने और कम वजन ले जाने के लिए मजबूर करेगी। परिवहन विभाग का अनुमान है कि कुछ प्रभाव खतरनाक हैं। इनमें भूमिगत सुरंगों पर अतिशय मौसम के चलते वाहन दुर्घटनाएं बढ़ने की संभावनाएं है। यहां तक कि ड्राइविंग की गुणवत्ता भी खराब हो सकती है।

ऊर्जा विभाग ने कहा कि उसने अपनी आधी साइटों के लिए जलवायु जोखिमों का आकलन किया है, जो परमाणु हथियार कार्यक्रम से रेडियोधर्मी कचरे के लिए उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाओं से लेकर भंडारण सुविधाओं तक है। 

ऊर्जा विभाग की योजना कहती है कि उसका परमाणु सुरक्षा मिशन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और यह बड़े पैमाने पर ऊर्जा विभाग की साइटों पर भी आयोजित किया जाता है जो चरम मौसम की स्थिति के लिए कमजोर है।

यहां तक कि ऊर्जा विभाग का पर्यावरण मिशन भी व्यवधान का अनुभव कर सकता है यदि रेडियोधर्मी अपशिष्ट प्रसंस्करण और निपटान के लिए समर्पित सुविधाएं जलवायु खतरों से प्रभावित होती हैं।

सुरक्षा विभाग के लिए जलवायु परिवर्तन का अर्थ है बड़ी संख्या में जलवायु शरणार्थियों का जोखिम। विश्व भर के देशों में पड़े सूखे या सुनामी जैसी चरम मौसमी घटनाओं के कारण अपने देशों से बाहर निकलकर अमेरिकी सीमा तक पहुंचने वाले लोग सुरक्षा विभाग के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में चिन्हित किए गए हैं।

सुरक्षा विभाग की योजना कहती है कि जलवायु परिवर्तन से मेक्सिको, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन से अमेरिका आने वालों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। विभाग बड़े पैमाने पर प्रवास की घटनाओं के लिए एक उत्तरदायी और समन्वित परिचालन योजना विकसित करने की कोशिश कर रहा है।

वहीं दूसरी ओर रक्षा विभाग ने अपनी जलवायु योजना में लिखा है कि जलवायु परिवर्तन से संघर्ष के नए स्रोत पैदा होंगे और सेना के लिए इसे संचालित करना भी कठिन हो जाएगा। पानी की कमी विदेशों में अमेरिकी सेना और उन देशों के बीच तनाव का एक नया स्रोत भी बन सकती है, जहां सैनिक स्थित हैं। 

अमेरिका के बाहर तैनात अमेरिकी सैनिकों के लिए पानी की आवश्यकताएं स्थानीय पानी की जरूरतों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं, जिससे संघर्ष के संभावित क्षेत्र खड़े हो सकते हैं।