दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक 
वायु

बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों में बिगड़े हैं हालात, बर्नीहाट में सबसे ज्यादा है प्रदूषण

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कई दिनों की गिरावट के बाद एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है

Lalit Maurya

देश में बढ़ता प्रदूषण अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, छोटे शहर भी इससे लगातार जूझ रहे हैं। इसका जीता जागता सबूत मेघालय का बर्नीहाट है, जो आज प्रदूषण के मामले में देश में अव्वल है। गौरतलब है कि बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 तक पहुंच गया है।

इसी तरह अंगुल (319), हावड़ा (308), हल्दिया (307), हाजीपुर (306) और अगरतला (304) में भी एक्यूआई बेहद खराब बना हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कई दिनों की गिरावट के बाद एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 अंक बढ़कर 200 के करीब पहुंच गया।

इसी तरह फरीदाबाद में भी 14 अंकों का उछाल दर्ज किया गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। 

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में छोटे-बड़े 14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, बैरकपुर, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, कटक, दौसा, दुर्गापुर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नागौर, नागपुर, पटना, सिंगरौली, विरार शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में मंगलौर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना मंगलौर से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।

मंगलौर की तरह ही देश के 38 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में ढाई फीसदी की गिरावट आई है।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी गिरावट आई है। साढ़े छह फीसदी की गिरावट के साथ इन शहरों की संख्या घटकर 87 रह गई है। देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है, उनमें मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, ऊटी, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ देश के 112 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, दिल्ली, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सिवान, सोनीपत, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों का विश्लेषण करें तो देश के 15 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ बनी हुई है, वहीं 51 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक है। दूसरी तरफ देश के करीब 34 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से महज 39 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 दिसंबर को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था। 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 32 अंकों का इजाफा हुआ है। राहत की बात यह रही की इस वृद्धि के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि 15 अक्टूबर के बाद यह तीसरा दिन है जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है।

वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज हल्दिया चौथे स्थान पर है, वहीं अंगुल (319) दूसरे, जबकि हावड़ा (308) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 180, गाजियाबाद में 136, गुरुग्राम में 168, नोएडा में 125, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 180 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 114, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 179, हैदराबाद में 77, जयपुर में 131 और पटना में 247 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कारवार, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, कोयंबटूर, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, ऊटी, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में बढ़ता प्रदूषण अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, छोटे शहर भी इससे लगातार जूझ रहे हैं। इसका जीता जागता सबूत मेघालय का बर्नीहाट है, जो आज प्रदूषण के मामले में देश में अव्वल है। गौरतलब है कि बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 तक पहुंच गया है।

इसी तरह अंगुल (319), हावड़ा (308), हल्दिया (307), हाजीपुर (306) और अगरतला (304) में भी एक्यूआई बेहद खराब बना हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कई दिनों की गिरावट के बाद एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 अंक बढ़कर 200 के करीब पहुंच गया।

इसी तरह फरीदाबाद में भी 14 अंकों का उछाल दर्ज किया गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। 

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में छोटे-बड़े 14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, बैरकपुर, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, कटक, दौसा, दुर्गापुर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नागौर, नागपुर, पटना, सिंगरौली, विरार शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में मंगलौर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना मंगलौर से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।

मंगलौर की तरह ही देश के 38 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में ढाई फीसदी की गिरावट आई है।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी गिरावट आई है। साढ़े छह फीसदी की गिरावट के साथ इन शहरों की संख्या घटकर 87 रह गई है। देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है, उनमें मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, ऊटी, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ देश के 112 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, दिल्ली, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सिवान, सोनीपत, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों का विश्लेषण करें तो देश के 15 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ बनी हुई है, वहीं 51 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक है। दूसरी तरफ देश के करीब 34 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से महज 39 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 दिसंबर को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था। 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 345 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 32 अंकों का इजाफा हुआ है। राहत की बात यह रही की इस वृद्धि के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि 15 अक्टूबर के बाद यह तीसरा दिन है जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है।

वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज हल्दिया चौथे स्थान पर है, वहीं अंगुल (319) दूसरे, जबकि हावड़ा (308) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 180, गाजियाबाद में 136, गुरुग्राम में 168, नोएडा में 125, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 180 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 114, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 179, हैदराबाद में 77, जयपुर में 131 और पटना में 247 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कारवार, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, कोयंबटूर, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, ऊटी, पलवल, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।