उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 पर पहुंच गया है, जो 'गंभीर' स्थिति को दर्शाता है। यहां प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।
गाजियाबाद की तुलना में नगांव की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 32 दर्ज किया गया।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ है, जहां प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों से 2,100 फीसदी अधिक है।
245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा (390) दूसरे जबकि हापुड (383) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 364 अंकों के साथ मेरठ चौथे स्थान पर है।
नोएडा-दिल्ली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 358 और 351 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बहादुरगढ़ (348) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में सोनीपत (344), फतेहाबाद (325) और खुर्जा (318) भी शामिल हैं।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह शहर (गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, हापुड, मेरठ, खुर्जा) शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि 17 नवंबर 2025 को देश में गाजियाबाद की हवा सबसे खराब रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 401 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि 16 नवंबर को गाजियाबाद में एक्यूआई 419 दर्ज किया गया था। मतलब कि वहां कल से प्रदूषण में 18 अंकों की गिरावट आई है।
हालांकि इसके बावजूद गाजियाबाद में अभी भी स्थिति ‘गंभीर’ बनी हुई है और वहां गैस-चैम्बर जैसे हालत बने हुए हैं। रुझानों में सामने आया है कि गाजियाबाद की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गाजियाबाद से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में नगांव की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 32 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है।
गौरतलब है कि कल (16 नवंबर) बहादुरगढ़ की हवा सबसे खराब थी जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 439 दर्ज किया गया था। कल से तुलना करें तो बहादुरगढ़ में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां सूचकांक 91 अंकों की गिरावट के साथ घटकर 348 पर पहुंच गया है। हालांकि बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ है, जहां प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों से 2,100 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 नवंबर, 2025 को 245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 30.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 64.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से 15.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो कल से उनकी गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में 12 फीसदी की गिरावट रिकॉर्ड की गई। इसी तरह देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 247 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा (390) दूसरे जबकि हापुड (383) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 364 अंकों के साथ मेरठ चौथे स्थान पर है। नोएडा-दिल्ली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 358 और 351 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बहादुरगढ़ (348) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में सोनीपत (344), फतेहाबाद (325) और खुर्जा (318) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह शहर (गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, हापुड, मेरठ, खुर्जा) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि जहां गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, मेरठ, नोएडा, दिल्ली, बहादुरगढ़, सोनीपत, फतेहाबाद, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, अम्बाला, मंडीदीप, बारां, भिवाड़ी, चरखी दादरी, गुरूग्राम, फरीदाबाद, भोपाल, रोहतक, देवास, मानेसर, जबलपुर, यमुनानगर, भुवनेश्वर, पीथमपुर, कुरूक्षेत्र, सागर, गुम्मिडिपूंडी, नारनौल, ग्वालियर, कटक, मंडी गोबिंदगढ़, कोटा, बल्लभगढ़, करनाल, नांदेड़, बारबिल, बालासोर, तालचेर, नागपुर, सांगली, खन्ना, कटनी, अंगुल, परभनी, झालावाड़, प्रयागराज, भीलवाड़ा, पटना, जयपुर, कोलकाता, पिंपरी-चिंचवाड, बठिंडा, धारूहेड़ा, बेतिया, पाली, अमृतसर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं टोंक, नागौर, चुरू, सीकर, बीकानेर, सासाराम, दौसा, झुंझुनूं, धुले, गडग, जोधपुर, रतलाम, हिसार, उल्हासनगर, आगरा, श्री गंगानगर, क्योंझर, कोल्हापुर, अहमदाबाद, पटियाला, चंद्रपुर, जैसलमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), जालौर, सिंगरौली, बदलापुर, किशनगंज, भिवंडी, औरंगाबाद (बिहार), बिलीपाड़ा, उदयपुर, महाड, राजमहेंद्रवरम, बेंगलुरु, गांधीनगर, दुर्गापुर, वृंदावन, अजमेर, बाड़मेर, धनबाद, ठाणे, कल्याण, मोतिहारी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 4.5 फीसदी यानी महज 11 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोप्पल, नगांव, पालकालाइपेरुर, शिलांग, तिरुचिरापल्ली, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें छपरा, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, जलगांव, जलना, झांसी, कडपा, कन्नूर, काशीपुर, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, पलवल, पंचगांव, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गडग, गांधीनगर, गया, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे, तिरुमाला, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 1.7 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 30 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अम्बाला, बद्दी, बल्लभगढ़, बारां, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, चरखी दादरी, चुरू, कटक, देवास, फरीदाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, जबलपुर, करनाल, कोटा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, पीथमपुर, रोहतक, सागर, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 10 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बुलन्दशहर, दिल्ली, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, खुर्जा, मेरठ, नोएडा, सोनीपत शामिल हैं। वहीं गाजियाबाद (401) में स्थिति गंभीर है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 245 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 16 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 65 दर्ज किया गया था।
118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज गाजियाबाद (401) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल गाजियाबाद में सूचकांक 419 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 18 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता अभी भी 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है।
कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब थी, जब सूचकांक 439 दर्ज किया गया था। वहीं आज 17 नवंबर को 91 अंकों के सुधार के साथ बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 348 पर पहुंच गया।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी 351 बना हुआ है। इसी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 10 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 247 पर पहुंच गया।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 17 नवंबर को मेरठ चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (390) दूसरे, जबकि हापुड (383) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 220, गाजियाबाद में 401, गुवाहाटी में 69, गुरूग्राम में 253, नोएडा में 358, ग्रेटर नोएडा में 390 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 135 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 150, चेन्नई में 135, चंडीगढ़ में 137, हैदराबाद में 117, जयपुर में 167 और पटना में 168 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोप्पल, नगांव, पालकालाइपेरुर, शिलांग, तिरुचिरापल्ली, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, छपरा, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, जलगांव, जलना, झांसी, कडपा, कन्नूर, काशीपुर, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नयागढ़, पलवल, पंचगांव, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं: हवा में जहर: बहादुरगढ़ में 439 पर पहुंचा एक्यूआई, मानकों से 2,700 फीसदी अधिक प्रदूषण