देश में आज साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब छह फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही इन शहरों की गिनती घटकर 80 पर पहुंच गई। साफ हवा वाले शहरों में आज करौली की हवा सबसे बेहतर है, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 12 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश के जिन शहरों में हवा साफ है, उनमें दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, हनुमानगढ़, हुबली, जबलपुर, झांसी, झुंझुनूं, कल्याण, करौली, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर आदि शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 172 दर्ज किया गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 37 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब छह फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है।
हालांकि आज देश के एक भी शहर में हवा 'खराब' या 'बेहद खराब' श्रेणी में नहीं है। रुझानों पर नजर डालें तो ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी हैं। बता दें कि कल देश में सूरत की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 330 पर पहुंच गया था। हालांकि कल से सूरत की वायु गुणवत्ता में 178 अंकों का भारी सुधार आया है।
रुझानों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में सूरत (152) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (147) तीसरे पायदान पर है। इसी तरह 142 अंकों के साथ मेघालय का बर्नीहाट शहर चौथे स्थान पर बना हुआ है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति किशनगंज और श्रीगंगानगर में भी बनी हुई है, जहां एक्यूआई 141 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह विशाखापत्तनम (134) सातवें पायदान पर है।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बोईसर (132), इंफाल (111), और नोएडा (108) भी शामिल हैं।
आंकड़ों से पता चला है कि सूरत, बर्नीहाट, किशनगंज, श्रीगंगानगर, नोएडा आदि शहरों की हवा में पीएम2.5 हावी हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा, विशाखापत्तनम, गाजियाबाद, बद्दी आदि की हवा में पीएम10 जबकि गुरूग्राम, बोईसर, दिल्ली आदि की हवा में बढ़ते ओजोन से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
अहमदाबाद सहित आज देश के छोटे बड़े 126 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा आदि शामिल हैं।
राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 26 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 105 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्ली की तरह ही आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बोईसर, बर्नीहाट, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, किशनगंज, नोएडा, श्रीगंगानगर, सूरत, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम श्रेणी वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 219 में से 80 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 126 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 11 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 123 दर्ज किया गया था।
13 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (172) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल सूरत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 330 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 105 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं सूरत (152) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (147) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 74, गाजियाबाद में 107, गुवाहाटी में 57, गुरूग्राम में 147, नोएडा में 108, ग्रेटर नोएडा में 172 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 62, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 80, हैदराबाद में 73, जयपुर में 72 और पटना में 72 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 80 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागलकोट, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, हनुमानगढ़, हुबली, जबलपुर, झांसी, झुंझुनूं, कल्याण, करौली, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, सिलीगुड़ी, गरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अमरावती (आन्ध्राप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, पाली, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, तालचेर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 126 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।