देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ मेघालय का बर्नीहाट एक बार फिर पहले स्थान पर पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 224 दर्ज किया गया है। प्रदूषण का यह स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों से कई गुणा ज्यादा है।
गौरतलब है कि सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने भी अपनी नई रिपोर्ट में बर्नीहाट को सबसे प्रदूषित शहर के रूप में दर्शाया था, जहां 2024 के शुरूआती छह महीनों में प्रदूषण दूसरे शहरों से कहीं ज्यादा था। प्रदूषण के मामले में कैथल दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 201 दर्ज किया गया है। इसी तरह भागलपुर, भिवाड़ी, दौसा, धनबाद, किशनगंज, और मुंगेर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
दूसरी तरफ यदि देश में सबसे साफ हवा वाले शहर की बात करें तो मदिकेरी में एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। यदि बर्नीहाट में पसरे प्रदूषण की तुलना मदिकेरी से करें तो वायु गुणवत्ता 11 गुणा खराब है। मदिकेरी की तरह ही देश के छोटे बड़े 95 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि इन शहरों में भी कल से करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में साफ हवा वाले शहरों में चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैंगलोर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूरु, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक आदि शहर शामिल हैं।
वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो भारी बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। गौरतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में मामूली बढ़ोतरी हुई है। जहां वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 25 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। इन शहरों में बद्दी, बागपत, बल्लबगढ़, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बक्सर, दौसा, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, इम्फाल, जींद, खुर्जा, किशनगंज, लुधियाना, मानेसर, मुंगेर, रायचुर, रोहतक, विशाखापत्तनम शामिल रहे। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों से पता चला है कि देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनू, कलबुर्गी, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोलकाता आदि शहर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से 95 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। 26 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (224) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (96) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से एक अंक की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 104, गाजियाबाद में 108, गुरुग्राम में 117, नोएडा में 82, ग्रेटर नोएडा में 119 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 74, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 71, हैदराबाद में 58, जयपुर में 49 और पटना में 88 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 95 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अरियालुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेलगाम, भिलाई, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैंगलोर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूरु, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पलवल, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सांगली, सासाराम, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरूपति, टोंक, तुमकुरु, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनू, कलबुर्गी, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सूरत, तालचेर, त्रिशूर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, वृन्दावन, यमुनानगर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।