जलवायु

सात सर्वाधिक गर्म वर्ष में शामिल रहा 2021: विश्व मौसम संगठन

विश्व मौसम संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 के दौरान दुनिया में मौसम संबंधी कई अभूतपूर्व घटनाएं हुई

Raju Sajwan

ला नीना के बावजूद साल 2021 अब तक रिकॉर्ड किए सात सर्वाधिक गर्म वर्षों में शामिल रहा। विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने ताजा रिपोर्ट में यह बात कही गई है। दुनिया भर के मौसम पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी डब्ल्यूएमओ ने 19 जनवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट जारी की।

इतना ही नहीं 2021, लगातार सातवां ऐसा साल रहा, जिस दौरान वैश्विक तापमान पूर्व - औद्योगिक स्तर की तुलना में एक डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज किया गया।

उल्लेखनीय है कि वैश्विक तापमान का यह स्तर, पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित की गई तापमान वृद्धि के बहुत नजदीक पहुंच गया।

हालांकि डब्ल्यूएमओ की यह रिपोर्ट बताती है कि 2020 व 2022 की ला नीना घटनाओं के कारण वैश्विक तापमान अस्थाई तौर पर कुछ ठण्डा भी रहा, लेकिन बावजूद इसके 2021 का साल रिकॉर्ड में दर्ज सात सर्वाधिक गर्म वर्ष शामिल रहने यह साबित करता है कि जलवायु परिवर्तन का असर बेहद साफ-साफ दिखाई देने लगा है।

डब्ल्यूएमओ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जिस तरह वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों में लगातार वृद्धि हो रही है, उससे वैश्विक तापमान में इसी तरह वृद्धि होने की पूरी संभावना है और इसकी वजह से जलवायु परिवर्तन की घटनाएं भी बढ़ने वाली हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में औसत वैश्विक तापमान पूर्व औद्योगिक काल के स्तर से लगभग 1.11 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। यहां उल्लेखनीय है कि पेरिस जलवायु सम्मेलन में वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए सभी देशों को ठोस जलवायु कार्रवाई की अपील की गई थी।

डब्ल्यूएमओ का कहना है कि वर्ष 1980 के बाद से हर एक दशक उससे पूर्व दशक की तुलना में ज्यादा गर्म रहा है और यही रुझान आगे भी जारी रहने की सम्भावना है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 2015 के बाद के समय में ही अब तक के सभी सर्वाधिक गर्म वर्ष रिपोर्ट किए गए हैं। अब तक के सर्वाधिक गर्म वर्षों में शीर्ष पर 2016 रहा है, जबकि दूसरे नंबर पर 2019 और 2020 रहे। साल 2016 में एक असाधारण मजबूत अल नीनो की घटना हुई, जिसके चलते वैश्विक औसत तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

अपनी विज्ञप्ति में डब्ल्यूएमओ ने अपने महासचिव पैट्टेरी टालस के हवाले से कहा कि 2021 में कई रिकॉर्ड घटनाएं हुई। जैसे कि कनाडा का तापमान अपने पहले के सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसी तरह अल्जीरिया के गर्म सहारा रेगिस्तान में भी बहुत अधिक बारिश की घटनाएं हुई, जबकि एशिया व यूरोप में जानलेवा बाढ़ के अलावा अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में अभूतपूर्व सूखा पड़ा।

उनका कहना है कि लगभग सभी महाद्वीप पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव देखा गया और इसकी वजह से हुई मौसमी दुर्घटनाओं की वजह से न केवल लोगों की जानें गई, बल्कि भारी नुकसान भी हुआ। 

इससे पहले नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) अपनी रिपोर्ट में 2021 को सर्वाधिक गर्म वर्षों में शामिल कर चुका है और बीते साल को इतिहास का छठा सबसे अधिक गर्म वर्ष बता चुका है। जबकि यूरोपियन यूनियन की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में भी 2021 को इतिहास का पांचवा सबसे गर्म वर्ष माना गया था।