फोटो: विकास चौधरी, सीएसई 
वायु

छोटी दिवाली पर प्रदूषण का हॉटस्पॉट बना उत्तरप्रदेश, गाजियाबाद में 333 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली में भी बिगड़ रही स्थिति

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। करीब 31 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 55 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं

Lalit Maurya

  • उत्तर प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, विशेषकर गाजियाबाद में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 333 तक पहुंच गया है।

  • गाजियाबाद में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 640 फीसदी अधिक है।

  • दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़ रहा है, जबकि शिलांग की हवा सबसे साफ है।

  • देश के 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जबकि 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में नोएडा (329) दूसरे जबकि हापुड (326) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 305 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है।

  • कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 9.1 फीसदी की इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 31 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 55 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।

आज एक बार फिर प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 333 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गाजियाबाद में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 640 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 324 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 9 अंकों का उछाल आया है।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 296 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में अच्छी-खासी गिरावट आई है, जहां 65 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 125 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में नोएडा (329) दूसरे जबकि हापुड (326) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 305 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है। बागपत-दिल्ली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 300 और 296 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बहादुरगढ़ (294) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज रोहतक (290), नारनौल (289), ग्रेटर नोएडा (287) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के सात शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड, बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां हापुड, बल्लभगढ़, बागपत, बहादुरगढ़, रोहतक, नारनौल, बठिंडा, मंडीदीप, नंदेसरी, बुलन्दशहर, धुले, वापी, मुजफ्फरनगर, धौलपुर, अंगुल, पीथमपुर, हनुमानगढ़, हाजीपुर, कल्याण , मानेसर, नांदेड़, कानपुर, रूपनगर, बेलापुर, भोपाल, बारबिल, सोनीपत, आसनसोल, बारीपदा, मंडी गोबिंदगढ़, नवी मुंबई, परभनी, सिंगरौली, कुरूक्षेत्र, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, कैथल, सीकर, बालासोर, मुंबई, मीरा-भायंदर, नागपुर, धारूहेड़ा, अंकलेश्वर, सांगली, अम्बाला, कटक, फतेहाबाद, गुम्मिडिपूंडी, तालचेर, अमरावती (महाराष्ट्र), जयपुर, भागलपुर, ब्यासनगर, जालंधर, अहमदाबाद, पंचकुला, जलगांव, करनाल, लातूर, मालेगांव, भुवनेश्वर, जींद, उल्हासनगर, हावड़ा, देवास, चेंगलपट्टू, बेतिया, गोरखपुर, काशीपुर, चेन्नई, हैदराबाद, कटिहार, बेगूसराय, समस्तीपुर, विरार आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, बीकानेर, मेरठ, गुरूग्राम, खुर्जा, जालौर, आगरा, झुंझुनूं, रायरंगपुर, टोंक, श्री गंगानगर, ग्वालियर, धनबाद, वृंदावन, मुरादाबाद, बिलीपाड़ा, गया, चुरू, जलना, लखनऊ, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, पटना, चंद्रपुर, दौसा, पाली, फिरोजाबाद, क्योंझर, सिवान, करौली, फरीदाबाद, बोईसर, लुधियाना, हल्दिया, पानीपत, भरतपुर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 13.9 फीसदी यानी 36 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में कोल्लम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, सलेम, शिलांग, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर आदि शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 9.1 फीसदी की इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कांचीपुरम, कन्नूर, खन्ना, कोहिमा, कुंजेमुरा, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, पंचगांव, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 112 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अम्बाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, विरार, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 9.8 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी आठ फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंताजनक है।

आज देश के जिन 27 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अंगुल, बागपत, बहादुरगढ़, बठिंडा, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलन्दशहर, दिल्ली, धौलपुर, धुले, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, कल्याण , कानपुर, खुर्जा, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, पीथमपुर, रोहतक, वापी शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 258 में से 36 शहरों (+9.1 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 79 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 18 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 88 दर्ज किया गया था।

112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (333) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 28 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 296 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद एक्यूआई घटकर 125 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (329) दूसरे, जबकि हापुड (306) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 333, गुवाहाटी में 75, गुरूग्राम में 245, नोएडा में 329, ग्रेटर नोएडा में 287 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 146, चेन्नई में 109, चंडीगढ़ में 118, हैदराबाद में 109, जयपुर में 139 और पटना में 133 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, बागलकोट, भिवानी, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कारवार, कोल्लम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, सलेम, शिलांग, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, आरा, बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बैरकपुर, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कांचीपुरम, कन्नूर, खन्ना, कोहिमा, कुंजेमुरा, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, पंचगांव, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।