थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 251 तक पहुंच गया है, जो देश में सबसे अधिक प्रदूषित है।
यह स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 458% अधिक है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
वहीं, शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई केवल 8 है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 53 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा साफ है।
देश के सभी शहरों में आज थूथुकुडी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 251 तक पहुंच गया है। इस दौरान तमिलनाडु के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 458 फीसदी अधिक है।
मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 55 दर्ज किया गया था। ऐसे में कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 196 अंकों का भारी उछाल आया है।
आंकड़ों के मुताबिक कल छपरा में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 दर्ज किया गया था। मतलब कि आज वहां वायु गुणवत्ता में 26 अंकों का सुधार आया है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर थूथुकुडी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 53 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा साफ है।
रुझानों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में गुवाहाटी दूसरे जबकि बिलीपाड़ा तीसरे स्थान पर है। बता दें जहां गुवाहाटी में सूचकांक 124 दर्ज किया गया, वहीं बिलीपाड़ा में 117 तक पहुंच गया है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आज सहरसा (117), श्रीगंगानगर (117), छपरा (114), नोएडा (106), चंडीगढ़ (104) भी शामिल हैं।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां श्रीगंगानगर में पीएम2.5 हावी है। वहीं थूथुकुडी, बिलीपाड़ा, सहरसा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कई शहरों में ओजोन से हालात खराब हैं।
इन शहरों के उलट आज देश में 114 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, करौली, करूर, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज आदि शामिल हैं।
हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश के छोटे बड़े 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जालंधर, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।
राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसद से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं इन शहरों के विपरीत आज एक बार फिर देश के सात शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बिलीपाड़ा, चंडीगढ़, छपरा, गुवाहाटी, नोएडा, सहरसा, श्रीगंगानगर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 214 में से 114 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 92 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 07 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 90 दर्ज किया गया था।
7 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में थूथुकुडी (251) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल छपरा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सहरसा चौथे स्थान पर है, वहीं गुवाहाटी (124) दूसरे, जबकि बिलीपाड़ा (117) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 52, गाजियाबाद में 81, गुवाहाटी में 124, गुरूग्राम में 51, नोएडा में 106, देहरादून में 22 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 104, हैदराबाद में 78, जयपुर में 35 और पटना में 93 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 114 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, करौली, करूर, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उदयपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दिल्ली, देवास, धुले, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जालंधर, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सतना, सिलचर, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।