जलवायु

जलवायु परिवर्तन पर अंकुश के लिए 69 फीसदी लोग देना चाहते हैं आमदनी का एक फीसदी हिस्सा

दुनिया भर की 86 फीसदी से अधिक आबादी ने जलवायु में बदलाव के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया

Dayanidhi

शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन से पहली बार पता चला है कि दुनिया की अधिकांश आबादी जलवायु में हो रहे बदलाव को कम करने की कार्रवाई का समर्थन करती है। दुनिया भर के अधिकतर लोग व्यक्तिगत तौर पर जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने को तैयार हैं। इस बात का खुलासा फ्रैंकफर्ट में बॉन विश्वविद्यालय के लाइबनिज इंस्टीट्यूट फॉर फाइनेंशियल रिसर्च सेफ और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के व्यवहार पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने किया है।

नेचर क्लाइमेट चेंज नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन, दुनिया भर के 125 देशों में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित हैं। जिसमें लगभग 1,30,000 लोग शामिल थे। अध्ययन के अनुसार, दुनिया की 69 फीसदी आबादी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुकाबले में अपनी खुद की आय का एक फीसदी का योगदान देने को तैयार हैं, यह राशि जलवायु में बदलाव के खिलाफ कार्रवाई में एक अहम योगदान है।

86 फीसदी लोगों का भारी बहुमत जलवायु समर्थक सामाजिक मानदंडों का समर्थन करता है। वहीं, 89 फीसदी लोग जलवायु में बदलाव को लेकर राजनीतिक कार्रवाई को बढ़ाने की मांग करते हैं। विशेष रूप से ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित देशों में, जलवायु परिवर्तन से लड़ने की इच्छा काफी अधिक है। प्रति व्यक्ति उच्च सकल घरेलू उत्पाद वाले देशों में, अन्य देशों की तुलना में इच्छा कम है।

शोध के हवाले से व्यावहारिक अर्थशास्त्री और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर आर्मिन फाल्क कहते हैं, परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं। जलवायु दुनिया भर से जुड़ी हुई है और इसके संरक्षण के लिए दुनिया की आबादी से सहयोग की जरूरत है। फाल्क ने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया की अधिकांश आबादी जलवायु संबंधी कार्रवाई का समर्थन करती है।

सेफ के अर्थशास्त्री पीटर आंद्रे कहते हैं, हमने लगभग सभी देशों में जलवायु-समर्थक सामाजिक मानदंडों की भारी स्वीकृति का भी दस्तावेजीकरण किया है। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 86 फीसदी प्रतिभागियों का मानना है कि उनके देश में लोगों को ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने की कोशिश करनी चाहिए। आंद्रे कहते हैं, यह लगभग सार्वभौमिक वैश्विक मांग है कि राष्ट्रीय सरकारों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।

जलवायु को लेकर कार्य करने की इच्छा को कम करके आंका गया है

इन उत्साहवर्धक आंकड़ों के बावजूद, शोधकर्ताओं ने यह भी दर्ज किया है कि हर एक देश में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए साथी नागरिकों की इच्छा को व्यवस्थित रूप से कम करके आंका गया है। अध्ययन के अनुसार, जलवायु कार्रवाई में अपनी आय का एक फीसदी योगदान देने के इच्छुक साथी नागरिकों का वास्तविक अनुपात वैश्विक स्तर पर 26 प्रतिशत से कम आंका गया है।

फॉक कहते हैं, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने की अन्य लोगों की इच्छा के बारे में गलत धारणाएं जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सफल लड़ाई में बाधा बन सकती है। जो लोग व्यवस्थित रूप से जलवायु कार्रवाई के लिए सार्वजनिक समर्थन को कम आंकते हैं, वे अक्सर खुद कार्रवाई करने के लिए कम इच्छुक होते हैं।

परिणाम जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए व्यक्तिगत इच्छा को और बढ़ाने के लिए एक संभावित प्रभावी रणनीति का सुझाव देते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, जलवायु कार्रवाई के किसी भी रूप का विरोध करने वाले मुट्ठी भर लोगों के साथ हमें प्रभावी ढंग से संवाद करने की जरूरत है। दुनिया भर में अधिकांश लोग जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने के इच्छुक हैं और अपनी राष्ट्रीय सरकार से कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।

आंद्रे कहते हैं, मौजूदा निराशावाद हतोत्साहित करने वाला और पंगु बनाने वाला है। शोधकर्ताओं ने कहा, अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि जलवायु कार्रवाई के बारे में अधिक आशावाद एक सकारात्मक बदलाव को उजागर कर सकता है।

किस तरह किया गया सर्वेक्षण?

अध्ययन में कहा गया है कि सर्वेक्षण 2021-2022 गैलप वर्ल्ड पोल के हिस्से के रूप में किया गया था। वैश्विक जलवायु परिवर्तन सर्वेक्षण में शामिल देशों में वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 96 फीसदी, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 96 फीसदी और दुनिया की 92 फीसदी आबादी शामिल है। देशों के भीतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए, प्रत्येक देश का नमूना 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की निवासी आबादी से रैंडम या यादृच्छिक रूप से चुना गया था। उच्च आय वाले देशों में टेलीफोन के द्वारा साक्षात्कार किया गया, जबकि निम्न आय वाले देशों में यह व्यक्तिगत तरीके से किया गया था।

अध्ययन के मुताबिक, अधिकांश देश के नमूनों में लगभग 1,000 उत्तरदाता शामिल थे और कुल नमूने में 1,29,902 लोग शामिल थे। देशों और संस्कृतियों में तुलना सुनिश्चित करने के लिए, सर्वेक्षण का पेशेवर रूप से अनुवाद किया गया और बड़े पैमाने पर इसका परीक्षण किया गया।