उमेश कुमार राय
हाड़-मांस झुलसा देने वाली भीषण गर्मी के बढ़ते असर को देखते हुए बिहार सरकार ने गया में धारा-144 के तहत लागू की गई निषेधाज्ञा का विस्तार पूरे बिहार में कर दिया है। सोमवार की शाम सीएम नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों के साथ आपात बैठक की। इस बैठक में धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा का विस्तार लू से बुरी तरह प्रभावित अन्य जिलों में भी किया गया।
मुख्य सचिव दीपक कुमार और स्वास्थ्य सचिव संजीव कुमार ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री के सचिव दीपक कुमार ने कहा, 'निषेधाज्ञा के तहत तीन जिलों औरंगाबाद, नवादा और गया में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक बाजार-दुकानें बंद रखने का आदेश दिया गया है।
वहीं, इस अवधि मेंकिसी तरह का निर्माण कार्य और मनरेगा के तहत कराते जाने वाले कार्य बंद रखने का आदेश पूरे राज्य के लिए जारी हुआ है। राज्य भर के स्कूल, कालेज और कोचिंग संस्थानों को अगले 22 जून तक बंद रखने का भी आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब है कि बिहार के अलग-अलग जिलों से मिल रही खबरों के अनुसार अब तक 500 से ज्यादा लोग भीषण गर्मी की चपेट में आकर बीमार पड़ चुके हैं। सबसे ज्यादा असर गया, औरंगाबाद और नवादा में देखा जा रहा है। इन जिलों के अस्पतालों में बढ़ती मरीजों की तादाद को देखते हुए एक दर्जन से ज्यादा अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की गई है।
इस बीच सोमवार को औरंगाबाद, नवादा और गया में लू से और 48 लोगों की मौत हो गई। इनमें सबसे ज्यादा मौतें गया में हुई हैं। गया में सोमवार को 16 लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। मरने वालों में ज्यादातर की उम्र 50 से 55 वर्ष बताई जा रही है।
चिकित्सकों का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे इस आयु वर्ग के लोग इस मौसम का आसान शिकार बन जाते हैं। भीषण गर्मी के कारण सूबे भर में आपात जैसे हालात बन गए हैं। दीपक कुमार ने लोगों से अपील की कि अगर अगले-दो-तीन दिनों में बारिश नहीं हुई तो एहतियातन सभी तरह के आवश्यक कदम उठाने को तैयार रहें।