फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

प्रदूषण से फिर बिगड़ रही हवा, बर्नीहाट, जींद, श्रीगंगानगर में दमघोंटू हुए हालात

Lalit Maurya

देश में धीरे-धीरे प्रदूषण एक बार फिर पैर पसार रहा है, आलम यह है कि बर्नीहाट, जींद, श्रीगंगानगर में हालात दमघोंटू हो चुके हैं। बर्नीहाट तो बाकी सभी शहरों को पीछे छोड़ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 264 पर पहुंच गया है। इसी तरह जींद (251) और श्रीगंगानगर (234) में स्थिति खराब बनी हुई है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, भिवाड़ी, फरीदाबाद, सुआकाती, अम्बाला और नोएडा शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। यदि बर्नीहाट की तुलना रामनाथपुरम की हवा से करें तो स्थिति करीब 18 गुणा ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की हवा में घुले जहर में एक बार फिर इजाफा दर्ज किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 30 अंक बढ़कर 106 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी 56 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वहां एक्यूआई बढ़कर 124 पर पहुंच गया है।

इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। इसी तरह देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है। इन शहरों में अम्बाला, बद्दी, भिवाड़ी, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, खुर्जा, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रायचुर, सुआकाती, तुमकुरु, आदि शहर शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 167 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं रामनाथपुरम की तरह ही देश के 125 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में झांसी, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम आदि शहर शामिल थे।

कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 86 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल की तुलना में उन शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि देश में दमोह, देवास, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोल्लम आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश के करीब 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है, जबकि 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं देश के आठ फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 126 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। 16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (264) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (106) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 30 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 124, गाजियाबाद में 101, गुरुग्राम में 108, नोएडा में 121, ग्रेटर नोएडा में 176 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 54, जयपुर में 64 और पटना में 60 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 126 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कटक, दौसा, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दमोह, देवास, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मोतिहारी, नगांव, नारनौल, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोनीपत, सूरत, तालचेर, थूथुकुडी, उज्जैन, वापी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।