फोटो: विकास चौधरी 
वायु

बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों में बिगड़ी हवा, आज भी प्रदूषण में अव्वल रहा इम्फाल

इसी तरह देश के चार अन्य शहरों में हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। इन शहरों में बर्नीहाट, देवास, पीथमपुर और उज्जैन शामिल हैं

Lalit Maurya

देश में बड़े शहरों को पीछे छोड़ छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। इसका एक बड़ा उदाहरण इम्फाल है, जहां लगातार कई दिनों से स्थिति बेहद खराब है। हालात यह हैं कि दो दिन पहले तो प्रदूषण आपात स्थिति तक पहुंच गया था। वहीं ताजा रुझानों पर नजर डालें तो इम्फाल में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है।

इसी तरह देश के चार अन्य शहरों में हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। इन शहरों में बर्नीहाट (223), देवास (209), पीथमपुर (235) और उज्जैन (249) शामिल हैं, जहां एक्यूआई 200 के पार है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो इनमें टोंक, बालासोर, दुर्गापुर, मेरठ, और मुजफ्फरनगर भी शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि इम्फाल की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर से करें तो स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।

गौरतलब है कि देश में रामनाथपुरम की तरह ही 64 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में ऊटी, पालकालाइपेरुर, पलवल, पंचकुला, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रोहतक, सहरसा, सलेम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गई है, जहां 32 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 132 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा देखा गया, जहां नौ अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 96 पर पहुंच गया है। हालांकि राहत की बात यह रही कि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक बना हुआ है।

आंकड़ों पर नजर डाले तो देश में फरीदाबाद की तरह ही 108 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में गुवाहाटी, हसन, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, जोधपुर, कैथल, करौली, करनाल, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ आदि शामिल हैं। हालांकि कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

दूसरी तरफ देश में दिल्ली की तरह ही 70 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अंबाला, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बठिंडा, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, कोल्हापुर, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नोएडा, पाली, पटना, प्रतापगढ़, रायचुर, राजगीर, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, थूथुकुडी, टोंक, उदयपुर आदि शहर शामिल थे।

वहीं कल से इन शहरों की संख्या में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में 30 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए है। वहीं 26 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है, जबकि करीब 44 फीसदी शहरों में प्रदूषण की स्थिति अब भी संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 250 में से 65 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 108 दर्ज किया गया था। 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में इंफाल (301) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (132) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 32 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 96, गाजियाबाद में 152, गुरुग्राम में 110, नोएडा में 120, ग्रेटर नोएडा में 136 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 37, चंडीगढ़ में 96, हैदराबाद में 68, जयपुर में 132 और पटना में 104 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 65 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, भुवनेश्वर, बीदर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पलवल, पंचकुला, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रोहतक, सहरसा, सलेम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तुमकुरु, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारबिल, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, दमोह, दौसा, देहरादून, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, जोधपुर, कैथल, करौली, करनाल, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश, राउरकेला, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यमुनानगर आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।