फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

साफ हवा वाले शहरों में आई 39 फीसदी की गिरावट, सुधार के बावजूद दिल्ली में जहरीली है बयार

रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 54 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं

Lalit Maurya

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कल यानी 26 फरवरी 2025 से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 39 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं देश में उन शहरों की संख्या में दस फीसदी का इजाफा हुआ है, जिनमें वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। यह इस ओर इशारा है कि देश में एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक देश में आज 27 फरवरी 2025 को बिहार के हाजीपुर में हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 272 दर्ज किया गया।

इसी तरह बारीपदा देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 220 दर्ज किया गया है। कमोबेश मोतिहारी में ही ऐसी ही स्थिति है, जो प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर रहा, जहां सूचकांक 216 दर्ज किया गया है।

राजधानी दिल्ली, जो कल प्रदूषण में पहले स्थान पर थी, वहां आज प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया है।

214 अंकों के साथ दौसा प्रदूषण के मामले में पांचवें स्थान पर रहा। वहीं हावड़ा छठे, जबकि आसनसोल सातवें स्थान पर रहा। इसी तरह अंगुल, बारबिल, गया और महाड में भी एक्यूआई 200 के ऊपर बना हुआ है।

देखा जाए तो देश में 11 शहरों की हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों की गिनती में कल से दस फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में झांसी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 34 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना झांसी से करें तो वहां स्थिति सात गुणा ज्यादा खराब है। झांसी की तरह ही देश के दस अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में अच्छी खासी गिरावट आई है।

देश में आइजोल की तरह ही 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इनमें मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहां आज भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 107 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, कुड्डालोर, धनबाद, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 54 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 40 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

देश के 230 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया।

107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (272) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 247 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 32 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 215 पर पहुंच गया, हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी खराब श्रेणी में बना हुआ है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बारीपदा (220) दूसरे, जबकि मोतिहारी (216) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 122, गाजियाबाद में 168, गुरुग्राम में 167, नोएडा में 105, ग्रेटर नोएडा में 149 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 168, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 82, हैदराबाद में 85, जयपुर में 103 और पटना में 179 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, झांसी, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बद्दी, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कल यानी 26 फरवरी 2025 से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 39 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं देश में उन शहरों की संख्या में दस फीसदी का इजाफा हुआ है, जिनमें वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। यह इस ओर इशारा है कि देश में एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक देश में आज 27 फरवरी 2025 को बिहार के हाजीपुर में हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 272 दर्ज किया गया।

इसी तरह बारीपदा देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 220 दर्ज किया गया है। कमोबेश मोतिहारी में ही ऐसी ही स्थिति है, जो प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर रहा, जहां सूचकांक 216 दर्ज किया गया है।

राजधानी दिल्ली, जो कल प्रदूषण में पहले स्थान पर थी, वहां आज प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया है।

214 अंकों के साथ दौसा प्रदूषण के मामले में पांचवें स्थान पर रहा। वहीं हावड़ा छठे, जबकि आसनसोल सातवें स्थान पर रहा। इसी तरह अंगुल, बारबिल, गया और महाड में भी एक्यूआई 200 के ऊपर बना हुआ है।

देखा जाए तो देश में 11 शहरों की हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों की गिनती में कल से दस फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में झांसी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 34 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना झांसी से करें तो वहां स्थिति सात गुणा ज्यादा खराब है। झांसी की तरह ही देश के दस अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में अच्छी खासी गिरावट आई है।

देश में आइजोल की तरह ही 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इनमें मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहां आज भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 107 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, कुड्डालोर, धनबाद, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 54 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 40 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

देश के 230 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया।

107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (272) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 247 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 32 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 215 पर पहुंच गया, हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी खराब श्रेणी में बना हुआ है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बारीपदा (220) दूसरे, जबकि मोतिहारी (216) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 122, गाजियाबाद में 168, गुरुग्राम में 167, नोएडा में 105, ग्रेटर नोएडा में 149 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 168, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 82, हैदराबाद में 85, जयपुर में 103 और पटना में 179 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, झांसी, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बद्दी, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।