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वायु

जहरीली हवा: प्रदूषण में अव्वल धारूहेड़ा, दिल्ली में मानकों से 23 गुणा अधिक प्रदूषण

आज भी देश में प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब रही। लगातार नौवें दिन दिल्ली में प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 353 तक पहुंच गया है, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि इस बार भी दिवाली पर प्रदूषण को कम करने के दावे पूरी तरह विफल रहे हैं

Lalit Maurya

  • धारूहेड़ा में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 2,400 फीसदी अधिक है, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।

  • दिल्ली में भी स्थिति गंभीर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 पर पहुंच गया है, जो डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,250 फीसदी अधिक है।

  • दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धारूहेड़ा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।

  • विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 12.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • वहीं करीब 28.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 58.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 67 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 201 पर पहुंच गया है।

देश में मौसम के बदलाव के साथ त्यौहारों की धमक भी हवा पर साफ तौर पर दिखने लगी है। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के मौके पर जमकर हुई आतिशबाजी ने हवा को एक बार फिर जहरीला बना दिया। हालात यह हैं कि दो दिन बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है। आज प्रदूषण के मामले में हरियाणा का धारूहेड़ा पहले स्थान पर है, जहां बढ़ता प्रदूषण पूरी तरह हावी है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 379 पर पहुंच गया है।

मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

धारूहेड़ा में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,400 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता का स्तर 412 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 33 अंकों का सुधार आया है।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धारूहेड़ा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 12.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 28.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 58.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की खबर यह है कि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।

रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 70 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी करीब 39  फीसदी का इजाफा देखा गया है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

राहत की खबर यह है कि आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 51  फीसदी की कमी आई है। वहीं दूसरी तरफ बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 353 पर पहुंच गया। दिल्ली में हालात इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,250 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 67 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 201 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली (353) दूसरे जबकि रोहतक (349) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 332 अंकों के साथ नारनौल चौथे स्थान पर है। भिवानी-चरखी दादरी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 331 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज नोएडा (330) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज भिवाड़ी (323), गाजियाबाद (321) और यमुनानगर (320) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के छह शहर (धारूहेड़ा, रोहतक, नारनौल, भिवानी, चरखी दादरी, यमुनानगर) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां धारूहेड़ा, दिल्ली, रोहतक, नारनौल, भिवानी, चरखी दादरी, नोएडा, भिवाड़ी, गाजियाबाद, यमुनानगर, जींद, मेरठ, अम्बाला, ग्रेटर नोएडा, फतेहाबाद, नंदेसरी, हापुड, श्री गंगानगर, बागपत, हनुमानगढ़, मानेसर, बल्लभगढ़, मंडी गोबिंदगढ़, भरतपुर, बुलन्दशहर, गुरूग्राम, लुधियाना, सोनीपत, मुजफ्फरनगर, धौलपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।

गोरखपुर, बीकानेर, खुर्जा, बिलीपाड़ा, मैहर, किशनगंज, जालौर, सीकर, सिंगरौली, सूरत, बाड़मेर, चुरू, धनबाद, सासाराम, गया, वृंदावन, रतलाम, वातवा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 12.9 फीसदी यानी 34 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, झांसी, करूर, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।  

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 70 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 38.9    फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें चेन्नई, छपरा, चित्तूर, दमोह, धारवाड़, एलूर, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, राउरकेला, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 99 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छाल, चुरू, कटक, देहरादून, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हिसार, होसुर, हावड़ा, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, पाली, पलवल, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रतलाम, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सूरत, तालचेर, ठाणे, उदयपुर, वापी, वाराणसी, वातवा, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 2.9 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब 51 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जोकि राहत की खबर है।

आज देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अजमेर, अमृतसर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बुलन्दशहर, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, धुले, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, कैथल, कानपुर, करनाल, खन्ना, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, सागर, सोनीपत, श्री गंगानगर, टोंक शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अम्बाला, भिवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, दिल्ली, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जींद, मेरठ, नंदेसरी, नारनौल, नोएडा, रोहतक, यमुनानगर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 21.4 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 264 में से 34 शहरों (70 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 54 दर्ज किया गया था।

99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में धारूहेड़ा (379) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। कल जींद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 421 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 2 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 353 पर पहुंच गया है। मतलब की कल की तरह आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 67 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही एक्यूआई घटकर 201 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नारनौल चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (353) दूसरे, जबकि रोहतक (349) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 195, गाजियाबाद में 321, गुवाहाटी में 119, गुरूग्राम में 281, नोएडा में 330, ग्रेटर नोएडा में 308 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 110 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 183, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 174, हैदराबाद में 73, जयपुर में 247 और पटना में 190 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, आरा, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, झांसी, करूर, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, दमोह, धारवाड़, एलूर, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, राउरकेला, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमिडीह, उल्हासनगर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।