वायु

24 फीसदी पर पहुंचा साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा, इंफाल-मेरठ-मुजफ्फरनगर में जानलेवा रही हवा

वहीं देश के जिन दस शहरों में स्थिति सबसे खराब थी, उनमें तालचेर, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, हापुड, नोएडा, गाजियाबाद, दुर्गापुर शामिल थे

Lalit Maurya

देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 60 पर पहुंच गई है। इन शहरों की संख्या में पालकलाईपेरुर की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 रिकॉर्ड किया गया है।

इसी तरह देश के जिन दस शहरों में हवा सबसे साफ रही उनमें गंगटोक, शिवसागर, शिलांग, चिकबलपुर, मदिकेरी, दावनगेरे, रामनाथपुरम, वेल्लोर और विरुधुनगर शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश के करीब 24 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, मैसूर, नारनौल, रोहतक, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर आदि शहर शामिल थे।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 145 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना आदि शहर शामिल थे।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में भारी गिरावट आई है। जहां 38 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 145 पर पहुंच गया है। पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है, जहां कल से 25 अंकों की गिरावट के बाद एक्यूआई गिरकर 77 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सुधार के बाद एक बार फिर संतोषजनक हो गई है। वहीं दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 43 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। इन शहरों में अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, कटक, दिल्ली, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जालंधर, कैथल, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, नागपुर, नोएडा, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, रायचूर, राउरकेला, सिवान, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, विजयपुरा, यमुनानगर शामिल थे।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी की गिरावट आई है।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि तीन शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में इंफाल (228), मेरठ (235) और मुजफ्फरनगर (276) शामिल थे। वहीं देश के जिन दस शहरों में स्थिति सबसे खराब थी, उनमें तालचेर, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, हापुड, नोएडा, गाजियाबाद, दुर्गापुर शामिल थे।

कुल मिलकर देखें तो देश के करीब 24 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि करीब 58 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं देश के करीब 19 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से 60 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 145 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 130 दर्ज किया गया था। 44 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (276) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (145) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 38 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 77, गाजियाबाद में 164, गुरुग्राम में 98, नोएडा में 168, ग्रेटर नोएडा में 190 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 88, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 108, हैदराबाद में 67, जयपुर में 98 और पटना में 76 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 60 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, बिहारशरीफ, बिलासपुर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, एलूर, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कटिहार, किशनगंज, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मालेगांव, मंगलौर, मोतिहारी, मैसूर, नारनौल, नासिक, पालकलाईपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, रामनगर, रामनाथपुरम, रोहतक, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 145 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।