भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 16 जनवरी को बताया कि साल 2018 पिछले 117 सालों (1901 के बाद) में छठा सबसे गर्म साल था। बता दें कि 1901 से ही तापमान को दर्ज करना शुरू हुआ था। आईएमडी का यह भी कहना है कि पिछला साल 1901 के बाद छठा ऐसा साल है जिसमें सबसे कम मॉनसून की बारिश दर्ज की गई।
साल 2018 में औसत तापमान (भूमि, सतह और वायु) 1981-2000 के औसत तापमान के मुकाबले 0.41 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इस कारण यह छठा सबसे गर्म साल बन गया।
आईएमडी के विश्लेषण यह बात साबित होती है कि भारत में गर्मी बढ़ रही है। विश्लेषण के मुताबिक, अब तक के सबसे गर्म 11 साल पिछले 15 वर्षों की अवधि अथवा 2002-2018 के दौरान ही रहे हैं। 2016 और 2017 के बाद लगातार तीसरा सबसे गर्म साल 2018 रहा।
आईएमडी के अनुसार, पिछला दशक (2001-2010/2009-2018) 0.23/0.37 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान के साथ सबसे गर्म दशक के रूप में दर्ज किया गया। 1901-2018 के दौरान औसत तापमान में 0.6 डिग्री सेल्सियस प्रति 100 वर्ष के हिसाब से बढ़ोतरी हुई। इस दौरान अधिकतम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जबकि न्यूनतम तापमान में अधिक गिरावट नहीं देखी गई। यह 0.2 डिग्री सेल्सियस रही।
विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन भारत की आधी आबादी का जीवन स्तर प्रभावित करने वाला है। साउथ एशियाज हॉटस्पॉट्स: इम्पैक्ट्स ऑफ टेंप्रेचर एंड प्रेसिपिटेशन चेंजेज ऑन लिविंग स्टैंडर्ड रिपोर्ट के अनुसार, तापमान में वृद्धि और आसामान्य बारिश से भारत के सकल घरेलू उत्पाद को 2.8 प्रतिशत नुकसान होगा।
इसमें कहा गया है कि भारत समेत आधा दक्षिण एशिया संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है और यह जीवनस्तर में गिरावट से प्रभावित होगा। करीब 60 करोड़ भारतीय ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां औसत तापमान और वर्षा जीवनस्तर में नकारात्मक प्रभाव डालेगी। इस क्षेत्रों को हॉटस्पॉट्स के नाम से जाना जाता है।
विश्व बैंक में दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रमुख अर्थशास्त्री मुथूकुमार मणि ने डाउन टू अर्थ को बताया कि हमने हॉटस्पॉट्स और अनुमान के आधार पर पता लगाया कि जलवायु परिवर्तन घरों के उपभोग को किस प्रकार प्रभावित करेगा। उन्होंने बताया कि आंकड़ों को परिवार स्तर पर जुटाया गया है जो ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विश्लेषण में मददगार हैं।
गर्मी की प्रवृत्ति अब सभी मौसमों में देखी जा रही है। इनमें ठंड के महीने जनवरी और फरवरी भी शामिल हैं। आईएमडी के अनुसार, जनवरी-फरवरी का तापमान औसत से 0.59 डिग्री सेल्सियस अधिक है। यह 1901 के बाद पांचवा सबसे गर्म मौसम है। मार्च से मई का पूर्व मॉनसून मौसम 0.55 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था जो इसे 1901 के बाद सातवां सबसे गर्म मौसम बनाता है।
इसी तरह मॉनसून में गिरावट की प्रवृत्ति देखी जा रही है। आईएमडी के अनुसार, 2018 में उत्तर पूर्वी मॉनसूनी मौसम (अक्टूबर-दिसंबर) में बारिश सामान्य से कम रही। 1951-2000 के औसत से यह एलपीए का 56 प्रतिशत थी। 1901 के बाद यह छठी सबसे कम बारिश है।