फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

देश में करीब 12 फीसदी बढ़ा साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भी आया सुधार

Lalit Maurya

देश में करीब 12 फीसदी के इजाफे के साथ साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर 75 पर पहुंच गया है। वहीं कल इन शहरों की संख्या 67 दर्ज की गई थी। इन शहरों में बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कबल्लापुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देवास, धुले, एलूर, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावेरी, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाद, मैहर आदि शहर शामिल थे। आंकड़ों के मुताबिक देश में मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 18 दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 रिकॉर्ड किया गया। श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता की तुलना मदिकेरी से करें तो हवा करीब 16 गुणा खराब है। इसी तरह देश के चार अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में बर्नीहाट (223), धनबाद (216), डूंगरपुर (247), रोहतक (212), शामिल रहे। कल से तुलना करें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की हवा में भी कल से सुधार आया है, जहां तीन अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 136 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद में प्रदूषण की स्थिति जस की तस बनी हुई है। बता दें कि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इसी तरह देश के 40 शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, दिल्ली, धारूहेड़ा, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हाजीपुर, इम्फाल, जैसलमेर, जालंधर, करौली, खन्ना, खुर्जा, लुधियाना, मंडी गोविंदगढ़, मुजफ्फरनगर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नोएडा, पंचकुला, पटना, राजगीर, समस्तीपुर, सासाराम, सिरसा, त्रिशूर, वृंदावन आदि शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में इन शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कल से करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद देश के 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इनमें अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपाड़ा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चूरू, कटक, दौसा, देहरादून, धारवाड़, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालोर, झालावाड़, झांसी जैसे शहर शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश की वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 75 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 जून 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

40 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं पांच शहरों बर्नीहाट, धनबाद, डूंगरपुर, रोहतक और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में श्री गंगानगर (280) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स तीन अंक गिरकर 136 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 124, गाजियाबाद में 160, गुरुग्राम में 165, नोएडा में 139, ग्रेटर नोएडा में 167 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 116, हैदराबाद में 55, जयपुर में 78 और पटना में 120 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

प्रयागराज (48) सहित देश के जिन 75 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 19, अकोला 39, अमरावती 38, अमरावती 26, अरियालुर 34, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 42, बागलकोट 42, बारां 45, बरेली 21, बैरकपुर 47, बेंगलुरु 47, भिलाई 40, भिवंडी 49, बिलासपुर 40, बोईसर 38, चामराजनगर 42, चंद्रपुर 29, चिक्कबल्लापुर 32, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 19, दमोह 40, दावनगेरे 22, देवास 50, धुले 41, एलूर 43, गडग 48, गंगटोक 24, हल्दिया 47, हसन 32, हावेरी 36, जलगांव 48, जलना 27, कलबुर्गी 31, कल्याण 29, कारवार 32, क्योंझर 49, किशनगंज 49, कोहिमा 39, कोल्हापुर 50, कोलकाता 41, कोप्पल 46, कोरबा 48, लातूर 47, मदिकेरी 18, महाद 38, मैहर 44, मंडीखेड़ा 35, मोतिहारी 37, मुंबई 43, मैसूरु 32, नागांव 43, नागपुर 43, नारनौल 47, नासिक 42, नवी मुंबई 50, पिंपरी-चिंचवाड़ 30, पुदुचेरी 43, रामनगर 29, राउरकेला 50, सांगली 41, सतना 43, शिवमोगा 44, सिलीगुड़ी 40, ठाणे 42, तिरुवनंतपुरम 38, थूथुकुडी 38, तिरुपति 43, तिरुपुर 31, टोंक 50, उल्हासनगर 49, वापी 48, वाराणसी 31, वेल्लोर 24, विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपाड़ा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चूरू, कटक, दौसा, देहरादून, धारवाड़, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालोर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यमुना नगर आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।